Women Power: सशक्त बनने के लिए महिलाओं को लेनी चाहिए मां दुर्गा से ये सीख
Women Power: जिंदगी में कभी नहीं होगी दिक्कत, मां दुर्गा से ले यह प्रेरणा
Highlight
- आज, नारी का निर्बल नहीं सबल पक्ष देखने को मिलता है। वह सहनशील है, मजबूत है, किसी के दबाव में नहीं है। अंतरिक्ष से लेकर राजनीति तक सारे क्षेत्रों में अपनी काबिलियत साबित कर रही है।
- हिंदू धर्म के अनुसार संसार को बचाने के लिए ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं ने अपनी शक्ति के बल से देवी दुर्गा का निर्माण किया।
Women Power: नवरात्रि के दौरान मां के नौ रूपों की पूजा की जाती है। ठीक उसी प्रकार हर महिला भी अपने जीवन में कई किरदार निभाती है। वो कभी बेटी, मां, पत्नी तो कभी नानी-दादी बनकर अपनी सभी जिम्मेदारियां निभाती है। मां के नौ स्वरूप हर महिला को संदेश देते हैं कि समय पड़ने पर मातृ्व समेटे हुए महिला खुद की और अपने परिवार की रक्षा करने के लिए चंड़ी का अवतार ले सकती है।
आज, नारी का निर्बल नहीं सबल पक्ष देखने को मिलता है। वह सहनशील है, मजबूत है, किसी के दबाव में नहीं है। अंतरिक्ष से लेकर राजनीति तक सारे क्षेत्रों में अपनी काबिलियत साबित कर रही है। कहा भी गया है- यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता यानी जहां स्त्री का आदर-सम्मान होता है, उनकी अपेक्षाओं की पूर्ति होती है, उस स्थान, समाज, तथा परिवार पर देवतागण प्रसन्न रहते हैं। ठीक इसी प्रकार आज की कर्मठ नारी भी जहां बसती है वहां देवता का वास होता है।
कहते हैं कि विपदाओं का हरण करने की प्रतीक कालरात्रि हों या फिर शांति का संदेश देने वाली श्वेत वस्त्रधारी मां महागौरी। ये सभी देवियां देवी सिद्धिदात्री के रूप में आकर पूर्ण होती हैं। आज की महिला में ताकत है तो प्रेम भी है। महिलाओं को सम्मान देने की परंपरा को जीवंत रखने में भी नवरात्र का बहुत महत्व है। हमारे देश में औरत का दर्जा हमेशा से ऊंचा रहा है। इन्हें पूजा जाता है। लेकिन गांवों में देखकर लगता है कि औरत को समाज में कहीं न कहीं दबाया जा रहा है।
ऐसा नहीं है कि उसकी काबिलियत पर कोई शक है। शायद उसकी सुरक्षा की चिंता के कारण उसे काम नहीं करने दिया जाता और उनकी वास्तविक शक्ति बाहर नहीं आ पाती। नवरात्र का पर्व एक औरत की वास्तविक शक्ति का प्रतीक है। वह घर का काम संभालती है। घर के बाहर प्रोफेशन में भी वह परफेक्ट है। जबकि इसका उल्टा नहीं किया जा सकता। महिलाएं पुरुषों की तरह दफ्तर का काम संभाल सकती हैं। लेकिन पुरुष परिवार की वैसी संभाल नहीं कर सकते, जैसी महिलाएं करती हैं।
कहते हैं कि हिंदू धर्म के अनुसार संसार को बचाने के लिए ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं ने अपनी शक्ति के बल से देवी दुर्गा का निर्माण किया। मां दुर्गा की इस बात से आप यह सीख ले सकते हैं कि एक अच्छा लीडर वही होता है जो जिंदगीभर सीखने में विश्वास रखता है। जीवन को देखने के अपने नजरिये को बड़ा और साफ रखें, आप जीवन में कभी भी मात नहीं खाएंगे।
1. खुद पर विश्वास
देवी दुर्गा का संपूर्ण अस्तित्व शक्ति को महसूस करने और डर पर काबू पाने के बारे में है। मां की तरह आपको बस खुद पर विश्वास करना है और हार मानने के विचार को खत्म करना है क्योंकि सफलता कभी-कभी लंबी अवधि में मिलती है।
2. कुछ न कुछ सीखते रहना
धार्मिक कथाओं से हमें पता चलता है कि मां दुर्गा ब्रह्मा, विष्णु और शिव की शक्ति को इकट्ठा करने के बाद दुनिया को बचाने के लिए बनाई गई थी। इससे हमें यह सीख मिलती है कि जीवन में खुला दिमाग रखकर कुछ न कुछ सीखते रहना चाहिए।
Read more: Tips for Self confidence: सेल्फ कॉन्फिडेंस हो रहा है लूज, अपनाए ये खास टिप्स
हर महिला को जीवन में कठिन से कठिन मोड़ पर निर्भय और मजबूत बने रहना चाहिए। मां दुर्गा के अस्तित्व से हर महिला को अपनी शक्तियों को पहचानने के साथ निर्भय रहने की भी सीख लेनी चाहिए। सिंह पर सवार देवी शक्ति हर महिला को संदेश देती हैं कि अगर कोई स्त्री ठान लें तो वो बड़ी से बड़ी परेशानी का भी हल ढूंढ सकती है। बस आपको खुद पर विश्वास रखने की जरूरत है।
देवी दुर्गा के आठ हाथ हर महिला को मल्टी टैलेंटेड बनने का संकेत देते हैं। अगर आप अपने जीवन में कुछ बड़ा पाना चाहते हैं तो आपको एक से ज्यादा काम करने आने चाहिए। ऐसा करने से न सिर्फ आपके समय की बचत होगी बल्कि आपके दिमाग का भी विकास होगा। अगर आप मल्टी टैलेंटेड होंगी तो आपको जीवन में सफल होने से कोई नहीं रोक सकता।
अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com