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कभी फीस के कारण छोड़ी थी पढ़ाई,  आज कंपनी की सीईओ  है

जाने कौन है काजल राजवैद्य


काजल राजवैद्य महाराष्ट्र के एक गरीब परिवार में जन्मी थी उनके पिता एक पानठेला चलाते थे. जिसके कारण उनके घर की आमदनी ज़्यादा नहीं थी.  पानठेला के साथ काजल के पिता को एक निजी बैंक के रिकरिंग एजेंट के तौर पर नौकरी करनी शुरू कर दी. काजल राजवैद्य के परिवार में माँ, बाप, भाई और बहन सभी लोग थे. ऐसे में अकेले व्यक्ति की कमाई से घर चलाना काफी मुश्किल होता था. काजल राजवैद्य के पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते थे. लेकिन पैसे की कमी के कारण उन्हें काजल को चौथी क्लास के बाद चार किलो मीटर दूर स्थित मनुताई कन्या शाला भेजना पड़ा.  पिता ने उसे वहां इसलिए भेजा क्योकि वहां पढ़ने वाली लड़कियों से फीस नहीं ली जाती है. काजल ने चौथी क्लास के बाद की पढ़ाई चार किलो मीटर दूर स्थित मनुताई कन्या शाला से पूरी की. काजल रोज वहां तक पैदल चलकर जाया करती थी.

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कब आया काजल की जिंदगी में सबसे बड़ा टर्निंग प्वॉइंट

काजल की जिंदगी में टर्निंग प्वॉइंट उस समय आया, जब वह छोटी थी वह दूरदर्शन चैनल पर आने वाले रोबोट्स कार्यक्रम को देखा करती थी. उसी समय उसने आगे इससे संबंधित पढ़ाई करने का फैसला  लिया. काजल ने संकल्प लिया कि वह भी एक दिन रोबोट बनाएंगी. उसके सपनों को पंख तब लगे जब उन्हें पॉलिटेक्निक में इलेक्ट्रॉनिक्स में एडमिशन मिला. लेकिन जैसे ही काजल की पॉलिटेक्निक की पढ़ाई शुरू हुई वैसे ही उनके पिता की नौकरी छूट गई.  ऐसे में काजल के घर की हालत और भी ज्यादा खराब होने लगे. लेकिन घर की हालत इतनी खराब होने के बाद भी काजल के पिता ने हार नहीं मानी और लोन लेकर काजल का एडमिशन इंजीनियरिंग कॉलेज में करा दिया.

अपनी पहली नौकरी को क्यों कहा था काजल ना

काजल पढ़ाई में बचपन से ही होशियार थी. उसने पॉलिटेक्निक की पढाई के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स सब्जेक्ट को चुना. लेकिन घर की हालत के कारण उनकी पढाई के लिए पिता को लोन लेना पड़ गया. पॉलीटेक्निक पूरा करने के के बाद काजल ने नौकरी करने का फैसला किया क्योंकि उनके घर की हालात ठीक नहीं थी.  ऐसी परिस्थिति में काजल ने नौकरी करने का फैसला किया और उसे पांच हजार रुपये की नौकरी मिली. लेकिन काजल ने उसे  को ठुकरा दिया और बच्चों को ट्यूशन पढ़ा कर पैसे इकट्ठे किए और पढाई पूरी की. उसके बाद उन्होंने 2015 में धीरे धीरे अपनी इनोवेशन एंड टेक्निकल सॉल्यूशन कंपनी शुरू की.

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