धार्मिक

साल 2024 में मकर संक्रांति का पर्व कब मनाया जाएगा ? 14 या 15, दूर करें कन्फ्यूजन: Makar Sankranti

साल 2024 में 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी और इस संक्रांति की तिथि पर पितरों को तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है। इस बार ज्योतिषियों के मुताबिक मकर संक्रांति की तिथि पर रवि योग समेत कई अद्भुत संयोग बनने जा रहे हैं।

‘वरीयान’ समेत बेहद शुभ योगों में मनाई जाएगी मकर संक्रांति, पितरों को तर्पण और पिंडदान से  प्राप्त होगा दोगुना फल : Makar Sankranti

साल 2024 में 15 जनवरी को मकर संक्रांति मनाई जाएगी और इस संक्रांति की तिथि पर पितरों को तर्पण और पिंडदान भी किया जाता है। इस बार ज्योतिषियों के मुताबिक मकर संक्रांति की तिथि पर रवि योग समेत कई अद्भुत संयोग बनने जा रहे हैं।

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मकर संक्रांति का महापर्व –

हमारे सनातन धर्म में मकर संक्रांति बेहद महत्वपूर्ण पर्व मानी जाती है। और लोग इस दिन गंगा में स्नान करते हैं, पूजा करते हैं तथा जप-तप और दान भी किया जाता है। वैसे तो हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि मकर संक्रांति की तिथि पर गंगा स्नान करने और विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी की इच्छा और मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। हमारे पुराणों मे कहा गया है कि जब प्राचीन काल में राजा भगीरथ ने अपने पूर्वजों को मोक्ष दिलाने के लिए मां गंगा की कठिन तपस्या की थी तब मां गंगा के धरती पर अवतरित होने के बाद राजा भगीरथ के पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।

 

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मकर संक्रांति शुभ मुहूर्त –

इस साल मकर संक्रांति पुण्य काल  मे प्रवेश करने का समय सुबह के 07 बजकर 15 मिनट  से लेकर शाम के 05 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा मकर संक्रांति महा पुण्य काल समय सुबह के 07 बजकर 15 मिनट से लेकर 09 बजे तक रहेगा।

मकर संक्रांति का महत्व –

पुराण शास्त्रों में मकर संक्रांति का बहुत महत्व बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन तिल, चावल, दाल का दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और साथ ही इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन जरूरतमंदों को ऊनी वस्त्र, कंबल का दान जरूर करना चाहिए ताकि ऐसा करने से सूर्य देव के साथ-साथ शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं। वैसे कहा जाता है कि सूर्य हर महीने अपनी चाल बदलता है। लगभग 30 दिन के बाद सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश संक्रांति कहलाता है। ऐसे में 15 जनवरी को सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेंगे जिसे मकर संक्रांति कहा जाता है। मकर संक्रांति को खिचड़ी भी कहा जाता है और इस दिन खिचड़ी का दान भी किया जाता है। इस दिन का दान कई गुना फल प्रदान करता है इसलिए ये कोशिश करना चाहिए कि इस दिन दान जरूर करें।

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इस मकर संक्रांति मे बन रहे है कई योग –

वरीयान योग –

इस साल मकर संक्रांति की तिथि पर वरियान योग बन रहा है जो यह योग का निर्माण रात 11.11 बजे तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र वरियान योग को एक शुभ योग मानते है और इस योग में शुभ कार्य किये जा सकते हैं। इसी दिन खरमास भी समाप्त हो जाता है।

रवि योग का बनना –

इस बार मकर संक्रांति पर रवि योग भी बन रहा है और इस योग का निर्माण सुबह 7.15 बजे से 8.07 बजे तक रहेगा। इस योग में पूजा-पाठ और दान-पुण्य करने से स्वस्थ जीवन का वरदान मिलता है।

करण योग –

बव और बालव करण का निर्माण मकर संक्रांति की तिथि पर ही हो रहा है। बव करण का निर्माण दोपहर 3 बजकर 35 मिनट तक रहेगा तथा इसके बाद बालव करण का योग रहेगा। ज्योतिष शास्त्र में बव और बालव करण दोनों को शुभ माना जाता है  और इस योग में शुभ कार्य किए जा सकते हैं।

भगवान शिव रुद्राभिषेक –

मकर संक्रांति के दिन देवों के देव महादेव शाम 7 बजकर 45 मिनट तक जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा के साथ रहेंगे और इस दौरान भक्त भगवान शिव का रुद्राभिषेक कर सकते है। ऐसे में धार्मिक मान्यता यह है कि भगवान शिव के माता गौरी के साथ रहने के दौरान रुद्राभिषेक करने से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।

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