Fake News: अग्निपथ स्कीम से लेकर बेरोजगारी भत्ता, ऐसी खबरें जिनमें नहीं था पूरा सच!
Fake News: किसी भी लिंक पर किल्क करने से पहले दो बार सोचें, आपका फोन हो सकता है हैक, Fake News से रहे सावधान
Highlights:
- अग्निपथ स्कीम को लेकर फैलाए गए फेक न्यूज की सच्चाई चौंकाने वाली है।
- क्या आप भी किसी अनजान लिंक को तुरंत कर देते हैं क्लिक? हो जाएं सावधान !
- सौरव गांगुली के राजनीति में आने का सच क्या है
- बिहार में मौलवी की हत्या का पूरा सच जानें
अग्निपथ स्कीम
Fake News: इस महीने केंद्र सरकार की अग्निपथ स्कीम खूब सुर्खियों में रही। इस स्कीम को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन और आंदोलन हुए। इस बीच तरह – तरह की खबरें पढ़ी, सुनी और देखी गई। इसमें कई फेक खबरें भी शामिल रहीं। जिनमें एक रक्षा मंत्रालय के संशोधन लेटर को लेकर थी। चलिए इस बारे में ज़रा आपको विस्तार से बताते हैं।
रक्षा मंत्रालय के नाम से एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल होता है जिसमें केंद्र की नई भर्ती योजना
रक्षा मंत्रालय के नाम से एक लेटर सोशल मीडिया पर वायरल होता है जिसमें केंद्र की नई भर्ती योजना
फिर क्या था वायरल हो रहे इस लेटर को केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि यह लेटर फर्जी है सरकार के तरफ से ऐसा कोई संशोधन जारी नहीं किया गया है।
अब पत्र में ऐसा क्या लिखा था वह भी आपको हम बताते हैं।
वायरल हो रहे लेटर में यह दावा किया गया कि 1 जनवरी 2019 के बाद सेवा में आये ओआरएस और उन्हें 1 जुलाई 2022 को नाइक के मूल रैंक पर पदोन्नत नहीं किया गया, उन्हें अग्निपथ योजना के तहत रखा जाना है। वायरल हो रहे इस फर्जी लेटर में यह भी कहा गया हा कि ओआरएस को पाँच साल की सेवा करने के बाद एक नई चयन प्रक्रिया से गुजरना होगा। पत्र में यह भी लिखा गया कि केवल 25 प्रतिशत ओआरएस इसे अगले चरण में लायेंगे। बाकी बचे ओआरएस को रिटायर कर दिया जाएगा।
लेकिन आपको बता दें कि पीआईबी के फैक्ट चेक ने यह खुलासा किया कि रक्षा मंत्रालय ने ऐसा कोई पत्र जारी नहीं किया है।
Claim: ORs attested after 1 Jan 2019 & those not promoted to a substantive rank of Naik or equivalent on 1 July 2022 are to be kept under #AgnipathScheme #PIBFactCheck
▶️This letter is #Fake
▶️@DefenceMinIndia has not issued this letter pic.twitter.com/79SEUU1hHv
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) June 20, 2022
सौरव गांगुली के राजनीति में आने की सच्चाई
जून के शुरुआत में भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरव गांगुली की राजनीति में आने की अटकलें लगाई जा रही थी।
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गांगुली ने अपने 30 साल होने पर एक ट्वीट साझा कर अपने प्रशंसकों और चाहने वालों को धन्यवाद दिया और साथ में यह भी कहा कि वह अपने जीवन में एक नई पारी की शुरुआत करने वाले हैं जिससे लोगों का भला होने वाला है। हालांकि गांगुली ने यहाँ यह स्पष्ट नहीं किया कि वह किसकी बात कर रहे हैं।
इसके बाद क्या था यह फेक न्यूज की तरफ फैलने लगी कि गांगुली राजनीति में एंट्री लेने वाले हैं।
फिर कुछ समय बाद बीसीसीआई ने यह स्पष्ट किया कि गांगुली ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा नहीं लिया है।
फिर गांगुली ने भी यह ट्वीट कर जानकारी दी कि असल में वह एक एप्प लॉन्च करने की बात कर रहे थे जो हर क्षेत्र में अपना खून – पसीना बहा रहे कोच, शिक्षकों को उजागर करेगा।
तो गांगुली की राजनीति में आने की बात फेक थी।
— Sourav Ganguly (@SGanguly99) June 1, 2022
— Sourav Ganguly (@SGanguly99) June 2, 2022
— Sourav Ganguly (@SGanguly99) June 2, 2022
बिहार में मौलवी की हत्या का सच
मीडिया हाउस अल जज़ीरा अरबी ने एक खबर फैलाई जिसमें दावा किया गया कि बिहार के सीवान में एक मौलवी की हिंदुओं ने हत्या कर दी। यह खबर अल जजीरा ने एक पोस्ट शेयर कर की। हालांकि जब इसकी सच्चाई सामने आई तो बात कुछ अलग थी। असल में दैनिक जागरण के एक रिपोर्ट के अनुसार मौलवी का जमीन को लेकर अपने परिवार वालों से पाँच सालों से विवाद चल रहा था। परिवार के सदस्यों के शिकायत के आधार पर इस मामले में शिकायत दर्ज कर दी गई है। हालांकि मौलवी की हत्या किसने की है इसके बारे में कोई सबूत नहीं है।
बेरोजगारों को मिलेगा मासिक भत्ता का सच
कुछ दिन पहले व्हाट्सएप पर एक मैसेज खूब फॉरवर्ड हुआ। इस मैसेज में कहा गया कि सरकार प्रधानमंत्री बेरोजगारी भत्ता के तहत बेरोजगारों युवाओं को हर महीने 6000 रूपये मासिक भत्ता दे रही है। पीआईबी फैक्ट चेक के ट्विटर अकाउंट पर इस मैसेज की सच्चाई से जुड़ा शेयर किया। जिसमें लिखा गया है कि यह मैसेज पूरी तरह से फर्जी है।
इस तरह से स्कैम से रहें सतर्क
https://twitter.com/PIBFactCheck/status/1534123006406324224?s=20&t=zPyTTqplWQfFF2qFPN-sGg
Whatsapp पर वायरल हो रहा ये मैसेज पूरी तरह से फर्जी है। बता दें कि आजकल हैकर्स ने आपके वॉट्सऐप के डाटा को हैक करने का नया तरीका अपनाया है। हैकर्स यूजर्स के पास कोई मैसेज भेजते हैं और फिर उसमें दिए गए लिंक पर क्लिक करने के लिए कहते हैं। यदि यूजर उस लिंक पर क्लिक कर दें तो उनका फोन का कंट्रोल हैकर्स के पास जा सकता है। इसलिए किसी भी मैसेज या लिंक का सावधानी पूर्वक इस्तेमाल करें।