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Flavors of India: भारत का ये खास चटपटा मशाला, जो विदेशों में मचा रहा स्वाद का डंका

भारत एक ऐसा देश है, जो अपने मसालों के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है। इसका कारण है कि मसाले सुगंध से भरपूर होने के साथ खान-पान की चीजों का स्वाद भी बढ़ाते हैं। एक रिसर्च के अनुसार, भारत हर साल 20 लाख टन मसालों का उत्पादन करता है।

Flavors of India: जानिए क्या है भारतीय मसालों का भविष्य, हेल्थ के लिहाज से है ये बेहद महत्वपूर्ण


Flavors of India: खाने को टेस्टी बनाने के लिए मसाले बेहद जरूरी हैं। खासकर, भारतीय मसालों को तो खान-पान की जान माना जाता है। अगर खाने में ठीक-ठाक मसाले न हो तो स्वाद अधूरा सा लगता है। भारतीय मसाले न सिर्फ यहां बल्कि विदेशों में भी खूब फेमस है। वैसे भी हमारे देश को मसालों का घर यानी Land of Spices के नाम से जाना जाता है। इतिहास के पन्ने पलटें तो पुराने समय में भी भारतीय मसाले अस्तित्व में थे।

आपको बता दें कि अमचूर भारतीय मसालों का अहम हिस्सा है। अमचूर दो शब्दों से मिलकर बना है- आम और चूर.यह आम को सुखाकर और पीसकर बनाया जाता है। इसे सामान्यत: खटाई, तीखापन और खुशबू के लिए इस्तेमाल किया जाता है। खासकर इसका इस्तेमाल खासकर चटपटे और मसालेदार व्यंजनों को बनाने में किया जाता है। चटपटी चाट हो या फिर चटनी, हर चीज में अमचूर का इस्तेमाल होता है।

कहां-कहां होता है इस्तेमाल

अमचूर का इस्तेमाल लगभग हर इंडियन खाने में हो ही जाता है। इसका इस्तेमाल चटपटी चाट, सब्जी, दाल, पनीर और चिकन का स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। ये खाने का पूरा टेस्ट ही बदल देता है। अमचूर का इस्तेमाल अचार बनाने में भी किया जाता है। उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक, हर जगह इसका बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जाता है।

त्योहारों में भी महत्व

दिलचस्प बात ये है कि इसका इस्तेमाल त्योहारों में भी किया जाता है। हिंदू धर्म में वैसे भी आम को सबसे पवित्र फल माना जाता है। आम का जिक्र रामायण, महाभारत और पुराणों में भी मिलता है। हिंदू धर्म में इसे फर्टिलिटी और प्यार का प्रतीक मानते हैं। यहां वजह है कि किसी भी यज्ञ में आम की लकड़ी का ही इस्तेमाल किया है। कोई धार्मिक अनुष्ठान हो या फिर विवाह-संस्कार, हर जगह आम या उससे जुड़ी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है।

विदेशी लोगों का जायका

अमचूर अपने खट्टे स्वाद के साथ ग्लोबल पहचान बनाने में कामयाब रहा है। न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों में भी इसका खूब इस्तेमाल किया जाता है। इंडियन करी से लेकर मिडल ईस्ट के सलाद और मैक्सिकन सालसों तक, हर जगह अमचूर का इस्तेमाल किया जाता है। इतिहास तो ये भी कहता है कि अकबर ने भारत में आम की खेती को बढ़ावा देने के लिए 1 लाख आम के पेड़ लगवाए थे।

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भारतीय मसालों का भविष्य

विदेशों में जैसे-जैसे भारतीय मसालों की डिमांड बढ़ रही है, तो ऐसे में जाहिर तौर पर इंडियन मसालों का डिमांड बढ़ने की उम्मीद है। विदेशों में इडली, डोसा और दाल मखनी जैसे तमाम व्यंजन खाए जाते हैं। ऐसे में मसालों की डिमांड बढ़ने की ही उम्मीद है।

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