Braj Ki Holi 2024: कान्हा की नगरी में होली का उत्सव शुरू, जानें मथुरा में 40 दिन तक कैसे मनाते हैं रंगों का त्योहार
Braj Ki Holi 2024: होली का त्योहार देश में कई स्थानों पर अलग-अलग रूप में मनाया जाता है, लेकिन दुनिया भर में ब्रज की होली फेमस है। जहां हर जगह होली का त्योहार सिर्फ एक या दो दिन का मनाया जाता है। वहीं बसंत पंचमी के साथ ही ब्रज में होली की शुरूआत हो जाती है और ये सिलसिला लगातार 40 दिनों तक चलता है।
Braj Ki Holi 2024: मथुरा में शुरू हो गया 40 दिन का रंगोत्सव, देखें होली की पूरी लिस्ट
इस साल होली 25 मार्च 2024 को है। लेकिन ब्रज में होली 40 दिन तक मनाई जाती है जिसकी शुरुआत बसंत पंचमी से हो चुकी है। यहां बसंत पंचमी के अवसर पर होली का डंडा गाड़ा जाता है। वैसे तो देशभर में ब्रज की होली अधिक प्रसिद्ध है। ब्रज में होली की शुरुआत बसंत पंचमी के साथ हो गई है और और ये सिलसिला लगातार 40 दिनों तक जारी रहेगा।
इसका मतलब यह होता है कि होली के त्योहार की शुरुआत हो गई है। इस बीच वृंदावन, मथुरा और बरसाना में अलग-अलग तरह की होली खेली जाती है। आपको बता दें कि ब्रज में होली को होरा कहा जाता है। इसके साथ ही जहां सभी जगहों पर सिर्फ गीले या सूखे रंगो की होली होती है। वहीं ब्रज के लोगों का होली खेलने का अंदाज ही अलग होता है। जिनके पीछे अलग-अलग मान्यताएं भी जुड़ी हैं।
राधा-कृष्ण की भक्ति में लीन हो जाते भक्त
इस उत्सव में अधिक संख्या में लोग शामिल होते हैं और होली के पर्व को उत्साह के साथ मनाते हैं। साथ ही राधा-कृष्ण की भक्ति में लीन हो जाते हैं। अगर आप भी इस होली में शामिल होने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आइए आपको बताते हैं ब्रज में कब कौन सी होली खेली जाएगी।
ब्रज की होली कैलेंडर 2024
- 17 मार्च 2024 दिन रविवार- बरसाना के श्रीजी मंदिर में लड्डू होली।
- 18 मार्च 2024 दिन सोमवार- बरसाना की मुख्य लट्ठमार होली।
- 19 मार्च 2024 दिन मंगलवार- नंदगांव के नंद भवन में लट्ठमार होली।
- 20 मार्च 2024 दिन बुधवार- वृन्दावन में रंगभरी एकादशी
- 21 मार्च 2024 दिन गुरुवार- गोकुल में छड़ीमार होली और बांके बिहारी मंदिर में फूलों की होली होगी।
- 22 मार्च 2024 दिन शुक्रवार- गोकुल होली मनाई जाएगी और रमण रेती दर्शन किए जाएंगे।
- 24 मार्च 2024 दिन रविवार- होलिका दहन (होली अग्नि), द्वारकाधीश मंदिर डोला और मथुरा विश्राम घाट, बांके बिहारी वृन्दावन में होलिका दहन किया जाएगा।
- 25 मार्च 2024 दिन सोमवार – पूरे ब्रज में होली का उत्सव मनाया जाएगा और रंग-बिरंगे रंग और पानी की होली खेली जाएगी।
- 26 मार्च 2024 दिन मंगलवार – दाऊजी का हुरंगा।
- 30 मार्च 2024 – रंग पंचमी पर रंगनाथ जी मंदिर में होली।
इस तरह मनाते हैं रंगोत्सव
मथुरा, वृन्दावन और बरसाना की होली दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहां राधा-कृष्ण गोपियों के साथ खेलते थे। ब्रज धाम में सिर्फ रंगों से ही नहीं बल्कि कई अन्य तरीकों से भी होली खेली जाती है। वसंत का आगमन होते ही ब्रज में पूरे मंदिर को पीले फूलों से सजाया जाता है। ब्रज में 40 दिन तक चलने वाली होली का आनंद लेने के लिए श्रद्धालु बड़ी संख्या में कान्हा की नगरी पहुंचते हैं और यहां होली का उत्सव मनाकर खुद को धन्य मानते हैं।
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अनूठी परंपराओं के साथ ब्रज की होली
देश ही नहीं बल्कि सात समंदर पार से भी ब्रज की होली उत्सव को देखने और इसमें शामिल होने के लिए लोग आते हैं। अपनी अनूठी परंपराओं को लेकर देश और दुनिया में विशेष पहचान रखने वाली ब्रज की होली में होली गीत, पद गायन की प्राचीन परंपरा है, जिसे समाज गायन भी कहा जाता है। बरसाना स्थित श्रीजी मंदिर में ब्रजभाषा में रोजाना ठाकुरजी के सामने होली पदों का गायन किया जाएगा। गोस्वामीजन समाज गायन के दौरान आपस में एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं।
पूरे विश्व में है प्रसिद्ध
ब्रज की अनोखी होली सात समंदर पार से विदेशी श्रद्धालु और पर्यटकों को भी आकर्षित करती है। इस पर्व पर ब्रज में आने के लिए विदेशी भी साल भर इंतजार करते हैं। बसंत पंचमी से शुरू हुई ब्रज की अनूठी होली के कार्यक्रमों को देखने और इसमें शामिल होने के लिए देश और दुनिया से श्रद्धालुओं का ब्रज में आगमन शुरू हो जाएगा। ब्रज में 40 दिनों होली का उल्लास रहता है और इसलिए यह भी कहा जाता है कि सब जब होरी या ब्रज होरा। बताया जा रहा कि होली के दौरान ब्रज में पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।
ब्रज की होली का महत्व
बसंत पंचमी के बाद से ही ब्रज में 40 दिन तक होली का त्योहार शुरू हो जाता है जिसकी शुरुआत बरसाना (Barsana) से होती है. लेकिन, ब्रज में होली का मुख्य कार्यक्रम 7 दिन पहले शुरू होता है और ब्रज की रौनक अलग ही नजर आती है. कहते हैं बरसाना की लठमार होली भगवान कृष्ण की लीलाओं में से एक मानी जाती है।
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