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Jairam Ramesh on Vice President: सभापति अंपायर होता है, न कि किसी के लिए चीयरलीडर

Jairam Ramesh on Vice President: उपराष्ट्रपति ने राहुल गांधी के संबोधन पर जताई कड़ी आपत्ति

Highlights:

  • उपराष्ट्रपति ने बिना नाम लिए राहुल गांधी के संबोधन पर जताया आपत्ति
  • कांग्रेसी नेता जयराम रमेश ने भी पलटवार में दिया उपराष्ट्रपति को नसीहत

Jairam Ramesh on Vice President :उप राष्ट्रपति जगदीप धनकड़ के नये बयान ने चर्चा का विषय बना दिया है। कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी इस वक्त इंगलैंड में हैं और वहां उनके दिए गए एक संबोधन पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने कड़ी आलोचना की है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि दुनिया हमारी ऐतिहासिक उपलब्धि और जीवंत लोकतंत्र की तारीफ कर रही है। पर, हमारे बीच से कई लोग जिनमे सांसद भी शामिल हैं वो झूठी और भ्रामक बातें हमारे लोकतंत्र के बारे में दुनिया भर में फैला रहे हैं। हम इस तथ्यहीन नैरेटिव को सही कैसे ठहरा सकते हैं?

उपराष्ट्रपति ने राहुल गांधी के संबोधन पर कड़ी आपत्ति प्रकट की। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए ही अपने आलोचनात्मक शब्दों को व्यक्त किया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ आगे कहते हैं कि भारत इस वक्त अपने स्वर्णिम दौर में है। आज वो जी-20 की अध्यक्षता भी कर रहा है। आगे अपने बातों रखते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि ” कुछ लोग हैं जो देश के बाहर भी हमें नीचा दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। ” माइक बंद करने वाले प्रसंग पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ कड़े शब्दों में कहा कि, मैं पूछ रहा हूँ कि कोई यह कैसे हिम्मत कर सकता है कि देश के बाहर जाकर कहे कि विपक्षी नेताओं का माइक बंद कर दिया जाता है।

जयराम रमेश ने उपराष्ट्रपति पर किया जमकर पलटवार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने अपने ट्वीटर हैंडल पर अपने जवाब का हिंदी अनुवाद ट्वीट किया है। यह जवाब उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ के टिप्पणी के ऊपर आया है। जयराम रमेश ने कहा है कि, ” कुछ पद ऐसे होते हैं जिन पर आसीन होने पर हमें अपने पूर्वाग्रह, और पार्टी विशेष के प्रति निष्ठाओं को त्यागने की आवश्यकता होती है। और, हमें उस प्रचार से खुद को दूर करने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जो हमने उस रास्ते में आत्मसात किए हो। भारत के उपराष्ट्रपति का पद भी ऐसा ही पद है, जिसे हमारा संविधान राज्यसभा के सभापति होने की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी प्रदान करता है। ” वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जयराम रमेश आगे राहुल गांधी के बचाव में कहा कि राहुल गांधी के बारे में उपराष्ट्रपति का बयान हैरान करने वाला है। वे एक ऐसी सरकार का बचाव करना चाहते हैं, जिसे उन्हें संवैधानिक दायित्व के अनुसार दूरी बनाये रखना आवश्यक था, जो भ्रमित के साथ – साथ निराशाजनक भी है।

कांग्रेसी नेता के स्टेटमेंट का सबसे चर्चित पहलू वो है जो आखिरी में सबसे नीचे लिखते वक्त जयराम रमेश ने कहा कि, ” राज्यसभा के सभापति सभी के लिए अंपायर, रेफरी और मार्गदर्शक हैं, वह किसी सत्तापक्ष के लिए चीयरलीडर नहीं हो सकते।”

उपराष्ट्रपति पर संसदीय समितियों में नियुक्ति को लेकर लगा था बड़ा आरोप

उपराष्ट्रपति के एक फैसले के बाद विवाद शुरू हो गया था। उनके ऊपर आरोप लगा था कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने संसदीय समितियों की नियुक्ति में अपने निजी स्टाफ को नियुक्त कर दिया है। सबसे बड़ी बात कि यह सभी समितियां राज्यसभा के अंतर्गत ही आती हैं। उपराष्ट्रपति पर बड़ा आरोप लगाया गया था कि उन्होंने 20 संसदीय समितियों में अपने 8 सदस्यों को नियुक्त किया है। इन संसदीय समितियों की कार्यवाही को गुप्त रखा जाता है। लेकिन आरोप लगाया जा रहा है कि इन नियुक्तियों से इनके काम-काज में दखल पड़ सकता है।

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इस गंभीर विषय के ऊपर भी जयराम ने ट्वीट करते हुए कहा कि, “राज्य सभा के सभापति ने कहा है कि अपने कर्मचारियों को विभिन्न समितियों से जोड़ने का उनका विवादास्पद कदम संबंधित अध्यक्षों के परामर्श के बाद था। मैं एक स्थायी समिति की अध्यक्षता करता हूं और मैं स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि मुझसे बिल्कुल भी सलाह नहीं ली गई।”

जयराम रमेश राहुल गांधी के बचाव से लेकर कांग्रेस की तरफ से जवाब देने तक में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।

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