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Akshay Tritiya Mantra: अक्षय तृतीया पर जरूर करें इन मंत्रों का जाप, स्नान और दान का है विशेष महत्व

Akshay Tritiya Mantra: वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है। शास्त्रों में इस तिथि को ईश्वरीय तिथि बताया गया है। कथाओं के अनुसार इस दिन किए गए पुण्य काम का अक्षय फल प्राप्त होता है।

Akshay Tritiya Mantra: इस दिन करें कोई भी शुभ कार्य, हर समय रहता शुभ मुहूर्त

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। इस दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है। शास्त्रों में इस तिथि को ईश्वरीय तिथि बताया गया है। कथाओं के अनुसार इस दिन किए गए पुण्य काम का अक्षय फल प्राप्त होता है। इस दिन ही भगवान विष्णु के अवतार परशुराम की जयंती भी मनाई जाती है। शास्त्रों में अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त बताया गया है यानी कि इस दिन किसी भी शुभ काम को करने के लिए मुहूर्त देखने की जरूरत नहीं पड़ती है। अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदकर घर लाना भी बहुत शुभ माना जाता है। इसके अलावा, इस दिन कुछ मंत्रों का जाप करना बहुत पुण्यकर माना गया है। इन मंत्रों के जाप से घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है। आइए विस्तार से जानते हैं उन मंत्रों के बारे में-

ऐसी मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन दिन किए गए जाप, दान, स्नान और पूजा का फल अक्षय होता है। Akshay Tritiya Mantra इस शुभ अवसर पर, आप अपनी इच्छाओं की पूर्ति और सफलता के लिए कुछ विशेष मंत्रों का जाप कर सकते हैं। यह दिन सूर्यदेव की उपासना के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन गंगा स्नान भी अत्यंत शुभ माना जाता है। दान पुण्य करने से इस दिन अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।

इन मंत्रों का करें जाप Akshay Tritiya Mantra

ऊं नमो नारायणाय: यह मंत्र भगवान विष्णु को समर्पित है। इसका जाप करने से सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

ऊं गं गणपतये नमः – यह मंत्र भगवान गणेश को समर्पित है। इसका जाप करने से विघ्नों का नाश होता है और कार्यों में सफलता मिलती है।

ऊं मां लक्ष्मी नमः – यह मंत्र देवी लक्ष्मी को समर्पित है। इसका जाप करने से धन-दौलत और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

ऊं श्री गुरुदेवाय नमः – यह मंत्र गुरु को समर्पित है। इसका जाप करने से ज्ञान, बुद्धि और अच्छे मार्गदर्शन की प्राप्ति होती है।

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ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् । उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥ – यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है। इसका जाप करने से अच्छे स्वास्थ्य और दीर्घायु की प्राप्ति होती है।

इस दिन करें कोई भी शुभ कार्य Akshay Tritiya Mantra

इन मंत्रों के अलावा आप अपनी पसंद के किसी भी मंत्र का जाप कर सकते हैं। मंत्र जाप करते समय ध्यान रखें कि आपका मन शांत और एकाग्र हो। अक्षय तृतीया के दिन आप दान, स्नान, पूजा और मंत्र जाप के अलावा कुछ अन्य शुभ कार्य भी कर सकते हैं, जैसे – नया व्यवसाय शुरू करना, नया घर खरीदना, नया वाहन खरीदना, विद्या आरंभ करना, विवाह करना, और गृह प्रवेश करना। माना जाता है कि इन कार्यों को अक्षय तृतीया के दिन करने से उनमें सफलता और स्थायित्व मिलता है और कभी कोई समस्या नहीं आती है।

क्यों मनाया जाता है अक्षय तृतीया Akshay Tritiya Mantra

  • आज ही के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था।
  • मां अन्नपूर्णा के जन्म की भी मान्यता है।
  • मां गंगा का अवतरण हुआ था।
  • द्रोपदी को चीरहरण से कृष्ण ने आज के ही दिन बचाया था।
  • कुबेर को आज के दिन खजाना मिला था।
  • सतयुग और त्रेतायुग का प्रारब्ध आज के दिन हुआ था।
  • कृष्ण और सुदामा का मिलन भी अक्षय तृतीया पर हुआ था।

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  • ब्रह्माजी के पुत्र अक्षय कुमार का अवतरण।
  • प्रसिद्ध तीर्थ बद्री नारायण के कपाट आज के दिन खोले जाते हैं।
  • वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में श्री विग्रह के चरण दर्शन होते हैं अन्यथा सालभर चरण वस्त्रों से ढके रहते हैं।
  • महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ था।

क्यों शुभ है अक्षय तृतीया का त्योहार Akshay Tritiya Mantra

अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि है। अक्षय अर्थात जिसका कभी क्षय नहीं हो। माना जाता है कि इस दिन जो भी पुण्य अर्जित किए जाते हैं उनका कभी क्षय नहीं होता है। यही वजह है कि ज्यादातर शुभ कार्यों का आरंभ इसी दिन होता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन हर तरह के शुभ कार्य संपन्न किए जा सकते हैं और उनका शुभदायक फल होता है। वैसे तो हर माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की तृतीया शुभ होती है लेकिन वैशाख माह की तृतीया स्वयंसिद्ध मुहूर्त मानी गई है। इस दिन बिना पंचांग देखे शुभ व मांगलिक कार्य किए जाते हैं।

अक्षय तृतीया का महत्व Akshay Tritiya Mantra

इस दिन पितरों को किया गया तर्पण और पिंडदान अथवा अपने सामर्थ्य के अनुरूप किसी भी तरह का दान अक्षय फल प्रदान करता है। अक्षय तृतीया के दिन गौ, भूमि, तिल, स्वर्ण, घी, वस्त्र, धान्य, गुड़, चांदी, नमक, शहद और कन्या दान करने का महत्व है। इस दिन जितना भी दान करते हैं उसका चार गुना फल प्राप्त होता है। इस दिन किए गए कार्य का पुण्य कभी क्षय नहीं होता। यही वजह है कि इस दिन पुण्य प्राप्त करने का महत्व है। कहते हैं कि इस दिन सच्चे मन से अपने अपराधों की क्षमा मांगने पर भगवान क्षमा करते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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