Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rank-math domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/admin/domains/hindi.oneworldnews.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the hustle domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/admin/domains/hindi.oneworldnews.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
Richest Village of India: महाराष्ट्र के इस गांव में रहते सबसे ज्यादा करोड़पति, भुखमरी की मार झेलकर सबसे अमीर बना गांव
भारत

Richest Village of India: महाराष्ट्र के इस गांव में रहते सबसे ज्यादा करोड़पति, भुखमरी की मार झेलकर सबसे अमीर बना गांव

Richest Village of India: हिवरे बाजार गांव की कहानी भी बहुत ही अनोखी है। यहां हरियाली और खूबसूरती किसी का भी मन मोह सकती है। इसके अलावा आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि इस गांव में बिजली और पानी की कोई कमी नहीं है। वहीं गांव में आपको कहीं भी मच्छर देखने को नहीं मिलेगा। कहते हैं अगर यहां किसी ने मच्छर पकड़ कर दिखा दिया, तो यहां के सरपंच उसे 400 रुपये का ईनाम देंगे।

Richest Village of India: भारत का सबसे अमीर गांव, जहां रहते सबसे ज्यादा करोड़पति, जानिए गांव से जुड़ी रोचक बातें

अगर हम कहें कि आप अपने मन में एक गांव की कल्पना करें, तो यकीनन आपने मन में मिट्टी के घर, हरे-भरे खेत, खेतों में काम करते लोग, चारा खाते जानवर, कुएं से मटके में पानी भरकर लाती औरतें और बहुत सी ऐसी ही तस्वीरें बनेंगी। लेकिन क्या आप कभी उस गांव की कल्पना कर सकते हैं, जहां स्कूल, कॉलेज, बैंक, शहर के लोगों से ज्यादा अच्छा रहन-सहन और साथ ही गांव की हर एक आदमी या तो लखपति या करोड़पति हों। अगर नहीं, तो बता दें कि दुनिया में ऐसा भी एक गांव है, जहां का हर एक आदमी लखपति या करोड़पति है। वहां हर तरह सुख-सुविधाओं के साधन मौजूद हैं। इसी कारण से यह गांव दुनिया का सबसे अमीर गांव है और खास बात यह है कि यह गांव भारत में ही मौजूद है। महाराष्ट्र का हिवरे बाजार (Hiware Bazar) अपनी अमीरी के लिए जाना जाता है। ये गांव अहमदनगर जिले में स्थित है। जहां अधिकत्तर लोग अमीर हैं। चलिए बताते हैं आपको इस गांव की रोचक कहानी…

दरअसल, नाम की तरह हिवरे बाजार गांव की कहानी भी बहुत ही अनोखी है। यहां हरियाली और खूबसूरती किसी का भी मन मोह सकती है। इसके अलावा आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि इस गांव में बिजली और पानी की कोई कमी नहीं है। वहीं गांव में आपको कहीं भी मच्छर देखने को नहीं मिलेगा। कहते हैं अगर यहां किसी ने मच्छर पकड़ कर दिखा दिया, तो यहां के सरपंच उसे 400 रुपये का ईनाम देंगे।

भारत का सबसे अमीर गांव

इस गांव की कुल आबादी 1250 लोगों से कुछ ही ज्‍यादा है। वहीं, गांव में 305 परिवार रहते हैं। इनमें से 80 परिवार करोड़पति हैं। वहीं, 50 परिवारों की सालाना आय 10 लाख रुपये से ज्‍यादा है। हीं गांव में सिर्फ 3 ऐसे परिवार हैं। जिनकी सालाना आय 10 हज़ार से भी कम है। इसे आज भारत का सबसे अमीर गांव भी कहा जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि इस गांव के लोग या तो खानदानी अमीर होंगे या कारोबारी होंगे। लेकिन, मजेदार बात ये है कि गांव के लोगों की आमदनी का मुख्‍य स्रोत खेती है। यहां के लोगों ने एकसाथ मिलकर कृषि पर जोर दिया और गांव की जीडीपी बढ़ा ली।

Read More:- Most Expensive Wedding: 90 करोड़ के गहने, 17 करोड़ की साड़ी, 500 कराेड़ की शादी, मंत्री की बेटी जब बनी दुल्हन तो देखते रह गए सब…

भुखमरी के बन गए थे हालात

हिवरे बाजार गांव में एक समय ऐसा भी था, जब ज्‍यादातर लोगों के सामने भुखमरी के हालात थे। गांव में हर तरफ गरीबी ने पैर पसार रखे थे। लिहाजा, गांव के लोग रोजी-रोटी की तलाश में हिवरे बाजार से शहरों का रुख करने लगे थे। खराब हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 1990 में यहां के 90 फीसदी परिवार गरीब थे। दरअसल, इस गांव पर 80 और 90 के दशक में भयंकर सूखे की मार पड़ी। स्थिति इतनी खराब हो गई कि पीने तक के लिए पानी नहीं बचा था। उस समय गांव में 93 कुएं थे। भूजल स्‍तर भी 110 फीट नीचे तक चला गया था। कुछ लोग अपने परिवारों के साथ गांव से पलायन कर गए। फिर इस गांव के लोगों ने अपनी किस्मत खुद चमकाने का फैसला किया।

लोगों ने मिल-जुलकर बदली गांव की तस्‍वीर

सूखे से निपटने के लिए 1990 में एक समिति ज्वाइंट फॉरेस्ट मैनेजमेंट कमेटी बनाई गई। इसके तहत गांव में कुएं खोदने और पेड़ लगाने का काम श्रमदान के जरिए चलाया गया। महाराष्‍ट्र रोजगार गारंटी योजना के तहत इस काम को फंड दिया गया। इसके बाद 1994-95 में आदर्श ग्राम योजना आने के बाद इस काम को रफ्तार मिल गई। इसके बाद समिति ने हिवरे गांव में ज्‍यादा पानी की जरूरत वाली फसलों की बुआई पर पाबंदी लगा दी। लोगों की मेहनत और एकजुटता का नतीजा है कि अब गांव में 300 से ज्‍यादा कुएं हैं। वहीं, ट्यूबवेल खत्‍म होने के कारण भूजल स्‍तर ऊपर उठकर 30 फीट पर आ गया है।

Read More:- Travancore Bizarre Tax: देश का वो इलाका जहां महिलाओं को स्तन ढकने को देना पड़ता था टैक्स, छाती ढकी दिखी तो फाड़ देते थे कपड़े

सब्‍जी की पैदावार से कर रहे हैं मोटी कमाई

गांव के सभी परिवारों की आय खेती से ही होती है। गांव के लोग सब्जी उगाकर हर साल मोटी कमाई करते हैं। यही नहीं, इनकी आमदनी में हर साल बढ़ोतरी भी हो रही है। हिवरे बाजार गांव की प्रति व्यक्ति आय देश के शीर्ष 10 फीसदी ग्रामीण क्षेत्रों की औसत आय 890 रुपये प्रति माह की दोगुनी है। गांव के लोगों की औसत आय बीते 20 साल में 20 गुना से ज्‍यादा हो गई है। हिवरे गांव के लोगों की एकजुटता के कारण गरीबी खत्म हो गई। इससे लोगों ने शहरों की ओर पलायन करना बंद कर दिया। अब लोग हिवरे बाजार गांव में ही रुककर खेती करते हैं। गांव छोड़कर गए लोग भी अब लौट आए हैं।

सरपंच की अक्‍लमंदी ने बदल दी तस्‍वीर

हिवरे बाजार गांव के सरपंच पोपट राव पवार देश के उन चंद लोगों में गिने जाते हैं, जिनकी वजह से गांव की दशा-दिशा बदल गई। हिवरे बाजार गांव के आसपास के लोग भी उनसे सीख लेकर खेती में नए प्रयोग कर रहे हैं। इससे उनकी भी आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है। बता दें कि 1970 के दशक में हिवरे बाजार गांव हिंद केसरी पहलवानों के लिए पहचाना जाता था। बाद में हालात बिगड़े और बदतर हो गए। लेकिन, अब फिर से हालात बदल गए हैं। सरपंच पोपट राव के मुताबिक, गांव के लोगों के लिए 7 सूत्र हैं। यहां के सूत्र और पंचायत के लिए रूपरेखा गांव के लोग ही तैयार करते हैं।

Read More:- Hindu Population: किस देश में भारत से भी ज्यादा हिंदुओं की आबादी? एक क्लिक में जानें सब कुछ…

पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में की तारीफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हिवरे बाजार गांव की तारीफ कर चुके हैं। पीएम मोदी ने 24 अप्रैल 2020 को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में हिवरे बाजार गांव की तारीफ करते हुए कहा कि पानी का मूल्य वही जानते हैं, जिन्होंने इसकी कमी के कारण तकलीफ झेली है। ऐसी जगह पर पानी को लेकर संवेदनशीलता भी होती है। ऐसी जगहों के लोगों में कुछ बेहतर करने की इच्‍छा भी होती है। उन्‍होंने कहा कि महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के हिवरे बाजार ग्राम पंचायत ने पानी की समस्या से निपटने के लिए क्रॉपिंग पैटर्न को बदला। पानी ज्यादा उपयोग करने वाली फसलों को छोड़ने का फैसला किया।

We’re now on WhatsApp. Click to join

गांव में मच्‍छर ढूंढने पर दिया जाता इनाम

हिवरे बाजार गांव में करोड़पति तो दर्जनों हैं, लेकिन मच्छर एक भी नहीं मिलता है। सरपंच पोपट राव कहते हैं कि यहां मच्छर ढूंढने वाले को 400 रुपये इनाम दिया जाता है। उन्‍होंने बताया कि हमने गांव की तस्‍वीर बदलने के लिए एक एनजीओ के साथ मिलकर पांच साल की योजना बनाई थी। इसी के तहत गांव में कुएं खोदने, पेड़ लगाने और शौचालय बनाने का काम करना था। लोग इस कदर जुनून के साथ इस काम में जुटे कि पांच साल का काम महज दो साल में ही पूरा कर डाला था।

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
Back to top button