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भाव व्यक्त करने के लिए कला की ज़रूरत

कला : भाव व्यक्त करने का उचित माध्यम


कला भिन्न-भिन्न रूप में लगभग हर क्षेत्र,राज्य,देश व संस्कृति में व्याप्त है। यह तब से ही चली आ रही है जब से मनुष्य ने अपने पैर इस धरती पर जमाए। पहले कला पत्थरों व गुफाओं में देखने को मिलती थी और धीरे-धीरे विकास कि साथ-साथ उसे मोटे काग़ज़ों पर उतारा जाने लगा। हम आज भी इस को अपने चारों तरफ़ देख सकते है। यह ख़ुद में जादू कि समान है। इसके पास लोगों का मन मोह लेने का जादू है। जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते है हमारे लिए इसका का मतलब बदलता जाता है। जहाँ बचपन में हम रंग के छोटे से टुकड़े से दीवारों पर कलाकारी किया करते थे, बड़े होकर उसी रंग के टुकड़े से पूरा एक संदेश अपने चित्र से ही व्यक्त के देते है। यह मनुष्य कि जीवन का वह सुंदर पक्ष है जिसे ख़ुद से भूलकर भी अलग भी करना चाहिए।

रचनात्मक कलाएँ जैसे नृत्य, संगीत, नाटक ये न ही केवल हुनर बढ़ाती है, बल्कि ये मनुष्य को थकान भरे पलो में सुकून देती है। ये इंसान का तनाव ख़त्म करने में भी सहायक होते है। किसी के भावों को व्यक्त करने में भी यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वे कारण जिनकी वजह से हमें कला की ज़रूरत है वे निम्नलिखित हैं:-

भाव व्यक्त करने के लिए कला की ज़रूरत
प्रतीकात्मक चित्र

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  • यह मानव का प्राकृतिक व्यवहार है। हर संस्कृति की अपनी कला है। भाषा भी इसी का एक भाग है। भाषा इंसान को पूर्ण करती है और क्योंकि भाषा एक कला है। इसलिए हम यह कह सकते है कि भाषा एक इंसान को पूर्णता प्रदान करती है।
  • यह संचार का माध्यम है। यह भाषा की तरह भाव व सूचना व्यक्त लेने का एक माध्यम है। यह हमें अपने विचार प्रकट करने का एक अद्भुत रास्ता दिखाती है, वे विचार जिन्हें हम कभी बोलकर व्यक्त भी के पाते।
  • यह हमारी कहानी बताती है। यह इतिहास का एक पाठ है, यह इतिहास का लेखा-जोखा है। इसने ना जाने कितनी ही संस्कृतियों को बचाकर रखा है। संस्कृति की कलाओं में उनकी मान्यता व मूल्य झलकती हैं। इतिहास को समझने कि लिए हमें कला की ज़रूरत है।
  • कला साझेदारी का अनुभव है। यह हमें एक दूसरे से घुलने मिलने का मौक़ा देती है। इस के कुछ रूप ऐसे है जो बिना कलाकारों के समूह कि बिना हो ही नहीं सकते जैसे नृत्य, सामूहिक गीत इत्यादि। कला हमें एक दूसरे से जोड़े रखती है।

हम कला के बिना अपने जीवन की कल्पना करें, तो वो कितनी बेरंग होती, पुराने ज़माने के टेलिविज़न की तरह। इसलिए हमें इसके महत्व को समझना बेहद ज़रूरी है। क्योंकि कला एक बहुत ही स्वतंत्र माध्यम है ऐसा माध्यम जिससे हम अपने विचार पूरी तरह दूसरे लोगों कि साथ बाँट सकते है।

 

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