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Share Market: इस हफ्ते कैसी रहेगी बाजार की चाल, जानिए एक्सपर्ट ने क्या कहा

इस हफ्ते भारतीय बाजार में कई बदलाव देखने को मिला है। भारतीय बाजार के लिए इस हफ्ते को लेकर विश्लेषकों ने कहा कि डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट की निर्धारित मासिक समाप्ति के बीच छुट्टियों वाले छोटे सप्ताह में शेयर बाजारों को अस्थिरता का सामना करना पड़ सकता है।

Share Market: इस सप्ताह शेयर मार्केट्स में देखने को मिल सकती है अस्थिरता, निवेश से पहले इस बात को जान लें

Share Market: मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान के बीच छुट्टियों वाले इस सप्ताह में शेयर बाजारों की दिशा काफी हद तक वैश्विक शेयर बाजारों के रुख, विदेशी कोषों की कारोबारी गतिविधियों और मानसून की प्रगति पर निर्भर करेगी। शेयर बाजार बुधवार को बकरीद के अवसर पर बंद रहेंगे। स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ”बाजार में स्पष्ट संकेतों की कमी रहने की उम्मीद है। लेकिन जून के मासिक डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान से कुछ अस्थिरता आ सकती है।” मीणा ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर मानसून की चाल महत्वपूर्ण होगी।

सुधार की उम्मीद बनी है

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष ने कहा, ‘हमें उम्मीद है कि इस सप्ताह जून महीने के मासिक डेरिवेटिव कांट्रैक्ट्स के सेटिलमेंट के कारण अस्थिरता अधिक रहेगी। अमेरिकी मार्केट में हालिया गिरावट ने निश्चित रूप से मार्केट को सतर्क कर दिया है। लेकिन डॉओ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज में 33,500 से ऊपर स्थिरता बनी हुई है। इससे सुधार की उम्मीद बनी हुई है।’ उन्होंने कहा कि इसके अलावा मुनाफा वसूली के बाद व्यापक सूचकांकों के प्रदर्शन पर सबकी नजर रहेगी।

केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने को कहा

वैश्विक शेयर मार्केट्स में मंदी के रुख और केंद्रीय बैंकों द्वारा दरों में बढ़ोतरी की चिंताओं ने पिछले सप्ताह इन्वेस्टर्स को हतोत्साहित कर दिया। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के अनुसंधान प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘वैश्विक संदर्भ में, दुनिया भर के केंद्रीय बैंक इस समय मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने तय लक्ष्य को हासिल करने की प्रतिबद्धता दोहराई है।’

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FPI का इंडियन इक्विटी मार्केट्स पर भरोसा बरकरार

विदेशी पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स का भारतीय शेयर मार्केट्स पर भरोसा बरकरार है। FPI ने जून में अब तक 30,600 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। FPI ने देश की व्यापक आर्थिक स्थिरता और मजबूत कॉरपोरेट आय पर भरोसा जताया है। डिपॉजिटरी के आंकड़ों से पता चलता है कि एफपीआई ने मई में इक्विटी में 43,838 करोड़ रुपये निवेश किए, जो नौ महीने में सबसे अधिक है। यह आंकड़ा अप्रैल में 11,631 करोड़ रुपये और मार्च में 7,936 करोड़ रुपये था।

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इस समय एफपीआई इतने करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की

इससे पहले, जनवरी-फरवरी के दौरान एफपीआई ने 34,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की थी। कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि आने वाले वक्त में कोषों का प्रवाह अस्थिर हो सकता है. खासतौर से अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद। आंकड़ों के मुताबिक जून 1-23 के दौरान एफपीआई ने भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 30,664 करोड़ रुपये का निवेश किया।

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