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Insomnia : क्या रात भर नहीं सोता है आपका बच्चा? तो बढ़ सकता है इस बीमारी का खतरा, स्टडी में हुआ खुलासा

आजकल बच्चों में नींद न आने की समस्या के पीछे जेनेटिक कारण भी हो सकता हैं। बच्चों को उनके बेहतर विकास के लिए 8-10 घंटे की नींद की जरूरत होती है। ऐसा न हो होने की वजह से उनके विकास पर बुरा असर पड़ सकता है।

Insomnia : क्या आपके बच्चे को भी जल्दी नहीं आती है नींद, जानें इस समस्या को दूर करने के तरीके

आजकल बच्चों में नींद न आने की समस्या के पीछे जेनेटिक कारण भी हो सकता हैं। बच्चों को उनके बेहतर विकास के लिए 8-10 घंटे की नींद की जरूरत होती है। ऐसा न हो होने की वजह से उनके विकास पर बुरा असर पड़ सकता है।

बच्चों में नींद की कमी –

बच्चों की नींद पूरी नहीं होने की वजह से उनके शारीरिक और मानसिक विकास पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए बच्चों के लिए 8-10 घंटे की नींद बेहद जरूरी होती है। ऐसे में हाल ही में जर्नल ऑफ चाइल्ड साइकोलॉजी और साइकेट्री में आई एक स्टडी में ये पाया गया कि जिन बच्चों को सोने में परेशानी होती है, जैसे- जल्दी नींद नहीं आना या बार-बार नींद का खुलना, इसके पीछे जेनेटिक कारण भी हो सकता हैं। इसके अलावा ये लक्षण जीवन भर भी रह सकते हैं। इस स्टडी में 2,458 बच्चों को शामिल किया गया, जो अनुवांशिक रूप से अनिद्रा के शिकार थे। इसलिए इस समस्या का जल्द से जल्द पता लगाकर इलाज करने की जरूरत है। हमारे बच्चों में नींद की कमी की वजह से उन्हें रोना और चिड़चिड़ाहट, गुस्सा आने की समस्या हो सकती है। लेकिन कुछ बातों का ख्याल रख आप बच्चों को अच्छी नींद लेने में मदद किया जा सकता हैं। तो आइए जानते हैं क्या हैं वे टिप्स-

बच्चों में नींद आने के उपाय –

सोने का सही रूटीन बनाएं –

अक्सर बच्चों में अधिकतर अनिद्रा की वजह स्लीप पैटर्न में बदलाव या सोते वक्त किसी तरह का डिस्टरबेंस को कहा जा सकता है। इसलिए आप बच्चों के सोने का एक निश्चित समय बताएं और रूटीन को कठोरता से पालन करे और बच्चों से भी करवाएं।

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समय करें निर्धारित –

आप अपने बच्चे के डॉक्टर से  यह जानना चाहिए कि लें उसकी उम्र के हिसाब से 24 घंटे में से कितना घंटा उसे सोना चाहिए। अगर बच्चा दिन में सो जाता है तो उसे रात में सोने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।

बच्चों के रूम का वातावरण –

सोते वक्त बच्चे के रूम के आसपास कोई शोर ना हो और रूम में रोशनी अधिक नही होना चाहिए। और रूम का सही टेंपरेचर होना चाहिए और कंफर्टेबल बेड भी होना चाहिए जिससे बच्चे की नींद बार-बार टूटे नहीं।

रिलैक्सेशन करने के तकनीक का करें उपयोग –

बच्चे को नींद नहीं आ रही तो आप उसे बेड पर लेटे लेटे डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, प्राणायाम आदि करने के लिए बोल सकते है। इसके अलावा बच्चे को गर्म पानी से नहाने के बाद सोने की आदत डालें। अच्छी नींद के लिए आप रूम में खुशबू छिड़क सकते हैं।

स्‍क्रीन टाइम करें कम –

अधिक देर तक मोबाइल या लैपटॉप की स्क्रीन टाइम की वजह से भी बच्चों में नींद की समस्या हो सकती है। ऐसे में सोने से पहले कार्टून देखना या कुछ और देखना उनके दिमाग को लंबे समय तक एक्टिव रख सकता है, जिस वजह से उन्हें नींद नहीं आती है।

बच्चे के एक्टिव लाइफ करें –

बच्चा अगर दौड़ दौड़कर खेलेगा तो उसका शरीर थकेगा और उसे नींद आ जाएगी। इसलिए बच्‍चे को आउटडोर गेम  खेलने के लिए मोटिवेट करना चाहिए। अगर हो सके तो बच्चों के साथ खुद भी खेलें।

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