Mosquito Racket: मच्छरों से निपटने के लिए इलेक्ट्रिक बैट है सबसे असरदार, ऐसे करता है ये काम
मच्छरों के प्रकोप वाले इस मौसम में हम सभी ने उन्हें भगाने के लिए तमाम तरीके अपनाए होंगे। लेकिन ऐसा लगता है कि उसमें सबसे बेहतर तरीका मच्छरदानी के अलावा इन्हें मारने वाले बिजली के रैकेट या बैट ही हैं। आइए जानते हैं कैसे।
Mosquito Racket: जानिए मच्छर मारने वाले बैट कितना वोल्टेज पैदा करते हैं? और इसे किसने बनाया
Mosquito Racket:जब भी मौसम बदलने वाला होता है तब हमारे घरों में मच्छर भी बेतहाशा बढ़ने लगते हैं। जैसे इन दिनों मच्छरों का आतंक जोरों पर है। मच्छरों से निजात पाने के लिए ना जाने कितने उपाय किए जाते हैं। मच्छरों को भगाने वाली क्रीम से लेकर अगरबत्ती तक कहीं कहीं स्प्रे करके उन्हें भगाने की कोशिश की जाती है लेकिन हकीकत ये है कि मच्छर इन सबके बावजूद परेशान करते रहते हैं। ऐसे में क्या बिजली के मच्छर को मारने वाले बैट ही सबसे असरदार साबित हुए हैं।
ऐसे काम करती है मच्छर मारने वाले रैकेट
मच्छर मारने वाले इलेक्ट्रिस बल्ले का काम करने का सिद्धांत सरल है। इसमें धातु की 03 जालियां होती हैं, जो केंद्र में होती है, वो प्लस चार्ज होती है यानि धनावेशित, जो बाहरी वो माइनस चार्ज यानि ऋणावेशित। जब परतें एक-दूसरे को स्पर्श नहीं करतीं, तो धारा प्रवाहित नहीं हो सकती लेकिन अब जब कोई मच्छर जरा भी इनके संपर्क में आकर जाली को जरा छू भी लेता है तो करंट बहने लगता है और मच्छर मर जाता है।
मच्छर मारने वाले बैट कितना वोल्टेज पैदा करते हैं?
करीब 1,400 V यानि एक हजार नियमित बैटरियों के बराबर। जैसे ही मच्छर संपर्क में आता है, शक्तिशाली विद्युत प्रवाह शुरू होने लगता है। साथ ही ये पास की हवा के संपर्क में आकर हवा में परमाणुओं से इलेक्ट्रॉनों को बाहर निकालता है, जो हमें चिंगारी के रूप में दिखाई देता है।
ऐसे बना होता है बिजली का ये रैकेट जैपर
मच्छर रैकेट में आमतौर पर एक फ्रेम बॉडी, एक ग्रिप और एक शाफ्ट होता है। फ़्रेम बॉडी के अंदर एक चार्ज जाल होता है, ग्रिप में एक बैटरी होती है। ये बैटरी चार्ज जाल के बीच विद्युत कनेक्शन को कंट्रोल करता है।
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इसे किसने बनाया
ताइवान के त्साओ-ए शिह को इस आधुनिक मच्छर रैकेट को बनाने का श्रेय दिया जाता है। वर्ष 1996 में उन्होंने इसे बनाया। इस मच्छर बल्ले को इलेक्ट्रिक फ्लाईस्वैटर, रैकेट जैपर या जैप रैकेट के रूप में भी जाना जाता है। मच्छरों को संपर्क में आने पर ये उन्हें बिजली का एक छोटा सा झटका देकर मार देता है।