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Missed Periods : अगर आपका भी बार-बार पीरियड्स होते हैं मिस,तो ये 5 गंभीर कारण

अक्सर कई बार महिलाओं का पीरियड्स मिस या इर्रेगुलर हो जाता है और ऐसे में वे काफी घबरा जाती हैं, कि कहीं वे गर्भवती तो नहीं है। हलाकिं,ये जरूरी नहीं होता है कि प्रेग्नेंट होने पर ही मेंस्ट्रुअल साइकिल मिस हो सकती है। इसके और कई कारण हो सकते है।

Missed Periods : मोटापा से लेकर स्ट्रेस बन सकते है समस्या इसे नजरअदाज ना करें, जानें इसे दूर करने के उपाय

अक्सर कई बार महिलाओं का पीरियड्स मिस या इर्रेगुलर हो जाता है और ऐसे में वे काफी घबरा जाती हैं, कि कहीं वे गर्भवती तो नहीं है। हलाकिं,ये जरूरी नहीं होता है कि प्रेग्नेंट होने पर ही मेंस्ट्रुअल साइकिल मिस हो सकती है। इसके और कई कारण हो सकते है।

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कई बार कुछ महिलाओं का मासिक धर्म यानी पीरियड्स मिस हो जाता है या कई बार तो रुक जाता है। कई बार तो एक-दो महीने में होता ही नहीं है। ऐसे में अक्सर शादीशुदा महिलाएं ये सोच कर घबरा जाती हैं कि कही वो प्रेग्नेंट तो नहीं है। वैसे  आपको बता दें कि पीरियड्स मिस होने का मुख्य कारण गर्भधारण करना तो होता ही है लेकिन ये जरूरी नहीं कि हर बार यहीं वजह हो। इसके और भी कारण हो सकते है। कई शारीरिक समस्याओं, बीमारियों के कारण भी आपका पीरियड्स डिले या मिस हो सकती है। आइए जानते है मिस्ड पीरियड्स के कुछ कारणों के बारे में विस्तार से।

पीरियड्स नहीं होने के कारण क्या है –

एमेनोरिया की वजह से –

यदि आप प्रेग्नेंट नहीं हैं फिर भी आपका पीरियड डिले या मिस हो रहे है या एक-दो महीने से नहीं हुआ है तो आप एमेनोरिया (amenorrhea) के शिकार भी हो सकती हैं। वैसे तो यह एक मेडिकल टर्म होता है, जिसका मतलब है मेंस्ट्रुअल साइकिल में कमी का होना। ये कोई एमेनोरिया  बीमारी नहीं होती है, पर यह किसी अन्य कंडीशन का भी लक्षण हो सकता है, ऐसे में आप डाक्टर की सलाह ले सकते है।

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आपकी बढ़ती उम्र की वजह से –

कभी – कभी महिलाओं के बढ़ती उम्र के कारण भी कभी-कभी पीरियड्स मिस या डिले हो जाता है। वैसे तो अक्सर महिलाओं की 45 से 55 साल की उम्र के बीच जब आपका शरीर मेनोपॉज की प्रक्रिया से गुजर रहा होता है, तो भी मासिक धर्म होने में लेट या डिले हो सकती है।

आपका स्ट्रेस में रहना – 

हमारे शरीर को तनाव कई तरह से प्रभावित कर देता है।  इससे सोना, खाना-पीना, कार्य सब कुछ प्रभाव में हो सकते हैं। इसके साथ ही आपका स्ट्रेस में होना पीरियड्स को भी डिले या मिस करने के लिए जिम्मेदार हो सकते है। यदि आप हर समय तनावग्रस्त (क्रोनिक स्ट्रेस) में रहती हैं तो आपका पीरियड्स पूरी तरह से रुक या डिले हो सकता है। वैसे तो कहा जाता है कि तनावग्रस्त शरीर अधिक कोर्टिसोल हार्मोन को बनाता है, जो आपके मस्तिष्क के उस हिस्से को प्रभावित कर देता है, जो मासिक धर्म (हाइपोथैलेमस) को नियंत्रित करता रहता है। वैसे तो जब हाइपोथैलेमस के ठीक से काम नहीं करने के कारण मासिक धर्म रुक जाता है, तो इसे हाइपोथैलेमिक  एमेनोरिया कहा जाता है।

पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS)- 

अक्सर कई बार पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम के कारण भी महिलाओं में पीरियड्स रुक या डिले हो जाता है। वैसे तो जब मेल हार्मोन (एंड्रोजन) का स्तर उच्च होता है, तो पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) का निदान किया जा सकता है। और इस तरह हार्मोनल असंतुलन के कारण अंडाशय पर अक्सर सिस्ट बन जाती हैं और ओव्यूलेशन रुकने का कारण बन जाती हैं।

वजन अधिक बढ़ना- 

कई बार तो अधिक वजन बढ़ने से भी पीरियड्स मिस या डिले हो सकता है। अक्सर शरीर का कम वजन या खान-पान के कारण भी ओव्यूलेशन को रोक सकता है या मासिक धर्म को अनियमित कर सकता है। अक्सर शरीर में हाई बॉडी मास इंडेक्स (BMI) और मोटापा हॉर्मोंस मुख्य रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टरोन में बदलाव का कारण बनते रहते हैं,और इस स्थिति में भी मेंस्ट्रुअल साइकिल डिले हो सकती है।

क्रोनिक डिजीज- 

कुछ क्रोनिक डिजीज भी मिस पीरियड्स हो सकते हैं। वैसे तो कई बार सीलियक डिजीज, डायबिटीज, पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज, थायरॉइड और कुछ दवाओं के सेवन से भी मासिक धर्म इर्रेगुलर या मिस हो सकता है।

गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन – 

आजकत तो खासकर कुछ महिलाएं जल्दी मां नही बनना चाहती है तो इसके लिए वो गर्भनिरोधक दवाओं का सेवन करती हैं। वैसे तो जन्म नियंत्रण के कई रूप ओव्यूलेशन को प्रभावित करने के लिए हार्मोन पर निर्भर करते हैं। महिलाओं में कई बार तो इन दवाओं का ऐसा असर पड़ता है कि तीन या उससे भी अधिक माह तक पीरियड्स नहीं होता है।

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