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International Day Of Happiness: खुश रहना है तो रोजाना करें योग, मिलेगी तनाव से मुक्ति, गीता में भी भगवान श्री कृष्ण ने बताए हैं खुश रहने के रहस्य

International Day Of Happiness: आपको बता दें कि सबसे पहले भूटान ने प्रसन्नता दिवस मनाया और राष्ट्रीय खुशी के महत्व पर प्रकाश डाला। आज लोग खुश रहने के लिए तरह तरह के तरीके और क्रियाएं अपना रहे हैं। खुश रहने का सबसे आसान तरीका है योग को अपने जीवन में शामिल करें।

International Day Of Happiness: स्ट्रेस को कम करती है खुशहाली, इन तरीकों से खुद को रखें टेंशन फ्री

कहा जाता है कि एक हंसता हुआ चेहरा दुनिया का सबसे खूबसूरत चेहरा होता है। चाहे उसका रंग-रूप कैसा भी हो। हंसते हुए चेहरे का नूर अलग ही होता है। हंसने से जिंदगी की सारी मुश्किलें हल हो जाती हैं और और हमें जिंदगी को खुलकर जीने की एक नई ऊर्जा मिलती है। लेकिन ये भाग-दौड़ भरी जिंदगी जहां हम इतनी टेंशन, प्रेशर और नफरत के बीच रहते हैं ऐसी लाइफ में हम अक्सर मुस्कराना ही भूल जाते हैं।

हम भूल जाते हैं कि जिंदगी में हंसना मुस्कुराना कितना जरूरी है। इसी मुस्कुराहट को दोबारा चेहरे पर सजाने और जिंदगी को खूबसूरत बनाने के लिए 20 मार्च को हर साल ‘इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस ( International Day Of Happiness) मनाया जाता है। इस खास दिन का उद्देश्य है जिंदगी में हैप्पीनेस यानी खुशी के महत्व को दर्शाना। इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस बताता है कि एक देश या एक अर्थव्यवस्था को विकसित होने के लिए केवल जीडीपी नहीं बल्कि हैप्पीनेस की भी उतनी ही आवश्यकता है।

सबसे पहले भूटान ने मनाया हैप्पीनेस डे

12 जुलाई 2012 को यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली ने दुनिया भर के लोगों के जीवन में हैप्पीनेस और वेल बींग को एक महत्वपूर्ण लक्ष्य बनाने के लिए और जीवन में हैप्पीनेस के महत्व को जानने के लिए 20 मार्च को इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे के रूप में घोषित किया था। सबसे पहले भूटान ने इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे के लिए बैठक बुलाने की पहल की। इस देश ने 1970 के दशक की शुरुआत से ही ‘नेशनल रेवेन्यू’ से ज्यादा ‘नेशनल हैप्पीनेस’ को महत्व दिया।

खुश रहने के लिए करें योग

आपको बता दें कि सबसे पहले भूटान ने प्रसन्नता दिवस मनाया और राष्ट्रीय खुशी के महत्व पर प्रकाश डाला। आज लोग खुश रहने के लिए तरह तरह के तरीके और क्रियाएं अपना रहे हैं। खुश रहने का सबसे आसान तरीका है योग को अपने जीवन में शामिल करें। खुशी आपके मस्तिष्क के जरिए निकली भावना है। अगर आपका मस्तिष्क शांत और सुकून महसूस करेगा तो खुशी की अनुभूति होगी लेकिन चिंता, अवसाद, ओवरथिंकिंग प्रसन्नता में बाधा डालता है। ऐसे में कुछ य़ोगासनों का अभ्यास मन शांत, चिंता मुक्त और प्रसन्न रखने में मदद करता है। आइए जानते हैं खुश रहने के लिए कौन से योग का अभ्यास करना चाहिए।

वज्रासन

वज्रासन का अभ्यास दिमाग को शांत रखने में सहायक है। इसके साथ ही वज्रासन से पेट की समस्या और सुस्ती दूर होती है। इस आसन के अभ्यास के लिए भुजाओं को बगल में रखते हुए धीरे धीरे घुटनों को नीचे लाएं और चटाई पर घुटनों के बल बैठ जाएं। पैर की उंगलियों को बाहर की ओर रखते हुए श्रोणि को एड़ी पर रखें। हथेलियों को घुटनों के ऊपर प्रथिमुद्रा में रखें। अब पीठ सीधी करें और आगे देखें। इसी अवस्था में कुछ देर रुके, बाद में सामान्य स्थिति में आ जाएं।

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उत्तानासन

अगर आप डिप्रेशन का शिकार हैं तो उत्तानासन काफी मददगार साबित होगा। इससे दिमाग शांत रहता है। उत्तानासन के अभ्यास के लिए मैट पर सीधे खड़े होकर लंबी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं। फिर सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुके और दोनों हाथों से जमीन को छुएं। हाथों को नीचे जमीन पर टिकाते हुए पैर के अंगूठे को छूने की कोशिश करें। इस दौरान घुटनों को सीधा रखें। कुछ देर इसी पोजीशन में रहें, फिर हाथ ऊपर ले जाते हुए सांस छोड़ें और सामान्य अवस्था में खड़े हो जाएं। इस योग से नींद की समस्या भी दूर होती है।

बालासन

इस आसन से शरीर लचीला बनता है। इस योगासन के अभ्यास से मानसिक शांति मिलती है और तनाव कम होता है। अनिद्रा की शिकायत होने पर भी इस आसन का अभ्यास लाभकारी है। बालासन करने के लिए जमीन पर वज्रासन अवस्था में बैठ कर सांस अंदर लेते हुए अपने दोनों हाथों को सीधा सिर के ऊपर उठा लें। अब सांस बाहर छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। अपनी हथेलियों और सिर को जमीन पर टिकाते हुए लंबी सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें। हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़ते हुए सिर को दोनों हथेलियों के बीच में धीरे से रख लें। कुछ देर बाद पुरानी स्थिति में आ जाएं।

गीता में भगवान श्री कृष्ण ने बताए हैं खुश रहने के रहस्य

इसके अलावा ‘इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस’ के मौके पर आज हम आपको गीता में लिखी कुछ ऐसी बातों के बारे में बताएंगे जो आपके जीवन में खुशियां भर देंगी। अगर आपने गीता में श्री कृष्ण द्वारा बताई गई इन बातों पर अमल किया तो आपका जीवन खुशियों से भर जाएगा। आइए जानते हैं।

आलोचना से रहें दूर

अगर आप सच में खुश रहना चाहते हैं तो दूसरों की आलोचना से दूर रहें। क्योंकि दूसरों की आलोचना करने से अपनी ही खुशियां चली जाती है। आप अपनी खुशियों के साथ-साथ दूसरों की खुशियों पर भी जरूर ध्यान दें।

न करें दूसरों के साथ तुलना

भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि कभी भी जीवन में किसी दूसरे के साथ अपनी तुलना नहीं करनी चाहिए। शास्त्रों में कहा गया है कि, आपको भगवान ने जितना दिया है, उतने में ही खुश रहें।

न करें शिकायत

बार-बार दूसरों की शिकायत करने से भले ही आपको अच्छा लगें लेकिन ये हर समस्या का समाधान नहीं हैं। जो लोग खुश रहना चाहते हैं वो कभी भी किसी की शिकायत दूसरे से नहीं करते।

अतीत को लेकर न करें चिंता

भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि अतीत में खोए रहना या बीते कल को लेकर कभी चिंता नहीं करनी चाहिए। इससे न सिर्फ आपका समय बर्बाद होगा बल्कि आप खुशियों से भी दूर चली जाएंगी।

ऐसे रखें खुद को खुश

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खुद को करें एंजॉय

हर व्यक्ति चाहे तो खुशी अपने अंदर ही ढूंढ सकता है। उसे बस उन चीजों को करना है जिससे उसे खुशी मिलती है। इसमें पुराने दोस्तों से मिलना, स्पोर्ट्स देखना, देर तक नहाना, डांस करना, अपना पसंदीदा फूड खाना, म्यूजिक सुनना ऐसी छोटी-छोटी चीजें शामिल है।

अपनों से इंटरेक्शन

आजकल सभी अपनी अपनी जिंदगी में इतने ज्यादा व्यस्त हो गए हैं कि किसी के पास भी एक दूसरे के लिए समय नहीं होता है। दोस्तों या रिश्तेदारों की बात तो दूर है एक ही घर में रहने वाले सदस्य भी एक दूसरे को सही तरह से समय नहीं दे पाते हैं। लेकिन अपने करीबियों से मिलना या फिर बात करना आपको अंदरूनी खुशी का एहसास कराता है। इसलिए खुद को खुश रखने के लिए जब भी समय मिल सके अपनों के पास जाएं और उनसे बातें करें।

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एक्सरसाइज

अपने शरीर को स्वस्थ और स्ट्रेस फ्री रखने के लिए एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। रोज वर्कआउट करने से आपकी बॉडी शेप में बनी रहेगी और से आपको ख़ुशी का एहसास होगा। जो भी एक्सरसाइज आपको पसंद है उसे आप अपने हिसाब से चुन सकते हैं।

पूरी नींद

अपनी जिंदगी की भाग दौड़ में हम इतना ज्यादा व्यस्त हो गए हैं कि कई बार काम की टेंशन के चलते हम प्रॉपर नींद नहीं लेते हैं। इसका असर सीधा हमारी हेल्थ पर होता है, जो हमारी जिंदगी की खुशियों पर भी असर डालता है। हर व्यक्ति के लिए कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद जरूरी है क्योंकि बॉडी को पर्याप्त आराम मिलने से माइंड प्रॉपर तरीके से वर्क करता है और इससे आप स्ट्रेस फ्री रहते हैं और टेंशन ना होना व्यक्ति को खुश रखता है।

कुछ नया सीखें

वह बात तो आप सभी ने सुनी होगी कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। इस बात को अगर अपनी जिंदगी में लागू कर लिया जाए तो यह सोने पर सुहागा होगा इसलिए आपको जिन चीजों में इंटरेस्ट है आप उन्हें सीखने की कोशिश करें। कुछ सीखने का मतलब यह नहीं कि आप कुछ ऐसी चीजों का चुनाव करें जो दूसरे भी कर रहे हैं। यह आपके एरिया ऑफ इंटरेस्ट पर डिपेंड करता है कि आप क्या करना चाहते हैं। आपको पेंटिंग पसंद है तो आप वह भी कर सकते हैं या आपको खाना बनाना पसंद है तो आप कुकिंग क्लास भी ज्वाइन कर सकते हैं। इस तरह से कुछ छोटे-छोटे तरीकों से आप अपनी जिंदगी में खुशहाली ला सकते हैं।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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