जानें उन देशों के बारे में जो बदल चुके हैं अपना राष्ट्रगान, साथ ही जाने इसके पीछे की वजह
ये 5 देश बदल चुके हैं अपना राष्ट्रगान
ब्रिटिशों की कॉलोनी रहे देश ऑस्ट्रेलिया में लम्बे समय से राष्ट्रगान को लेकर बहस चल रही थी. ऑस्ट्रेलिया हर साल 26 जनवरी को राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाता है. ऑस्ट्रेलिया के एक बड़े वर्ग का मानना है कि ब्रिटिश ने इसी दिन ऑस्ट्रेलिया में घुसपैठ की थी. ब्लैक लाइव्स मैटर के अनुसार अब ऑस्ट्रेलिया में स्वदेशी संस्कृति और इतिहास को तवज्जो देने के वजह से दक्षिणपंथी सरकार द्वारा राष्ट्रगान के शब्दों में बदलाव किया जा रहा है. मतलब की अब ऑस्ट्रेलिया अपने राष्ट्रगान में बदलाव करने जा रहा है तो चलिए आज जानते है उन देशों के बारे में. जिन्होंने अपने राष्ट्रगानों में बदलाव किए हैं.
कनाडा: साल 2018 से कनाडा में
थी.
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दक्षिण अफ्रीका: दक्षिण अफ्रीका
खिलाफ पढ़ी जाने वाली एक सूक्
नेपाल: नेपाल में साल 2006 से
इराक: सद्दाम हुसैन को इराक का तानाशाह कहा जाता था. साल 2003 में सद्दाम हुसैन का शासन काल समाप्त होने के बाद यहां के राष्ट्रगान में बदलाव की प्रक्रियाएं शुरू की गयी थी. सद्दाम हुसैन का गुणगान करने वाले राष्ट्रगान को बदल देने की कवायद के सालों बाद भी इराक को एक उपयुक्त राष्ट्रगान नहीं मिल सका था. उसके बाद 2004 में मॉतिनी गीत को इराक का राष्ट्रगान अपनाने की खबरें आई थी. जबकि पिछले साल मई में रिपोर्ट में कहा गया कि अभी नए राष्ट्रगान और झंडे को होल्ड पर रख दिया गया है.
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