Supreme Court Collegium: जजों के ट्रांसफर को लेकर SC ने लगाई केंद्र को फटकार, जानिए क्या है पूरा मामला
Supreme Court Collegium: SC को जल्द मिलेंगे इतने जज, कॉलेजियम पर सरकार लेगी फैसला
- कोर्ट ने कहा, न्यायाधीशों के तबादले को लंबित रखा जाना एक गंभीर मुद्दा है।
- कोर्ट ने इस प्रक्रिया में तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के खिलाफ चेतावनी दी।
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुख्य न्यायाधीशों के ट्रांसफर भी लंबित हैं।
Supreme Court Collegium: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को जजों की नियुक्ति और ट्रांसफर मामले को लेकर केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई है। कोर्ट ने कॉलेजियम की ओर से हाई कोर्ट के जजों के तबादले को मंजूरी देने में देरी पर केंद्र को चेतावनी देते हुए कहा ‘प्रशासनिक और न्यायिक दोनों तरह की कार्रवाई हो सकती है, जो सुखद नहीं होगी।’
आपको बता दें न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति अभय एस. ओका की पीठ ने केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी से कहा, हमें कोई स्टैंड न लेने दें जो बहुत असुविधाजनक होगा। कोर्ट ने कहा, न्यायाधीशों के तबादले को लंबित रखा जाना एक गंभीर मुद्दा है। न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि ट्रांसफर एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है और इस प्रक्रिया में तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के खिलाफ चेतावनी दी। उन्होंने एजी को बताया कि कभी-कभी सरकार इसे रातोंरात करती है और कभी-कभी इसमें अधिक समय लगता है। इसमें एकरूपता नहीं होती है। कोर्ट ने कहा कि मुख्य न्यायाधीशों के ट्रांसफर भी लंबित हैं।
दरअसल, एडवोकेट्स एसोसिएशन बेंगलुरु ने इस मामले में एक अवमानना याचिका लगाई थी। शुक्रवार को इस पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने हाईकोर्ट जजों का ट्रांसफर कर सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति देने की सिफारिशों को मंजूरी देने में हो रही देरी पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने सरकार से कहा कि ये बेहद गंभीर मामला है। हमें ऐसा स्टैंड लेने पर मजबूर न करें, जिससे परेशानी हो। केस की अगली सुनवाई 13 फरवरी को होगी।
गौरतलब है कि जजों की नियुक्ति से जुड़े सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम में सुधार को लेकर हो रही चर्चाओं के बीच कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक बार फिर बयान दिया है। रिजिजू ने सोमवार को दिल्ली बार एसोसिएशन के एक कार्यक्रम में कहा- देश में मजबूत लोकतंत्र के लिए आजाद न्यायपालिका का होना जरूरी है।
वहीं केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को सलाह दी है कि कॉलेजियम में उसके प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए। कानून मंत्री किरण रिजिजू ने CJI को चिट्ठी लिखकर कहा है कि जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया में सरकारी प्रतिनिधि शामिल करने से सिस्टम में पारदर्शिता आएगी और जनता के प्रति जवाबदेही भी तय होगी।
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वहीं सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 13 दिसंबर को सरकार से 5 नामों की सिफारिश की थी। इनमें जस्टिस पंकज मिथल चीफ जस्टिस राजस्थान HC, जस्टिस संजय करोल चीफ जस्टिस पटना HC, जस्टिस पी वी संजय कुमार चीफ जस्टिस मणिपुर HC, पटना हाईकोर्ट के जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और इलाहाबाद HC के जस्टिस मनोज मिश्रा का नाम शामिल था।
Supreme Court Collegium recommends Allahabad High Court Chief Justice, Justice Rajesh Bindal, and Gujarat High Court Chief Justice, Justice Aravind Kumar for elevation as Judges of the Supreme Court.
— ANI (@ANI) January 31, 2023
सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने जस्टिस एसके कौल और एएस ओका की बेंच को बताया कि 5 जजों की नियुक्ति का वारंट जल्द ही जारी होगा। सुप्रीम कोर्ट में जजों की सैंक्शन स्ट्रेंथ CJI समेत 34 है। फिलहाल 27 जजों के साथ काम हो रहा है। पांचों जजों के शपथ लेने के बाद यह संख्या बढ़कर 32 हो जाएगी।