धार्मिक
Rudrabhishek: सावन में क्यों करें रुद्राभिषेक? जानें पूजन विधि और अद्भुत लाभ
Rudrabhishek, सावन माह भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है।
Rudrabhishek : रुद्राभिषेक से होती हैं सभी मनोकामनाएं पूर्ण, सावन में जानिए इसका महत्व
Rudrabhishek, सावन माह भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है। यह एक पवित्र वैदिक अनुष्ठान है जिसमें भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार, सावन में Rudrabhishek करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं, पापों का नाश होता है और शिव कृपा से इच्छित फल की प्राप्ति होती है।
Rudrabhishek का महत्व
- शिव को प्रसन्न करने का सर्वोत्तम उपाय:
रुद्राभिषेक को भगवान शिव का सबसे प्रिय अनुष्ठान माना गया है। इससे शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। - पापों का नाश:
जो व्यक्ति श्रद्धा और भक्ति से Rudrabhishek करता है, उसके पूर्व जन्मों के पाप भी नष्ट हो जाते हैं। - कर्ज, रोग और कष्ट से मुक्ति:
रुद्राभिषेक विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी होता है जो आर्थिक संकट, रोग या शनि-दोष जैसी समस्याओं से जूझ रहे हों। - मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा:
इस प्रक्रिया से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और मन को शांति मिलती है। - सावन में विशेष फल:
सावन माह में रुद्राभिषेक करने का फल सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना अधिक होता है। इसलिए यह माह इस अनुष्ठान के लिए सर्वोत्तम माना गया है।
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Rudrabhishek की सही विधि
1. स्थान और समय चयन:
- रुद्राभिषेक किसी मंदिर में या घर पर शिवलिंग के सामने किया जा सकता है।
- सबसे उत्तम समय प्रातःकाल होता है, लेकिन अभिषेक दिन में कभी भी किया जा सकता है।
2. आवश्यक सामग्री:
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल)
- जल (गंगाजल या साफ पानी)
- बेलपत्र, भस्म, सफेद फूल, धतूरा, आक के फूल
- रोली, अक्षत, चंदन, घी का दीपक, अगरबत्ती
- रुद्राष्टाध्यायी या शिव मंत्र पुस्तिका
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3. विधि:
- स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें और शिवलिंग के सामने बैठें।
- दीप जलाकर शिवजी का ध्यान करें।
- शिवलिंग पर सबसे पहले गंगाजल अर्पित करें, फिर पंचामृत से अभिषेक करें।
- इसके बाद शुद्ध जल से स्नान कराकर शिवलिंग को साफ करें।
- अब बेलपत्र, पुष्प, धतूरा आदि अर्पित करें।
- “ॐ नमः शिवाय” या “ॐ रुद्राय नमः” मंत्र का जाप करते हुए रुद्राभिषेक करें।
- अंत में आरती करें और भगवान से अपनी मनोकामना कहें।
Rudrabhishek में ध्यान रखने योग्य बातें
- बेलपत्र साफ हो और तीन पत्तियों वाला हो।
- अभिषेक का जल या पंचामृत शिवलिंग से अलग किसी पौधे में चढ़ा दें।
- अभिषेक के दौरान पूरे मन से भक्ति करें, अन्य बातें न करें।
- यदि संभव हो तो सोमवार, प्रदोष या श्रावण मास के किसी भी दिन रुद्राभिषेक करें।
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