Aam Aadmi Party: दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ईडी की रडार पर, AAP के अन्य नेताओं की भी बढ़ सकती हैं मुश्किलें
Aam Aadmi Party: सुप्रीम कोर्ट द्वारा मनी ट्रेल के सबूत पेश करने में विफलता पर टिप्पणी करने और पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह को जमानत देने के कुछ घंटों बाद, प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि आप ने गोवा में चुनाव पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
Aam Aadmi Party: बेल मांग सकते हैं AAP के अन्य नेता, जांच एजेंसी का है सख्त रुख
दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी की मुसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रहीं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मनी ट्रेल के सबूत पेश करने में विफलता पर टिप्पणी करने और पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह को जमानत देने के कुछ घंटों बाद, प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि आप ने गोवा में चुनाव पर 45 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे।
केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है। मंगलवार को ईडी ने अपना जवाब दाखिल किया। उसके बाद बुधवार को केजरीवाल की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी समेत तीन वकीलों ने मोर्चा संभाला। सिलसिलेवार केजरीवाल का पक्ष रखा और ईडी के एक्शन पर सवाल खड़े कर दिए। कोर्ट रूम में करीब 4 घंटे तक जबरदस्त बहस हुई। दोनों पक्षों ने अपने-अपने दावे किए। ईडी ने मनी ट्रेल साबित करने का दावा किया और AAP नेताओं की संपत्तियों पर भी एक्शन लेने के संकेत दिए। वहीं केजरीवाल के वकील ने कहा कि जांच एजेंसी को अब तक कोई सबूत ही नहीं मिला है कि वो मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं। वकील ने केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग पर भी सवाल उठाए और कहा, चुनाव प्रचार में जाने से रोकने के लिए गिरफ्तारी की गई है।
AAP के अन्य नेता भी मांग सकते हैं बेल
सबसे पहले जान लीजिए कि संजय सिंह की रिहाई के आधार पर AAP के अन्य नेता भी बेल मांग सकते हैं क्या? दो दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने जब संजय सिंह की रिहाई को मंजूरी दी तो यह साफ किया कि इस फैसले को नजीर नहीं माना जा सकता है। यानी इस केस से जुड़े AAP के अन्य नेता अपनी जमानत के लिए आधार नहीं बना सकते हैं। ये वाक्य लिखने का सीधा और साफ मतलब यही है कि इस आदेश के आधार पर दूसरा आरोपी ऐसी ही राहत का दावा नहीं कर सकता है।
जांच एजेंसी का सख्त रुख
संजय की जमानत का ईडी ने भी विरोध नहीं किया और अपनी सहमति दी, जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। जबकि केजरीवाल, सिसोदिया को लेकर ऐसा नहीं है। दोनों नेताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ जांच एजेंसी का सख्त रुख है और कोर्ट में जमानत याचिका का डटकर विरोध किया जा रहा है। संजय सिंह के सवाल पर ASG ने कहा, इस मामले में ईडी ने कोई यू-टर्न नहीं लिया है। हम बाद में बताएंगे कि पैसे नहीं मिलने संबंधी सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर क्या रणनीति थी। जब यह पूछा गया कि क्या AAP को आरोपी बनाया जा सकता है तो उन्होंने कहा कि, ये सवाल जांच अधिकारी से पूछना चाहिए।
फिर जेल भेजे गए सत्येंद्र जैन
सत्येंद्र जैन एक अन्य मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसे हैं। जैन को मई 2022 में ED ने गिरफ्तार किया था। कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर उन्हें करीब 9 महीने पहले अंतरिम जमानत दी थी। बीते महीने ही सुप्रीम कोर्ट ने जैन की सभी याचिकाएं खारिज कर दी थीं और तुरंत सरेंडर करने के लिए कहा था। जैन को दोबारा तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने 26 मई 2023 को सत्येंद्र जैन को इलाज के लिए छह हफ्ते के लिए न्यायिक हिरासत से छोड़ा था।
सत्येंद्र जैन पर भी था मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
समय-समय पर बढ़ते हुए इस अवधि को नौ महीने से भी ज्यादा वक्त हो गया था। जैन के खिलाफ CBI ने 2017 में प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की थी। इस केस में सत्येंद्र जैन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप लगाया गया था। एफआईआर के मुताबिक, चार कंपनियों के जरिये मनी लॉन्ड्रिंग की गई, जो सीधा सत्येंद्र जैन से जुड़ी हैं। फिलहाल, लोकसभा चुनाव तक उनकी जमानत की संभावना भी नहीं देखी जा रही है।
बढ़ सकती हैं आप के नेताओं की मुश्किलें
अब केजरीवाल समेत AAP नेताओं की आगे क्या मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने लोअर कोर्ट में बताया कि अरविंद केजरीवाल ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि विजय नायर मुझे नहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज और आतिशी सिंह को रिपोर्ट करते थे। जब ईडी कोर्ट में यह दावा कर रही थी, तब वहां खड़े केजरीवाल चुप देखे गए। यह पहली बार था, जब इस केस में केजरीवाल के हवाले कोर्ट में दो नए मंत्रियों के नाम लिए गए। सवाल उठने लगे कि इस केस में जांच की आंच आने वाले दिनों में आतिशी और सौरभ भारद्वाज की मुश्किलें भी बढ़ा सकती है।
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ईडी की रडार पर कैलाश गहलोत
AAP के एक अन्य नेता और दिल्ली सरकार में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत भी ईडी की रडार पर हैं। तीन दिन पहले जांच एजेंसी ने गहलोत से लंबी पूछताछ की थी और उनके सरकारी आवास में विजय नायर का ठिकाने होने पर सवाल दागे थे। बुधवार को जब दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई, तब भी ईडी ने विजय नायर के दफ्तर को लेकर सवाल किए। ईडी ने कहा, AAP के कम्युनिकेशन प्रभारी रहे विजय नायर, कैलाश गहलोत के सरकारी आवास (ऑफिस) से काम कर रहे थे। वह आवास/ऑफिस सीएम के घर के ठीक बगल में है।
संपत्तियों पर होगी कार्रवाई
क्या वो व्यावहारिक रूप से उस आवास में बिना अधिकार दिए प्रवेश कर सकते थे? ईडी ने कोर्ट में इस बात के भी साफ संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में AAP के अन्य नेताओं पर ना सिर्फ शिकंजा कसेगा, बल्कि उनसे जुड़ी संपत्तियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। ईडी ने बुधवार को हाईकोर्ट को बताया कि वो दिल्ली शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी की कुछ संपत्तियों को जब्त करना चाहती है लेकिन दुविधा में हैं।
दुविधा में ईडी के वकील
ईडी के वकील ASG एसवी राजू ने कोर्ट में कहा, इस याचिका पर ऐसे तर्क दिए गए हैं मानो यह जमानत याचिका हो, ना कि गिरफ्तारी रद्द करने की याचिका। उन्होंने कहा, हम आम आदमी पार्टी की कुछ संपत्तियों को जब्त करना चाहते हैं। अगर हम ऐसा करेंगे तो वे कहेंगे कि चुनाव के समय ये सब किया। अगर नहीं करेंगे तो कहेंगे कि कहां हैं सबूत? इसलिए मैं थोड़ी दुविधा में हूं। ट्रायल कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी संख्या में आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया है। ASG ने मनीष सिसोदिया मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी हवाला लिया।
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