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Joshimath sinking: जोशीमठ भू-धंसाव को लेकर PMO में हाई लेवल मिटिंग, निकला ये निष्कर्ष

Joshimath sinking: जानें जोशीमठ मामलें में कौन-कौन एक्सपर्ट कमेटी संस्थाओं को किया है शामिल ?


Highlight

. उत्तराखंड के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू ने जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए रविवार को जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।

. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद कई निर्णय लिए गए

. जोशीमठ में जमीन धंसने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।

Joshimath sinking: जोशीमठ में जमीन धंसने और कई घरों में दरारें पड़ने की घटनाओं को लेकर रविवार (8 जनवरी) को काफी हलचल रही।  इस संकट को लेकर बैठकें हुईं और कई अधिकारियों ने जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए इलाके का दौरा किया। पीएम मोदी ने भी उत्तराखंड के सीएम से बात कर मदद का आश्वासन दिया।

जोशीमठ के मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने रविवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में कैबिनेट सचिव और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा की। इस समीक्षा बैठक में जोशीमठ के जिला पदाधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उपस्थित थे। उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारियों को भी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा में शामिल होने को कहा गया था।

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प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव अध्यक्षता में समीक्षा बैठक के दौरान मुख्य सचिव उत्तराखंड ने जोशीमठ से प्रधानमंत्री कार्यालय को जानकारी दी। पीके मिश्रा को जोशीमठ समीक्षा बैठक में अवगत कराया गया कि भारत सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञ लघु, मध्यम और दीर्घकालिक योजना तैयार करने में राज्य सरकार की सहायता कर रहे हैं। एनडीआरएफ की एक टीम और एसडीआरएफ की चार टीमें पहले ही जोशीमठ पहुंच चुकी हैं।

प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा की उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक के बाद कई निर्णय लिए गए। बैठक के दौरान राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, आईआईटी रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी एंड सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट से कहा गया कि वे विशेषज्ञों की टीम के जरिए अध्ययन कर रिपोर्ट दें। सीमा प्रबंधन सचिव और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कल उत्तराखंड का दौरा करेंगे और जोशीमठ की स्थिति का जायजा लेंगे।

समीक्षा बैठक में कैबिनेट सचिव, केंद्र सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों ने हिस्सा लिया। जोशीमठ के जिला अधिकारियों के अलावा उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा बैठक में भाग लिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार में दरक रहे घरों को तोड़ने की सिफारिश की गई है। जोशीमठ के 25 फीसदी इलाके इस भू धंसाव से प्रभावित बताए जा रहे हैं। इमारतों और अन्य स्ट्रक्चर में नुकसान की तीव्रता का पता लगाने के लिए भी सर्वेक्षण चल रहा है।

जिला प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए बीआरओ के अंतर्गत निर्मित हेलंग वाई पास निर्माण कार्य और एनटीपीसी के निर्माण कार्यो पर अग्रिम आदेशों तक तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. वहीं एनटीपीसी ने एक बयान जारी कर दावा किया कि ये सुरंग जोशीमठ शहर के नीचे से नहीं जा रही है। इसे बनाने के लिए टनल बोरिंग मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है।  एनटीपीसी का कहना है ब्लास्टिंग का इस्तेमाल नहीं हो रहा। एनटीपीसी ये भी कहा है कि जोशीमठ के धंसने और सुरंग के निर्माण में कोई कनेक्शन नहीं है।

वहीं जोशीमठ में जमीन धंसने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस मामले में याचिका दाखिल की है। याचिका में मांग की गई है कि प्रभावित लोगों को आर्थिक सहायता दी जाए और उनकी संपत्ति का बीमा करवाया जाए। याचिका में आदि शंकराचार्य ने कई ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों को नष्ट होने की आशंका भी जाहिर की है।

उत्तराखंड के मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू ने जमीनी स्थिति का जायजा लेने के लिए रविवार को जोशीमठ के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार और मुख्यमंत्री की सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम के साथ संधू ने जमीन धंसने से बुरी तरह प्रभावित मनोहर बाग, सिंगधार और मारवाड़ी इलाकों का निरीक्षण किया। उन्होंने इन इलाकों के लोगों से अस्थायी राहत केंद्रों में स्थानांतरित होने की अपील भी की।

जोशीमठ में मकानों में आई दरारों के बाद हर ओर दहशत है। रेस्क्यू टीमें यहां रह रहे परिवारों को सुरक्षित बाहर कहीं और शिफ्ट करने में लगी है। मचे हाहाकार के बीच चमोली जिले के जोशीमठ व उसके आसपास के क्षेत्रों में हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट्स, चारधम ऑल वेदर रोड, एनटीपीसी के अन्य सभी कामों को रोक दिया गया है। इस क्षेत्र को सिंकिंग जोन घोषित कर दिया गया है। एक दिन पहले ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस क्षेत्र का दौरा किया था। अधिकारियों को सारे नियमों में ढील देने का निर्देश देते हुए राहत कार्य में तेजी लाने को कहा था।

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