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NIA Raid: 8 राज्यों में 72 जगहों पर पड़ी इस गैंगस्टर के खिलाफ छापेमारी

NIA Raid: NIA ने सबसे ज्यादे इस राज्य में की छापेमारी, 75 मोबाइल फोन खोलेंगे कई राज़

Highlight

  • एनआईए की टीम सबसे ज्यादा पंजाब की 30 लोकेशन में छापेमारी कर रही है।
  • NIA को बिश्नोई और बवाना गैंग को पाकिस्तान से फंडिग   की जा रही है।
  • NIA ने कनाडा में बैठकर पंजाब में आतंक फैला रहे लखबीर लंडा के अलावा गैंगस्टर लॉरेंस और गोल्डी बराड़ के करीबियों के ठिकानों पर दबिश दी है।

NIA Raid: NIA ने मंगलवार सुबह आठ राज्यों में 72 जगह छापेमारी की है। गैंगस्टर लॉरेंस और उसके करीबियों के ठिकानों पर यह रेड हुई हैं। NIA राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात और उत्तर प्रदेश में एक साथ कार्रवाई कर रही है।

बताया गया है कि एनआईए की टीम सबसे ज्यादा पंजाब की 30 लोकेशन में छापेमारी कर रही है। एनआईए की यह छापेमारी गैंगस्टर नेटवर्क पर कार्रवाई का चौथा राउंड है। इससे पहले भी अलग-अलग राज्यों में एजेंसी ने छापेमारी की है।

अपको बता दें इसके अलावा गुजरात में भी एनआईए की एक टीम ने रेड डाली है। यह छापेमारी लॉरेन्स बिश्नोई के करीबी कुलविंदर के गांधीधाम स्थित परिसर में हो रही है। कुलविंदर पर बिश्नोई गैंग के लोगों को आसरा देने का आरोप है। सूत्रों के मुताबिक, कुलविंदर के अंतरराष्ट्रीय ड्रग माफियाओं से भी संबंध हैं। सूत्रों के मुताबिक, NIA को बिश्नोई और बवाना गैंग को पाकिस्तान से फंडिग की जा रही है। जिसका इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया जाता है। सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में जेल में बंद लॉरेंस और नीरज बवाना ने भी हथियार सप्लायर गिरोह और टेरर फंडिंग की बात कबूली थी। NIA को रेड के दौरान कई जगह हथियार भी मिले हैं।

वहीं NIA ने कनाडा में बैठकर पंजाब में आतंक फैला रहे लखबीर लंडा के अलावा गैंगस्टर लॉरेंस और गोल्डी बराड़ के करीबियों के ठिकानों पर दबिश दी है। कुछ दिन पहले ही लखबीर लंडा को NIA ने आतंकी घोषित किया है और लगातार उसके करीबियों पर नजर रखी जा रही थी। उन्हीं के ठिकानों पर NIA ने रेड की है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआइए) की टीम ने उज्जैन जिले नागदा जंक्शन तहसील मुख्यालय और समीप के एक गांव में मंगलवार सुबह दबिश दी। नागदा के दुर्गापुरा इलाके से योगेश भाटी और रत्नाखेडी गांव से राजपाल सिंह नाम के युवकों को हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद योगेश भाटी और राजपाल सिंह चंद्रावत दोनों को छोड़ दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या करने वाले लारेंस बिश्नोई गैंग से भाटी संपर्क में था। यह भी बताया जा रहा है कि मूसेवाला की हत्या के बाद कुछ आरोपितों ने योगेश भाटी की मदद से नागदा में फरारी काटी थी।‌ सूत्रों के अनुसार मई 2022 में पंजाब में खुफिया विभाग के दफ्तर पर हुए हमले के मामले में भी भाटी और राजपाल के तार जुड़े हैं। इसलिए दोनों को हिरासत में लिया गया था।

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दरअसल, लॉरेंस बिश्नोई समेत कई गैंगस्टरों से एनआईए रिमांड में लेकर पूछताछ कर रही थी, जिसमें कुछ प्रमुख जानकारियां सामने आईं. लॉरेंस और उस जैसे गैंगस्टर के हथियार नेटवर्क के भी बारे में जांच एजेंसियों ने पूरा ब्यौरा तैयार किया है। ऐसे ही खुर्जा के पास दो करोड़ के हथियार खरीद का जिक्र है। जांच एजेंसी ने बकायदा उन लोगों की पहचान की जिससे लॉरेंस और उसके गैंग ने पैसा उगाही का धंधा शुरू किया था। इनमें आम लोग, बिजनेसमैन, सिंगर, डॉक्टर, अवैध माइनिंग करने वाले, शराब का धंधा करने वाले, हथियार का धंधा करने वाले और ड्रग नेटवर्क चलाने वाले लोग शामिल थे।

वहीं पंजाब में गैंगस्टरों के उगाही धंधे से पैसों से एक ओर तो हथियार खरीदा जाता है और दूसरी ओर हवाला के जरिए विदेश में बैठे उनके सहयोगियों को यह रकम पहुंचाई जाती है। जांच एजेंसियों के मुताबिक हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, राजस्थान और गुजरात में इन लोगों ने अलग-अलग लोगों को निशाना बनाया था।

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