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Jyeshta Shukla Paksha 2023: ज्येष्ठ माह का शुक्ल पक्ष शुरू, जानें 15 दिन के व्रत-त्योहार की डेट

इस महीने में हरी सब्जियां, सत्तू, जल वाले फलों का प्रयोग लाभदायक होता है। इस महीने में दोपहर का विश्राम करना भी लाभदायक है।

Jyeshta Shukla Paksha 2023: जानें दिन तीथी और पूजा की विधी

Jyeshtha Maas 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार यह वर्ष का तीसरा माह होता है। इस माह में कई प्रमुख व्रत और त्योहार पड़ते हैं। सभी एकादशियों में सबसे ज्यादा महत्व रखने वाली निर्जला एकादशी भी ज्येष्ठ माह में ही पड़ती है।

Jyeshtha Maas 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ का महीना वैशाख मास के समाप्त होते ही शुरू हो जाता है। यह हिंदू कैलेंडर का तीसरा महीना है। इस महीने में सूर्य अत्यंत ताकतवार हो जाता है और गर्मी भयंकर पड़ती है। सूर्य की ज्येष्ठता के कारण इस महीने को ज्येष्ठ का माह कहते हैं। इस मास में सूर्य और वरुण देव की उपासना विशेष फलदायी होती है। इस बार ज्येष्ठ 06 मई से 04 जून तक रहेगा। 05 जून से आषाढ़ के महीने की शुरुआत हो जाएगी। आइए जानते हैं सभी उपवास और त्योहारों की तारीख।

ज्येष्ठ माह की व्रत और त्योहार लिस्ट

6 मई, शनिवार- ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष प्रारंभ

7 मई, रविवार- देवर्षि नारद जयंती

9 मई, मंगलवार- अंगारकी चतुर्थी

12 मई, शुक्रवार- शीतलाष्टमी

15 मई, सोमवार- अपरा एकादशी

17 मई, बुधवार- प्रदोष व्रत

19 मई, शुक्रवार- वट सावित्री व्रत, शनि जयंती

20 मई, शनिवार- ज्येष्ठ मास शुक्लपक्ष प्रारंभ, करवीर व्रत

22 मई, सोमवार- पार्वती पूजा

23 मई, मंगलवार- वैनायकी गणेश चतुर्थी

24 मई, बुधवार- श्रुति पंचमी

30 मई, मंगलवार – गंगा दशहरा

31 मई, बुधवार- निर्जला एकादशी

1 जून, गुरुवार- चंपक द्वादशी

4 जून, रविवार- पूर्णिमा, संत कबीर जयंती

निर्जला एकादशी

ज्येष्ठ मास में शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि को निर्जला एकादशी और भीमसेनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है. इस एकादशी व्रत में पानी पीना वर्जित माना जाता है इसलिए इस एकादशी को निर्जला कहते है। यह व्रत 31 मई को रखा जाएगा।

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गंगा दशहरा

इस वर्ष 30 मई को गंगा दशहरा पर्व मनाया जाएगा। प्रतिवर्ष यह पर्व ज्येष्ठ या ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन गंगा नदी पर स्नान करने और दान-पुण्य करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन जल, अन्न, फल, वस्त्र, पूजन व सुहाग सामग्री, सत्तू, मटका, हाथ का पंखा, घी, नमक, तेल, शकर और स्वर्ण का दान करना अतिलाभदायी माना गया है।

ज्येष्ठ मास की पूजन विधि 

ज्येष्ठ मास के दिन स्नान, ध्यान और पुण्य कर्म का विशेष महत्व है। आज के दिन व्रत और पूजा-पाठ से विवाह में आ रही दिक्कतें भी दूर होती हैं। आज के दिन श्वेत वस्त्र धारण कर भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए। इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना भी शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि पीपल के पेड़ पर भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी वास करती हैं।

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Roshni Mishra

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