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Success Story: सिंगापुर की नौकरी छोड़ शुरू किया अपना बिज़नेस, हो रही है लाखों की कमाई

'नए फैसले लेने से कभी न डरे' ऐसा कहना है कृष्णा कांथावाला का, जो हैदराबाद की रहने वाली है। आइए जानते है इनकी सक्सेस स्टोरी।

Success Story: अपना बिज़नेस शुरू कर छाप रही है नोट, जानिए इनकी सक्सेस स्टोरी 


‘नए फैसले लेने से कभी न डरे’ ऐसा कहना है कृष्णा कांथावाला का, जो हैदराबाद की रहने वाली है। आइए जानते है इनकी सक्सेस स्टोरी। 

कृष्णा कांथावाला सिंगापुर में लक्जरी रिटेल कंपनी में ग्‍लोबल ब्रांड मैनेजर थीं। सिंगापुर में रहते हुए उन्‍होंने वहा के स्थानीय लोगों के खान-पान की आदतों पर ध्‍यान दिया। कृष्‍णा ने देखा कि रोटी और दलिया बनाने के लिए वे कुट्टू के आटे और अमरंथ (राजगीरा) का इस्‍तेमाल करते थे। वे इन्‍हें सुपरफूड मानते थे। तब उन्‍हें याद आया कि ये आटे तो घर में व्रत के दौरान उनके यहां भी इस्तेमाल किए जाते थे। कृष्‍णा को एहसास हुआ कि बाजरा जैसे खाद्य पदार्थ, जिन्हें हम अपने दैनिक जीवन में नजरअंदाज करते हैं वे असल में विदेश में स्वास्थ्यवर्धक फूड आइटम हैं। फिर उन्‍होंने सिंगापुर में नौकरी छोड़ मिलेट कारोबार में हाथ आजमाया। आज वह हर महीने लाखों कमाती हैं। 

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उनके सफर की शुरुआत 

कृष्‍णा को इस बात से हैरानी थी कि जहां भारत में लोग रिफाइंड आटे और प्रिजर्वेटिव से बने फूड आइटमों को अपना रहे थे। वहीं, सिंगापुर के लोग अलग अलग तरीकों से मोटे अनाज (मिलेट) का उपयोग कर रहे थे। उन्‍होंने 2018 के अंत में घर वापस जाने का फैसला किया। उन्‍हें पता था कि उन्‍हें क्‍या करना हैं। मन ही मन कृष्‍णा फैसला कर चुकी थीं कि वह हेल्‍दी फूड्स के सेक्‍टर में हाथ आजमाएंगी। उन्‍होंने इसे करके भी दिखाया। कृष्णा का पुणे स्थित स्टार्टअप लॉन्च के दो साल के भीतर बाजरा नूडल्स, पास्ता, शुगर-फ्री कुकीज, खाखरा और आटे को पांच देशों में एक्‍सपोर्ट कर रहा है।

मार्केटिंग में किया था एमबीए 

कृष्णा ने 2018 में अपना कारोबार शुरू करने से पहले लक्जरी रिटेल सेगमेंट में 15 साल तक काम किया था। उनके पिता ने हमेशा उन्‍हें अपना काम करने के लिए उन्हें सपोर्ट किया। उनकी इच्छा थी कि कृष्‍णा कॉमर्स की पढ़ाई और बिजनेस करें। कृष्णा ने 2003 में पुणे विश्वविद्यालय से एमबीए (मार्केटिंग) किया था। 2018 में सिंगापूर से वापस आते ही कृष्णा ने मिलेट पर खूब रिसर्च की। यह पोषण से भरपूर होता है। प्रमुर मात्रा में मिनरल, प्रोटीन, माइक्रोन्‍यूट्रिएंट्स और एंटी-ऑक्सिडेंट होते हैं। यह ब्‍लड ग्‍लूकोस लेवल को कम रखने में मदद करता है। इनकी पैदावार में पानी का भी इस्‍तेमाल कम होता है। दुनिया भर में बाजरे (मिलेट) की लगभग 6,000 किस्में हैं। भारत, चीन और नाइजीरिया दुनिया में मिलेट के सबसे बड़े उत्पादक हैं।

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2019 में कृष्‍णा हैदराबाद स्थित भारतीय मिलेट अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर) के संपर्क में आईं। वहां 120 से अधिक वैज्ञानिकों की टीम अन्य क्षेत्रों के अलावा बाजरा की खेती, रोग विज्ञान और मूल्य संवर्धन पर शोध करती है। कृष्‍णा ने बाजरा का उपयोग करके बनाए जा सकने वाले उत्पादों के बारे में समझने के लिए एक ट्रेनिंग प्रोग्राम में दाखिला लिया। उनकी ट्रेनिंग शुरू ही होने वाली थी कि दुनियाभर में कोविड-19 फैल गया। फिर यह ट्रेनिंग ऑनलाइन हुई। अगस्त से दिसंबर 2020 तक उस प्रशिक्षण के दौरान उन्‍होंने मिलेट, उनके उपयोग, प्रोसेसिंग और यहां तक कि मार्केटिंग के बारे में बहुत कुछ सीखा।

इसके बाद कृष्णा ने उत्पादों की सही बनावट और फ्लेवर्स के लिए फूड टेक्‍नोलॉजिस्‍ट की एक टीम के साथ काम किया। फिर उन्होंने सेल्‍स चैनल बनाने में निवेश किया। मई 2021 में पुणे मार्केट में अपने स्‍टार्टअप ‘स्मार्ट इलेवन’ ब्रांड के साथ उन्‍होंने मिलेट कारोबार शुरू किया। इसमें पांच तरह के बाजरा नूडल्‍स पेश किए गए। 2 साल में ही इन्होंने अपना बिज़नेस जमा लिया और आज लाखों की कमाई कर रही है। 

इनके द्वारा पेश किए गए प्रोडक्ट्स के रिस्पांस काफी अच्छे है। फर्म के प्रोडक्‍ट अमेजन और बिग बास्केट पर उपलब्ध हैं। बेंगलुरु में उसका डिस्‍ट्रीब्‍यूशन नेटवर्क है। उनकी मासिक सेल्‍स करीब 12 लाख रुपये है। यह लगातार बढ़ रही है। कृष्‍णा मानती है कि बड़े फैसले लेने से डरना नहीं चाहिए। 

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