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First Woman IAS : क्या आप जानते हैं भारत की इस पहली महिला आईएएस ऑफिसर के बारे में

First Woman IAS : अन्ना मल्होत्रा पद्मभूषण अवार्ड से हो चुकी हैं सम्मानित 

Highlights :
  • भारत में यूपीएससी सबसे कठिन परीक्षा मानी जाती है
  • अन्ना भारत की पहली महिला आईएएस ऑफिसर थीं
  • अन्ना भारत सरकार की पहली महिला सेक्रेटरी थीं

हिंदुस्तान में यूपीएससी की परीक्षा का बहुत ज्यादा क्रेज होता है। यह ऐसी परीक्षा है जिसका ख्वाब लगभग हर व्यक्ति अपनी स्टूडेंट लाइफ में देखता है। यूपीएससी की परीक्षा बहुत ही कठिन मानी जाती है। इसी यूपीएससी की परीक्षा को पास करने के बाद, रैंक के आधार पर प्रतियोगी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस जैसी प्रतिष्ठित पोस्ट को प्राप्त करते हैं। आज के टाइम में महिलाएं यूपीएससी परीक्षा में टॉप रैंक लाती हैं और देश के नामी पोस्ट पर नौकरी पाती हैं।

कई महिलाएं अच्छी पैकेज वाले नौकरी को छोड़कर आईएएस बनने के लिए यूपीएससी की तैयारी शुरू कर देती हैं। पर, आज जो चीज इतनी आसान दिखती है, क्या कल भी उतनी ही आसान होती थी? आज जितनी महिलाएं यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस बन रही हैं, क्या दशकों पहले भी यूपीएससी की परीक्षा महिलाओं के लिए इतना सरल और आसान होती थी? प्रश्न जितने सीधे और सरल हैं, इसका अतीत उतना ही जटिल है। एजुकेशन-पॉलिटिक्स-साइंस से लेकर यूपीएससी तक की द्वार को महिलाओं के लिए पहली बार जिन्होंने खोला, उनके बारे में जानना जरूरी हो जाता है।

आज जब हम तमाम सारे पुरूषों-महिलाओं को आईएएस बनते हुए देखते हैं तो हमारे मन में इस सवाल का आना कोई बड़ी बात नहीं है कि ” पहली पुरुष या महिला आईएएस कौन था?” रविंद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई सत्येंद्रनाथ टैगोर पहले ऐसे भारतीय थे जिन्होंने सिविल सर्विसेज की परीक्षा को सबसे पहले पास किया था।

जब देश की पहली महिला आईएएस बनी अन्ना राजम मल्होत्रा

भारत की पहली महिला आईएएस के रूप में अन्ना राजम मल्होत्रा जानी जाती हैं। बता दें कि अन्ना राजम मल्होत्रा का जन्म केरल के एनाकुर्लम जिले में 17 जुलाई 1927 को हुआ था। अन्ना राजम ने मद्रास विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई की। अन्ना राजम मल्होत्रा ने 1952 में सिविल सर्विसेज की परीक्षा को पास किया। इसके बाद अन्ना राजम मल्होत्रा आईएएस जैसे बड़े पोस्ट के लिए चयनित हुईं। अन्ना पढ़ाई के दिनों से ही काफी तेज और टैलेंटेड स्टूडेंट थीं।

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अपनी कॉलेज की पढ़ाई को खत्म करने के बाद अन्ना ने सिविल सर्विसेज की परीक्षा की तैयारी शुरू कर दिया। अन्ना राजम ने तब के दौर में बतौर महिला यूपीएससी को चैलेंज के रूप में लिया था। उन्होंने इतनी मेहनत की, कि परिणामस्वरूप अपनी पहले प्रयास में ही आईएएस के लिए चुन ली गई। अन्ना राजम ने आईएएस बनकर न सिर्फ अपने इतिहास रचा था बल्कि उन्होंने महिलाओं को एक नये ख्वाब देखने के लिए प्रेरित भी किया। अन्ना राजम की ट्रेनिंग मद्रास कैडर से हुई। अन्ना राजम ने अपने लंबे कार्यकाल में देश के नामी राजनेताओं के साथ काम किया। अन्ना ने अपने बैचमेट पूर्व आईएएस अॉफिसर आर एन मल्होत्रा के साथ शादी किया था। अन्ना की बतौर पहली पोस्टिंग मद्रास स्टेट में हुई। उन्होंने मुख्यमंत्री सी राजगोपालाचारी के कार्यकाल में काम किया।

एक महिला के रूप में अन्ना राजम के लिए बतौर आईएएस अधिकारी नौकरी करना इतना आसान भी नहीं था। उन्हें बहुत कुछ सीखना और अनुभव करना पड़ा। अन्ना ने आईएएस अधिकारी के रूप में अपने कैरियर में 7 मुख्यमंत्रियों व दो प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया। अन्ना भारत सरकार की पहली महिला आईएएस सेक्रेटरी बनीं। साल 1989 में, अन्ना राजम मल्होत्रा को पद्मभूषण अवार्ड से सम्मानित किया गया। साल 2018 में, 91 बरस की अवस्था में अन्ना राजम मल्होत्रा इस दुनिया को छोड़कर हमेशा के लिए चली गयीं। अन्ना राजम मल्होत्रा का जीवन अपने आप में एक सिलेबस है। एक महिला के रूप में जिस समय अन्ना राजम मल्होत्रा ने आईएएस जैसी कठिन परीक्षा को पास किया, उस समय बहुतों ने इस परीक्षा का नाम तक नहीं सुना होगा। आज अन्ना राजम मल्होत्रा हमारे बीच में नहीं हैं लेकिन उनकी योगदान को सदैव याद रखा जाएगा।

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