सेहत

Overthinking : छोड़ दें ज्यादा सोचने की आदत, वरना बिना संकेत घेर लेंगी ये 4 गंभीर बीमारियां

जब आप ज्यादा सोचते हैं तो हमारा दिमाग लगातार एक प्रकार के प्रेशर में रहता है जिसका असर शरीर के बाकी अंगों और हार्मोनल हेल्थ पर भी होता है। ऐसे में इन तमाम गतिविधियों के बीच शरीर बीमार पड़ने लगता है और ये गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

Overthinking : ज्यादा सोचने से आपको हो सकती है ये बिमारिया,इसलिए रहें इस आदत से दूर


जब आप ज्यादा सोचते हैं तो हमारा दिमाग लगातार एक प्रकार के प्रेशर में रहता है जिसका असर शरीर के बाकी अंगों और हार्मोनल हेल्थ पर भी होता है। ऐसे में इन तमाम गतिविधियों के बीच शरीर बीमार पड़ने लगता है और ये गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

ज्यादा सोचने से बनता है दिमाग पर प्रेशर –

कुछ लोग हर बात पर ज्यादा सोचते हैं। दूसरों की तुलना ऐसे लोगों का दिमाग कभी शांत नहीं रहता और हमेशा सोच-विचार में लगा रहता है। पर ये आदत हमारे सेहत के लिए सही नहीं होता है। क्योंकि जब आप सोचते हैं तो दिमाग पर लगातार एक प्रकार के प्रेशर में बना रहता है जिसका असर शरीर के बाकी अंगों और हार्मोनल हेल्थ पर भी पड़ता है। तथा इसके अलावा ये स्ट्रेस देता है, आपको सही से भूख-प्यास नहीं लगती है और कई बार तो  ये आपकी नींद को भी प्रभावित करता है। ऐसे में आपको नींद नहीं आती है, इन तमाम गतिविधियों के बीच हमारा शरीर बीमार पड़ने लगता है और ये गंभीर बीमारियों के होने का खतरा बढ़ जाता है।

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हाई बीपी की समस्या हो सकती है –

ज्यादा सोचना आपको हाई बीपी का शिकार बना सकता है। हमेशा तनाव में रहने पर शरीर से हार्मोन का प्रोडक्शन बढ़ता है। ये हार्मोन दिल की धड़कन तेज कर देते हैं और ब्लड वेसेल्स संकीर्ण हो जाती हैं। ये क्रियाएं कुछ समय के लिए बीपी बढ़ा देते हैं। तनाव शरीर में एड्रेनालाईन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन का उत्पादन बढ़ा सकता है जिससे आप समय के साथ हाई बीपी के मरीज बन सकते हैं।

 नींद से जुड़ी बीमारियां

ज्यादा सोचने से आपको नींद से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। इससे होता ये है कि सोचने से आपके ब्रेन को रेस्ट मोड में नहीं जाने देते। लगातार दिमाग में आते-जाते विचार आपको परेशान करते हैं और नींद के हार्मोन को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा ये नींद के चक्र यानी स्लीप साइकिल को भी प्रभावित करता है जिससे आपको इनसोम्निया और स्लीप एप्निया की बीमारी हो सकती है।

डिप्रेशन की बीमारी का होना –

डिप्रेशन एक ऐसी बीमारी है जो कि ज्यादा सोचने से ही शुरू होती है। ज्यादा सोचना आपके ब्रेन के अंदर की गतिविधियों को सुस्त करने के साथ उसकी सोचने की क्षमता को भी खराब करता है। इसके अलावा ये दुख बढ़ाता है और आपको अकेला कर देता है। ये सोच और गहराती जाती है और फिर आप डिप्रेशन के शिकार हो जाते हैं।

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