New Parliament Building Inauguration: जानिए कौन करेंगे नई संसद भवन का उद्घाटन, इतने दल है विरोध में
19 विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का सामूहिक रूप से बहिष्कार करने का ऐलान किया है। जिसमें कांग्रेस भी शामिल है, लेकिन अब कांग्रेस के ही एक नेता ने इस विरोध को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
New Parliament Building Inauguration: इस नेता का बयान पीएम मोदी नहीं करेंगे संसद का उद्घाटन, तो क्या पाकिस्तान के पीएम करेंगे?
New Parliament Building Inauguration: देश में नई संसद भवन को लेकर राजनीति गरम हो चुकी है। आपको बता दें 19 विपक्षी दलों ने इसके उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया है। दरअसल 18 मई को लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने पीएम नरेंद्र मोदी को इस भवन के उद्घाटन के लिए न्योता भेजा, जिसके बाद इसका विरोध शुरू हो गया। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से इसका उद्घाटन करवाना चाहिए। वहीं AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने अब इस मामले में बीजेपी और अन्य विपक्षी दलों से अलग बयान दे दिया।
ओवैसी ने कहा है कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों को नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं करना चाहिए। ओवैसी के मुताबिक प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कार्यपालिका का हिस्सा हैं, जिस वजह से नए संसद भवन का उद्घाटन स्पीकर ओम बिड़ला को करना चाहिए।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi should not inaugurate this. If Lok Sabha Speaker Om Birla will not inaugurate the new Parliament building, then we (AIMIM) will not attend the ceremony: AIMIM chief Asaduddin Owaisi pic.twitter.com/D5cYMuUGCN
— ANI (@ANI) May 24, 2023
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ओवैसी ने कहा मैंने नई लोकसभा बनाने का प्रस्ताव दिया था
ओवैसी ने नए संसद भवन के प्रस्ताव का जिक्र करते हुए बताया, ”2019 के लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस मीटिंग का एजेंडा एक राष्ट्र, एक चुनाव था। तकरीबन सभी पार्टियां इससे सहमत थीं। हालांकि मैंने और सीताराम येचुरी ने इसका विरोध किया था। मैंने नई लोकसभा बनाने का प्रस्ताव दिया था। उस वक्त प्रधानमंत्री बड़े नाराज हुए थे मुझ पर।’
देश का विरोध करना ठीक नहीं
वहीं कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने विपक्षी दलों के रुख का विरोध करते हुए कहा, “भारत की संसद भारत की धरोहर है, भाजपा की नहीं, देश की संसद का उद्घाटन हिंदुस्तान का प्रधानमंत्री नहीं करेगा तो क्या पाकिस्तान का प्रधानमंत्री करेगा? संसद, राष्ट्रपति भवन ये इस तरह की इमारतें हैं जो किसी पार्टी की नहीं होती हैं। ये देश की होती हैं। हम प्रधानमंत्री की नीतियों का विरोध करें, हमें करना चाहिए, हम हर जगह करेंगे। लेकिन देश की जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए हमें मोदी का विरोध करने का हक है, लेकिन देश का विरोध करना ठीक नहीं है।”
विपक्ष ओवैसी के रास्ते पर न चले
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने विपक्षी दलों से कहा, मैं सभी दलों से अपील करता हूं कि वो अपने फैसले पर फिर से विचार करें। मोदी का विरोध करो, देश का विरोध करना ठीक नहीं है। देश की संसद पूरे देश की है, किसी एक पार्टी की नहीं है। भारत की संसद को भाजपा का समझना गलत है। इसीलिए मेरा निवेदन है कि तमाम विपक्ष ओवैसी के रास्ते पर न चले।
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इन दलों ने किया है समारोह का विरोध
19 विपक्षीय दलों ने बायकॉट का ऐलान किया है। इन दलों में कांग्रेस, डीएमके, AAP, शिवसेना, समाजवादी पार्टी, भाकपा, झामुमो, केरल कांग्रेस (मणि), विदुथलाई चिरुथिगल कच्ची, रालोद, टीएमसी, जदयू, एनसीपी, सीपीआई (एम), आरजेडी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, नेशनल कॉन्फ्रेंस, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और मरुमलार्ची द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (एमडीएमके) शामिल हैं।
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