Raksha Bandhan 2023 : रक्षाबंधन के मौके पर हर भाई को बहन के लिए करने चाहिए ये जरुरी काम
इस साल राखी का त्योहार 31 अगस्त को मनाया जाएगा। इस खास मौके पर बहन को दे ये खास तोहफा और बनाए अपने रिश्ते को मजबूत।
Raksha Bandhan 2023 : इस साल राखी का त्योहार 31 अगस्त को होगा, बहनों को दें खास मौके पर एक खास गिफ्ट
31 अगस्त को है रक्षाबंधन –
भाई-बहन के रिश्ते का सबसे बड़ा पर्व रक्षाबंधन होता है। इस वर्ष 30 और 31 अगस्त 2023 को रक्षाबंधन मनाया जा रहा है। रक्षाबंधन के नाम से ही स्पष्ट है, ऐसा बंधन या रिश्ता तो रक्षा सूत्र में बंधा हो। रक्षाबंधन के मौके पर बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं। राखी के बदले भाई बहन की रक्षा का वचन लेता है। बहन की हर परेशानी में सहायता करने, उसके सुख दुख में साथ देने का काम एक भाई ही करता है।
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रक्षा का मतलब बहन पर प्रतिबंध लगाना –
आज के दौर में रक्षा का मतलब बहन पर प्रतिबंध लगाना हो गया है। बहनों को रोकना टोंक के, घर से बाहर अकेले जाने से मना करना होता है। कपड़ों को लेकर रोकटोक करने मात्र से है। लेकिन हर भाई को राखी का फर्ज निभाते हुए बहन की रक्षा के लिए कुछ और तरीकों को अपनाना चाहिए। इस राखी के पर्व से हर भाई को बहन के लिए इन पांच कामों को करना शुरू कर देना चाहिए, ताकि उनके बीच का रिश्ता मजबूत हो सके और भाई की गैरमौजूदगी में भी बहन सुरक्षित रह सके।
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बहनों का दाखिला कराटे, बॉक्सिंग क्लास –
हर लड़की को आत्मरक्षा के गुण आने चाहिए।क्योंकि हर समय भाई बहन के साथ नहीं रह सकता है। स्कूल-कॉलेज से दफ्तर जाने और शादी के बाद ससुराल जाने पर बहन अपने भाई से दूर हो जाती है। ऐसे समय पर बहन को अपनी रक्षा स्वयं करनी होती है। भाई बहन को आत्मरक्षा के बारे में सिखाएं। बहनों का दाखिला कराटे, बॉक्सिंग क्लास में कराएं, ताकि वह किसी अजनबी खतरे से अपने आप को बचा सकें।
लड़कियों में आत्मविश्वास को बढ़ायें –
अक्सर लड़कियां बाहर जानें, दूसरों के सामने खुल कर अपने विचार रखने या कई छोटी-बड़ी चीजों से डर जाती हैं। लड़कियों में आत्मविश्वास की कमी होती है। लड़कियां शारीरिक तौर पर कमजोर हो सकती हैं लेकिन हर भाई को अपनी बहन को शारीरिक तौर पर मजबूत बनाने के साथ ही मानसिक तौर पर भी बलवान बनाने की जरूरत होती है। बहन का आत्मविश्वास बढ़ाएं। बहन को अकेले बाहर जानें दें, उन्हें अपने काम खुद करने दें, बाहरी लोगों से मिलने-जुलने दें ताकि उनका आत्मविश्वास बढ़े।
बहन के अधिकारों की रक्षा –
अधिकतर लड़कियों के जीवन के फैसले पहले पिता या भाई और शादी के बाद पति लेते हैं। लड़की को क्या पहनना है, कहां और क्या पढ़ना है, नौकरी और फिर शादी तक के हर बड़े फैसले में उनसे अधिक माता पिता ही लेते है। रक्षा का वचन देने वाले भाइयों को बहन के अधिकारों की रक्षा भी करनी चाहिए। बहन के जीवन के फैसले उसे खुद लेने दें। उन्हें फैसले लेना सिखाएं और उनके फैसलों में साथ दें ताकि जब आप उनके पास न हों तब भी वह निडरता से अपने जीवन को किस राह ले जाना है, यह खुद तय कर सकें।
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