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क्या आपका बच्चा नहीं बोल पा रहा है, बच्चे की परवरिश करते समय इन खास बातों का रखें ध्यान : Common Parenting mistakes to avoid

हम अक्सर देखते है कि कुछ बच्चे जल्दी बोलना शुरू कर देते हैं, लेकिन वही कुछ बच्चों को बोलने में काफी समय लगता है कई स्थितियों में यह साधारण बात नहीं होती है, साथ ही समय पर ध्यान न देना बड़ी समस्या का कारण हो सकता है।

Common Parenting mistakes to avoid : अगर आपके बच्चे को भी बोलने में हो रही है देरी, तो जानिए इसका कारण और उपाय

हम अक्सर देखते है कि कुछ बच्चे जल्दी बोलना शुरू कर देते हैं, लेकिन वही कुछ बच्चों को बोलने में काफी समय लगता है कई स्थितियों में यह साधारण बात नहीं होती है, साथ ही समय पर ध्यान न देना बड़ी समस्या का कारण हो सकता है।

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बच्चों की परवरिश करते समय पेरेंट्स रखें ध्यान –

हर माता पिता के बनते ही अपने बच्चे की आवाज सुनने की सबसे ज्यादा इंतजार रहता है। वैसे तो बच्चे के पैदा होने से लेकर पहला शब्द बोलने तक सभी पेरेंट्स को उस समय का बहुत इंतजार रहता है, जब उनका बच्चा बोलना कब शुरू करेंगा। हालांकि बच्चे के लिए बोलना शुरू करने का कोई निर्धारित समय नहीं है। वैसे तो ज्यादातर बच्चे 12 से 18 महीने की उम्र तक बोलना शुरू कर देते हैं। लेकिन कुछ और स्थितियों में अलग-अलग भी हो सकता हैं। सामान्य रूप से 2 साल का बच्चा लगभग 50 शब्द तक बोल सकता है, साथ ही दो से तीन शब्दों के वाक्यों में भी बोल सकता है। वह 3 साल की उम्र तक आते-आते उसकी शब्द लगभग 1,000 तक हो जाती है, जिससे वे तीन से चार शब्दों के वाक्यों में बोल पाता है।

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बच्चे के बोलने में देरी (Delay in Speech) हो तो इन बातों का रखें खयाल –

बच्चे के जन्म के कुछ महीनों बाद ही ध्वनि निकालने वाले खिलौनों की सहायता से सुनने की क्षमता को जांच लेना चाहिए।

बच्चे को खेलाते हुए खिलौनों तथा वस्तुओं के नाम को बताएं तथा उसे प्रोत्साहित करते रहना और ये भी ध्यान रखें कि वह भी उसे दोहराने की कोशिश करते रहना चाहिए।

जब बच्चा पूरा वाक्य बोलने लगे तो उसे नर्सरी राइम्स सुनाना शुरू करें तथा उसकी कुछ पंक्तियों को दोहराने के लिए उत्साहित करते रहना चाहिए।

बच्चों के लिए भाषा के विकास के सभी बच्चों के लिए समान होता है, लेकिन जिस उम्र में बच्चे उन्हें विकसित करते हैं वह बहुत भिन्न हो सकता है। यदि सुनने में भी कोई समस्या लगे तो डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि सुनने और बच्चे के बोलने में देरी के बीच परस्पर संबंध होते हैं।

बच्चों को सबसे पहले परिवार के सदस्यों के नाम को सिखाइए और इसके साथ ही फलों के नाम,खाना पीना, आना, जाना एक्शन नाम को सिखाए।

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