Investment Ideas for Women: महिलाओं अब निवेश करना नहीं है मुश्किल! कब, क्यों और कहां करे Invest?
Investment Ideas for Women: निवेश से जुड़े सारे मुश्किल सवालों का मिलेगा यहां आसान उत्तर! किसी और के सामने हाथ फैलाने की नहीं पड़ेगी अब जरूरत!
Highlights:
Investment Ideas for Women: निवेश कहां, कब, क्यों और कैसे करे?
कैसे करें Stocks में निवेश?
क्या निवेश को शुरू करने की कोई तय उम्र होती है?
Investment Ideas for Women: महिलाओं, अगर आपको लगता है की फाइनेंस बड़ा ही मुश्किल और पेचीदा विषय है इसलिए इससे दूर रहने में ही भलाई है तो आप गलत है। यह लेख उन महिलाओं के लिए है जिन्हें वित्त के विषय से संबंधित थोड़ा सामान्य ज्ञान की आवश्यकता है जैसे क्या, कब और कहां करना चाहिए निवेश और किन गलतियों को करने से रहना चाहिए सावधान, इत्यादि?
यूं तो आधुनिक भारतीय नारी हर दूसरे दिन रूढ़ियों को तोड़ रही है और अपना लोहा सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में मनवा रहीं है मगर महिलाओं को सर्वोत्तम वित्तीय नियोजन युक्तियाँ और विचार प्राप्त करने में कोई दिक्कत न हो इसलिए हम सरल भाषा में आप तक अहम जानकारियों को सांझा करने की कोशिश करेंगे।
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सबसे पहले हम यह जानते है की आखिर महिलाओं को निवेश क्यों शुरू करना चाहिए?
निवेश किसी की भी आय को बढ़ाने का एक शानदार तरीका है, फिर चाहे वह महिला हो या कोई पुरुष। सामान्य जीवन से ऊपर उठकर अपने छोटे बड़े सपनों को पूरा करने के लिए आज के ज़माने में पैसों का होना बेहद जरूरी है। कहते है की पैसे से ही पैसे बना करते है, अपनी कमाई को आप निवेश करने के बजाय यूं ही रख देंगे तो वह बढ़ेंगे तो कभी नहीं बल्कि घटना शुरू हो जायेंगे। इसलिए निवेश बहुत जरूरी है, सपनो को पूरा करने के लिए, अनहोनियों का सामना करने के लिए और एक खुशहाल जिंदगी के लिए।
आइए अब छोटे पहलुओं में निवेश के कुछ फायदों की चर्चा करते है:-
वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करना
आत्मनिर्भर होना आज के युग में बेहद जरूरी है। वित्तीय प्रबंधन में प्रवेश करने का प्राथमिक फायदा वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करना है। किसी के सामने कभी हाथ न फैलाना पड़े और जरूरत के समय अपनो के काम आ सके इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है। वित्तीय स्वतंत्रता आपको अपनी शर्तों पर जीवन जीने की आजादी देती है। यह महिलाओं में आत्म-सम्मान को भी बढ़ाता है।
करियर ब्रेक लेना
सही तरीके से निवेश किए जाने के परिणाम स्वरूप कोई भी महिला करियर ब्रेक अपनी मर्जी के हिसाब से कभी भी ले सकती है। हालांकि, अगर वह ऐसा करती है, तो कोई स्थिर आय नहीं होगी। इसलिए, उसे इस अवधि के लिए भी एक योजना बनाने की आवश्यकता होगी। इसके अलावा, करियर ब्रेक में घूमना फिरना हो या कौशल में सुधार के लिए शैक्षिक खर्च जैसे अतिरिक्त खर्च भी आपको आपका पुराना निवेश बिना किसी दबाव और परेशानी के क रने में मदद कर सकती है।
आपात स्थिति
अनहोनियां पूछ कर नहीं हुआ करती, इसलिए सावधानी बरतने में ही समझदारी हुआ करती है। मानव जीवन आपात स्थितियों से भरा होता है। सेहत से लेकर जानमाल के नुकसान जैसे हादसों तक नेगेटिव एक्सपीरियंस की कोई कमी नहीं है। इसलिए, इन अप्रत्याशित हालातों से निपटने में महिलाओं को निवेश बड़ी मदद करता है जैसे अगर आपने पहले से ही कोई जीवन बीमा करा रखा हो।
बच्चों की परवरिश
आजकल, महिलाएं अपने बच्चों की परवरिश में मानसिक रूप के साथ आर्थिक रूप में भी बढ़ चढ़ कर योगदान करती है। आपके बच्चो को अच्छी से अच्छी और सारी सुख सुविधा मिले इसके लिए आपको उनके इस दुनियां में आने से पहले ही प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए। निवेश ही एकमात्र तरीका है जो यह सारी जरूरतों को पूरा करने में मदद कर सकता है।
उपरोक्त पहलुओं से पता चलता है की महिलाओं को निवेश के बारे में जरूर सोचना चाहिए।
अब आगे हम जानेंगे की महिलाओं को निवेश कब शुरू करना चाहिए?
यह सवाल थोड़ा जटिल मालूम होता है मगर ऐसा है नहीं। निवेश को करने की कोई तय उम्र नहीं हुआ करती है, यह बिलकुल वैसा ही है जैसे अच्छे काम को करने का कोई एक फिक्स दिन नहीं हुआ करता। आप निवेश अपने जीवन में कभी भी शुरू कर सकते है, और जितना जल्द आप इसे शुरू करेंगे उतना ही ज्यादा लाभकारी यह आपके लिए साबित होगा। निवेश में सबसे जरूरी बात जो ध्यान में रखनी चाहिए वह है धैर्य का होना। केवल बचत पर ध्यान केंद्रित करने से पैसा बहुत अस्थिर हुआ करता है, इसलिए सब समझ कर जल्द ही निवेश का मन बनाना ही सही होता है।
निवेश कहां करें?
निवेश का मन बनाने के बाद विभिन्न योजनाओं में से सबसे अच्छी योजना को तराशना भी बेहद महत्वपूर्ण है। अक्सर लोग सोचते है की निवेश तो सिर्फ और सिर्फ पैसे वाले लोग ही कर सकते है हमारे हक में तो सिर्फ बचत करना ही है, ऐसा नहीं है। देश में ऐसी कई योजनाएं मौजूद है जिनमें आप चोटी संख्या से भी अपने निवेश की शुरुआत कर सकते है। तो चलिए बिना किसी देरी के जानते है निवेश के रास्तों को!
सामान्य भविष्य निधि
डाकघरों और बैंकों में उपलब्ध, सार्वजनिक भविष्य योजना भारत में सबसे लोकप्रिय निवेश योजनाओं में से एक है। इस योजना की अवधि 15 वर्ष है और इस पर 8% का वार्षिक ब्याज मिलता है (आंकड़ों में बदलाव भी हो सकते है)। इस योजना की वार्षिक निवेश राशि 500 रुपये से 1.5 लाख रुपये तक हुआ करती है। इसके अलावा, पीपीएफ योजना में निवेश में 5 साल पूरे करने के बाद कोई भी राशि का 50% निकाल सकता है।
किसान विकास पत्र (KVP)
यह भारत में एक और व्यवस्थित निवेश योजना है जो डाकघरों में प्रमाण पत्र के रूप में उपलब्ध है। यह 7.6% का वार्षिक ब्याज प्रदान करता है और 9 साल और 5 महीने की अवधि के लिए वैध होता है (आंकड़ों में बदलाव भी हो सकते है)। इसे सबसे अच्छी अल्पकालिक निवेश योजनाओं में से एक माना जाता है क्योंकि परिपक्वता यानी मैच्योरिटी मूल्य मूल राशि का दोगुना हुआ करती है। इसमें निवेश न्यूनतम 1,000 रुपये से लेकर 1,000 रुपये के गुणकों में किए जा सकते है बिना किसी अधिकतम सीमा के।
बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट
फिक्स्ड डिपॉजिट निवेश के लिए अपनाए जाने वाला सबसे अधिक और एक अच्छा विकल्प है जो सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्र के बैंकों के पास उपलब्ध हुआ करता है। निवेश की राशि और कार्यकाल निवेशक द्वारा तय किया जाता है। इन जमाओं पर ब्याज की दर हर बैंक में अलग-अलग होती है।
रियल एस्टेट
इस तरह का निवेश एक महंगा लेकिन लाभदायक विकल्प होता है। रियल एस्टेट को उच्च रिटर्न के साथ सबसे अच्छी निवेश योजनाओं में से एक माना जाता है। यह योजना ज्यादातर लंबे समय के लिए हुआ करती है और इससे लॉन्ग टर्म फायदे की उम्मीद की जा सकती है।
सोना
भारतीय महिलाओं के लिए सोना खरीदना एक अच्छा निवेश विकल्प माना जाता है। विभिन्न बैंक और एमएमटीसी अधिकृत डीलर 5 ग्राम, 10 ग्राम और 20 ग्राम जैसे विभिन्न मूल्यवर्ग में प्रमाणित सोने के सिक्के बेचते हैं। हालांकि सोने की कीमतें कभी तय नहीं हुआ करती है यानी बदलती रहती है, लेकिन फिर भी इसे लंबी अवधि में सुरक्षित निवेश माना जाता है।
म्यूचुअल फंड्स
म्यूचुअल फंड किसी भी तरह के निवेशक, शुरुआती या अनुभवी दोनो के लिए एक अच्छा विकल्प है। एक महिला के रूप में, आपको एक ऐसे साधन की आवश्यकता होती है जो आपको अपने लक्ष्यों के आधार पर कुशलतापूर्वक अपने धन का आवंटन करने की अनुमति देता है। यदि आप एक नए निवेशक हैं, तो आप बस एक व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) से शुरुआत कर सकते हैं।
यह आपको हर महीने एक निश्चित राशि की बचत को निवेश करने की अनुमति देता है, जिसमें राशि हर महीने आपके खाते से स्वतः डेबिट हो जाया करती है, जिससे आपको अपनी निवेश रणनीति के लिए प्रतिबद्ध रहने में मदद मिलती है।
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF)
वे दिन गए जब शेयर बाजारों में निवेश के लिए कठोर शोध की आवश्यकता हुआ करती थी और यह अनिवार्य रूप से आम महिला या निवेशक की पहुंच से बाहर रहा करता था। एक ईटीएफ मुख्य रूप से प्रतिभूतियों की एक टोकरी है जो संपत्ति के ब्रह्मांड पर विचार करती है – चाहे वह इक्विटी, ऋण, स्टॉक, बांड, कमोडिटी या मुद्राएं हों। आप उस टोकरी का एक हिस्सा खरीद सकते है, ठीक वैसे ही जैसे किसी कंपनी के शेयर खरीदते है।
शेयरों
स्टॉक, जिसे अन्यथा इक्विटी के रूप में भी जाना जाता है, वह एक कंपनी के आंशिक स्वामित्व का प्रतिनिधित्व हुआ करता है। जब आप किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो इसका मतलब है कि आप उस कंपनी के एक छोटे से हिस्से के मालिक बन जाते है। कुछ सबसे बड़े ब्रांड आज लोगों को अपने स्टॉक खरीदने और बेचने की अनुमति देते है। यह आमतौर पर स्टॉक के प्रदर्शन से जुड़ी अस्थिरता के कारण अधिक जोखिम भरा परिसंपत्ति वर्ग माना जाता है। लेकिन वह कहते है ना “जहां रिस्क है वही इश्क भी है”
कई बार शेयर के माध्यम से अविश्वसनीय फायदे भी हुआ करते है लेकिन किसी भी स्टॉक में निवेश करने से पहले अच्छी तरह जांच पड़ताल को करना बेहद आवश्यक होता है।
अब हम अपने अंतिम पड़ाव में आ गए है जहां निवेश की उपरोक्त योजनाओं को समझने के बाद निवेश करते वक्त किन गलतियों से बचना चाहिए, यह हम जानेंगे:-
1) उधर लेकर निवेश करने से बचे।
2) सारा पैसा किसी एक जगह डालने की भूल न करें।
3) बिना शोध के किसी भी बड़े फैसले को लेने की भूल ना करें।
4) आपने अकाउंट्स पर हमेशा नजर बनाए रखें।
Conclusion: इस लेख में हमने आपको वित्त से जुड़ी अहम बातों को आसान भाषा में समझने का प्रयास किया है। निवेश की शुरुआत क्यों और कब करने से लेकर कहां कर सकते है इन सारी जानकारियों को हमने विस्तार में बताया है। ऐसे ही Women Talk से जुड़े रोचक लेख को पढ़ने के लिए Oneworldnews के साथ बने रहिए।