मनोरंजन

Pakistani Films banned in india : क्यों पाकिस्तानी फिल्मों को भारत में नहीं मिल पाता है स्टेज ?

Pakistani Films banned in india : क्यों पाकिस्तानी फिल्में भारत में नहीं दिखाई जाती, जब कोरा पे लोगों ने साझा की अपनी राय


Highlights –

  • कुछ दिन पहले भारत में पाकिस्तान की फिल्म दी लीजेंड ऑफ मौला की स्क्रीनिंग रद्द कर दी गई।
  • यह फिल्म दिल्ली और पंजाब के सिनेमाघरों में 30 दिसंबर को रिलीज होने वाली थी।
  • फवाद खान और माहिरा खान की यह एक्शन फिल्म भारत में नए रिकॉर्ड सेट करने के मकसद से रिलीज होने वाली थी।

Pakistani Films banned in india : हिंदुस्तान और पाकिस्तान के रिश्ते महज सरहद तक ही नहीं टिके हैं। दोनों देशों के रिश्ते कई पैमाने पर अपना रंग दिखाते रहते हैं।

कुछ दिन पहले भारत में पाकिस्तान की फिल्म दी लीजेंड ऑफ मौला की स्क्रीनिंग रद्द कर दी गई। यह फिल्म दिल्ली और पंजाब के सिनेमाघरों में 30 दिसंबर को रिलीज होने वाली थी। फवाद खान और माहिरा खान की यह एक्शन फिल्म भारत में नए रिकॉर्ड सेट करने के मकसद से रिलीज होने वाली थी। चूंकि फिल्म के ये सितारे हिंदी सिनेमा में अपनी पहचान पहले ही बना चुके हैं इसलिए फिल्म के मेकर्स के लिए भारत के दर्शकों से जुड़ना आसान था लेकिन इन सबके पहले फिल्म को भारतीय सिनेमाघरों में जगह ही नहीं मिली।

आपको बता दें फिल्म भारत में मल्टीप्लेक्स सिनेमा ग्रुप पीवीआर और आईनॉक्स में प्रदर्शित होने वाली थी लेकिन रिलीज से पहले ही फिल्म को पाकिस्तान का रास्ता दिखा दिया गया।

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, भारत के मल्टीप्लेक्स सिनेमा ग्रुप पीवीआर और आईनॉक्स के एक कर्मचारी से इसका कारण पूछा गया , जिस पर उसने कहा कि ‘हमें फिल्म के डिस्ट्रीब्यूटर्स ने बताया है कि फिल्म की रिलीज स्थगित कर दी गई है। हमें इसके बारे में दो-तीन दिन पहले बताया गया था। इसकी कोई वजह नहीं बताई गई है और न ही रिलीज के लिए आगे की कोई तारीख बताई गई है।

फिल्म के रिलीज से चार दिन पहले आईनॉक्स सिनेमा ग्रुप के चीफ प्रोग्रामिंग ऑफ़िसर राजेंद्र सिंह जियाला ने बताया था कि ‘मौला जट’ उन सिनेमाघरों में दिखाई जाएगी जहां पर पंजाबी बोलने वालों की अधिक संख्या है।

इनकी इस घोषणा के बाद भारत में इस फिल्म का इंतज़ार किया जा रहा था। फिल्म के प्रमोशन टिकट्स भी बुक माय शो प्लैटफॉर्म पर आ गए थे।

यहां तक की बात ऐसी हुई की पीवीआर ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर फिल्म की रिलीज की तारीख शेयर कर दी फिर इस पोस्ट को डिलीट कर दिया।

क्यों रोक दी गई भारत में रिलीज

कुछ अन्य ख़बरों की मानें तो भारत के सेंसर बोर्ड ने फ़िल्म के प्रदर्शन की इजाज़त वापस ले ली है। हालांकि बोर्ड की ओर से इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है और न ही बोर्ड की वेबसाइट पर इसके बारे में कोई भी समाचार है।

इतना तो अनुमान लगाया जा सकता है कि फिल्म की तारीख़ का ऐलान करने के बाद इसे अचानक स्थगित करने का फ़ैसला डिस्ट्रीब्यूटर्स ने ख़ुद से तो नहीं लिया होगा।

आपको बता दें इससे पहले साल 2011 में पाकिस्तानी फिल्म ‘बोल’ भारतीय सिनेमाघरों में रिलीज हुई थीं।

Read More-पांच दिन पांच घटनाएं, क्यों देश की बेटियां निशाने पर

फिल्म ‘मौला जट’ के भारत में डिस्ट्रीब्यूशन का अधिकार ‘ज़ी स्टूडियोज़’ के पास है। उनकी तरफ से भी फ़िल्म के रिलीज को रद्द करने पर कोई बयान सामने नहीं आया है। ये वही ग्रुप है जिसमें कुछ सालों पहले पाकिस्तान के चर्चित सीरियल दिखाए जाते थे। उन्होंने भारत में फिल्म बनाने की योजना भी बनाई थी लेकिन उड़ी और पुलवामा के चरमपंथी हमलों के बाद जब भारत और पाकिस्तान के संबंध खराब हुए तो पाकिस्तानी सीरियल भी बंद हो गए और साथ में फ़िल्म बनाने की योजना भी रद्द कर दी गई।

ऐसा पहली बार नहीं है जब भारत में किसी पाकिस्तानी फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगी हो। इस पर हमने कोरा पर लोगों की राय मांगी , लोगों ने अपने राय कुछ इस तरह साझा किए।

आपको बता दें भारत में फिल्मों की गुणवत्ता में सफलता का वही पैमाना लागू होता है जो अन्य व्यवसायों में लागू होता है। यहाँ सफल फिल्में वे ही मानी जाती है, जो अधिक व्यवसाय कर सकती हो।

पाकिस्तान की फिल्में जितनी बजट में बनती है, उतने बजट में भारत में टेलीविजन के धारावाहिक या रियलिटी शो बनते है। स्पष्ट है कि पाकिस्तानी फिल्मों में बजट और तकनीकी के संसाधनों की कमी फिल्मों में दर्शकों के लिये वह उत्पन्न नहीं कर पाती है, जो अन्य प्रतियोगी भारतीय फिल्में कर सकती हैं।

Read more- फिलहाल हल्द्वानी में नहीं चलेगा बुलडोजर, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

अब बात रही कि फिर क्यों पाकिस्तान में भारत की फिल्मों को इतनी तवज्जो मिलती है। पाकिस्तान और भारत की एक ही संस्कृति होने के कारण भाषा और सामाजिक परिवेश एक जैसा ही है इसलिए पाकिस्तान के दर्शक वहाँ की फिल्मों की अपेक्षा भारतीय फिल्में देखना अधिक पसंद करते हैं।

लेकिन ऐसा नहीं है कि दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति पैदा होने पर पाकिस्तान में भारतीय फिल्में प्रतिबंधित नहीं होतीं।

भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति में पाकिस्तान में भारतीय फिल्मों का प्रदर्शन प्रतिबंधित हो जाता है ।

भले ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति को देखते हुए फिल्मों का रिलीज दोनों देशों में समय – समय पर प्रतिबंधित हो जाता है लेकिन कला और फिल्म को चाहने वाले दोनों ही देशों की फिल्मों का लुत्फ उठाने में यकीन रखते हैं। हो सकता है ये सबकी अपनी राय हो लेकिन फिलहाल दोनों देशों के मनोरंजन सरहदी सीमा में ही बंधे हैं।

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

Back to top button