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Relationship Counselling: अगर रिलेशनशिप में आ रही है काफी उलझने, तो इसके लिए काउंसलर की लें मदद

रिलेशनशिप में आए दिन होने वाले लड़ाई- झगड़ों से तंग आ चुके हैं और तलाक लेना ही एकमात्र ऑप्शन नजर आ रहा है तो एक बार रिलेशनशिप काउंसलर के बारे में भी सोच सकते हैं। जो आपके रिलेशनशिप को बचाने में अहम भूमिका निभाते हैं। रिलेशनशिप काउंसलर तरह-तरह की थेरेपी और चीजों से आपके रिलेशनशिप को बचाने में मदद कर सकते हैं।

Relationship Counselling: जानिए रिलेशनशिप में काउंसलिंग के क्या हैं फायदे, ये चीज करेंगा बेहद मदद


Relationship Counselling: जब दो लोग एक साथ एक रिश्ते में रहते हैं तो उनके बीच कई बार समस्याएं पैदा होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दो लोगों के सोचने का नजरिया बिल्कुल अलग होता है और इसलिए हो सकता है कि दोनों पार्टनर एक ही स्थिति को अलग-अलग तरीके से देखें। ऐसे में उनके बीच समस्याएं शुरू होती हैं। हालांकि कई बार कपल आपसी बातचीत के जरिए अपने बीच की समस्याओं का समाधान आसानी से कर लेते हैं। लेकिन कभी-कभी ऐसा भी होता है कि उनके खुद के लिए रिश्ते की कडवाहट या गलतफहमियों को दूर करना आसान नहीं होता। ऐसे में उन्हें किसी तीसरे की मदद की जरूरत होती है। इसके लिए वह अपने माता-पिता, रिश्तेदार या फिर दोस्तों की मदद लेते हैं।

रिलेशनशिप काउंसलिंग के फायदे

कम्युनिकेशन में सुधार

रिलेशनशिप काउंसर आपको कैसे कम्युनिकेशन के जरिए लड़ाई-झगड़े को कंट्रोल किया जा सकता है, आपसी मिसअंडरस्टैंडिंग को दूर किया जा सकता है और रिलेशनशिप में अलगाव के सिचुएशन को खत्म किया जा सकता है इसमें मदद कर सकते हैं। क्लियर कम्युनिकेशन किसी भी हेल्दी रिलेशनशिप की सफलता की कुंजी है। कई सारे कपल्स इसकी पावर को समझ ही नहीं पाते। उन्हें लगता है कि लड़ाई-झगड़े से बचने का सिंपल तरीका है बातचीत न करना और यहीं सबसे बड़ी गलती होती है।

बोन्डिंग होती है मजबूत

काउंसलर आपसे बातचीत करते हैं और उसके बाद आपको कई तरह की थेरेपी में सजेस्ट करते हैं। अलग-अलग तरह की थेरेपी के जरिए कपल्स के बीच के मनमुटाव को जानने का प्रयास किया जाता है और साथ ही उन्हें सॉल्व करने का। जिससे रिलेशनशिप में आ रही समस्याएं दूर होने लगती हैं और आपसी बॉन्डिंग भी मजबूत होने लगती है।

बेहतर सलाह

इस बात में कोई दोराय नहीं है कि एक रिलेशनशिप काउंसलर किसी परिवार के सदस्य या रिश्तेदारों की अपेक्षा रिश्तों की बेहतर समझ रखते हैं। वह लोगों व रिश्तों की साइकोलॉजी से भली-भांति वाकिफ होते हैं और इसलिए जब वह कपल्स के बीच की समस्या को सुनते हैं तो ऐसी सलाह देते हैं, जो अमूमन दोनों की कपल्स की प्रॉब्लम को सॉल्व कर सके। उनके द्वारा दी जाने वाली सलाह अक्सर दोनों ही पार्टनर्स को पसंद आती है। ऐसे में उन्हें बिना किसी लड़ाई-झगड़े या मन-मुटाव के अपनी-अपनी समस्या का हल मिल जाता है।

खत्म होती है बहस

काउंसलर का लोगों को ट्रीट करने का अलग तरीका होता है। वो बातचीत के जरिए आपसी तकरार की वजह को जानने की कोशिश करते हैं और फिर उससे कैसे निपटना है इस पर काम करते हैं। कपल्स झगड़ते वक्त मूल मुद्दों से भटकर पुरानी बातों पर झगड़ने लगते हैं जिससे स्थिति कंट्रोल से बाहर हो जाती है, तो काउंसलर आपको यही चीजें समझाने में मदद करते हैं।

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समस्याओं का समाधान

काउंसलर आपको बातचीत करने का मौका देते हैं, जिससे कपल्स बचते हैं और अगर प्रयास करते भी हैं, तो वो कुछ ही देर में झगड़े में तब्दील हो जाती है। शांति से बैठकर चीजों को ज्यादा बेहतर से समझना और रिएक्ट किया जा सकता है। काउंसलर इसी में आपकी हेल्प करते हैं।

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