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International Yoga Day : अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जाने कुछ ऐसे योगासन के बारे में जो बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाते है

International Yoga Day : जानें योग दिवस 2022 की थीम, महत्व और उद्देश्य


Highlights-

. हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। यह दिन साल का सबसे बड़ा दिन होता है।

. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2022 के लिए “मानवता के लिए योग” थीम का चयन किया गया है।

International Yoga Day: हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। यह दिन साल का सबसे बड़ा दिन होता है। पहली बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2015 में मनाया गया था। इसके पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने एक भाषण से की थी। जिसके बाद से 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस” घोषित किया गया था।

 इतिहास में पहली बार –

स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के पावन अवसर पर पूरे देश में मनाये जा रहे आजादी का अमृत महोत्सव 2022 के अवसर पर 25 करोड़ लोगों को योग से जोड़ने का निर्णय लिया गया है।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस थीम 2022

आयुष मंत्रालय ने 21 जून 2022 को भारत तथा संपूर्ण विश्व युद्ध में आयोजित होने वाले 8 वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 के लिए मानवता के लिए योग थीम का चयन किया गया है।

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महत्व

इस वर्ष के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस ( इंटरनेशनल डे ऑफ योगाआईडीवाई की वस्तु उचित रूप से चित्रित करता है कि किस प्रकार कोविड – 19 महामारी के चरम के दौरान, योग ने कष्टों को कम करने एवं कोविड – 19 के बाद उभरते हुए मानवता की सवा की।

ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने वाले योगासन वृक्षासन:

वृक्षासन योग का एक सबसे आसान रूप है। वृक्षासन में वृक्ष’ का अर्थ है पेड़ और आसन’ का अर्थ है शरीर की मुद्रा। इस आसन में आप एक पेड़ की मुद्रा में होते है। वृक्षासन से बॉडी में संतुलन बना रहता है। वृक्षासन की शुरुआत समस्थिति में खड़े होकर करें। इस आसन में अपने घुटनों को मोड़ें नहीं। अपनी बॉडी का बैलेंस बनाये रखें और अपने पैर को घुटने से मोड़कर इसका तलवा उल्टे पैर की जांघ पर रखें और अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाते हुए सीधा रखें। इसके बाद अपनी हथेलियों को प्रणाम मुद्रा में लाएं। इस अवस्था में अपनी बॉडी को एक मिनट के लिए रोके।

ताड़ासन: ताड़ासन में आपको अपने पैरों को थोड़ी दूरी पर रखकर खड़े हो जाना होता है। उसके बाद अपने पैरों की उंगलिया बाहर की ओर रखें। उसके बाद अपने कंधों को चौड़ा और रिलैक्स रखें। अपनी ठोड़ी को फर्श के समानांतर रखे और नजरों को सामने। उसके बाद अपने दोनों हाथों को अपने सिर के ऊपर उठाएं। इस दौरान आपके कंधों को रिलैक्स मिलेगा। इस आसन में अपनी बॉडी को एक मिनट तक रखें।

अधोमुख श्वानासन: अधोमुख श्वानासन का अर्थ है अधोमुख’ जिसका अर्थ होता है नीचे की तरफ मुंह करना और ‘श्वान’ जिसका अर्थ कुत्ता होता है। ‘आसन’ जिसका अर्थ है बैठना। अधोमुख श्वानासन की सबसे बड़ी खूबी यही है कि इसके आसन प्रकृति में पाई जाने वाली मुद्राओं और आकृतियों से प्रभावित होते है। योग विज्ञान ने अधोमुख श्वानासन को कुत्ते या श्वान से सीखा है।

कपाल भाती: कपालभाति दो शब्दों से मिलकर बना है ‘कपाल’ यानी ‘माथा/ललाट’ और ‘भाति’ जिसका अर्थ है ‘तेज’। कपालभाति एक योगासन है कपालभाति में तेजी से सांस छोड़ने की प्रक्रिया की जाती है। इस प्रक्रिया से बहुत सारी बीमारियों का इलाज हो सकता है। कपालभाति करने से शरीर के सभी अंग सही प्रकार से कार्य करने में सक्षम होते है साथ ही इससे खून को शुद्ध करने में भी मदद मिलती है।

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