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World Blood Donor Day : 3 जिंदगियां बचा सकता है आपका 1 यूनिट खून, रक्तदान है महादान

World Blood Donor Day : इस रक्तदान दिवस आप भी जगाएं अपने अंदर के हीरो को, बने सबके लिए प्रेरणा


Highlights –

. हर वर्ष 14 जून को रक्तदान दिवस मनाया जाता है।

. रक्तदान दिवस लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है ताकि लोग खून डोनेट कर कमजोर व्यक्तियों की मदद कर सकें।

World Blood Donor Day : रक्त जीवन के लिए परमावश्यक है। बिना रक्त के कोई भी व्यक्ति जिंदा नहीं रह सकता। किसी जरूरतमंद को अपना रक्त देकर बचाना सबसे बड़ा काम है। इसलिए रक्तदान को महादान कहा जाता है। आज पूरा विश्व खून की कमी से जूझ रहा है, जिससे जीवन पर खतरा उत्पन्न हो रहा है।

शायद आपको यह जानकारी नहीं होगी कि रक्तदान करने से आपका शरीर भी स्वस्थ रहता है। आज विश्व स्तर पर लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक करने की बहुत आवश्यकता है ताकि लोग खून दान करके किसी की जान तो बचाएं हीं साथ ही किसी का प्रेरणास्रोत बन सकें। आपका 1 यूनिट खून 3 जिंदगियां बचा सकता है। इसलिए रक्तदान को महादान कहा जाता है।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, हर युनिट में 450 मिलीलीटर खून होता है, यानी देश में हर साल 883, 405 लीटर खून की कमी होती है। एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि खून की कमी से भारत में हर छठे मिनट एक व्यक्ति की मौत हो जाती है। लोकसभा में पेश दस्तावेज के अनुसार भारत में हर वक्त 15 फीसदी यूनिट की कमी रहती है।

लोकसभा में पेश रिपोर्ट के अनुसार देश में 14 राज्यों के 76 जिलों में अब भी ब्लड बैंक नहीं हैं। देश में अपनी जरूरत से ज्यादा खून मात्र चार राज्यों में ही जमा होते हैं। वो राज्य हैं महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक और तमिलनाडू।

रक्तदान दिवस

हर वर्ष 14 जून को रक्तदान दिवस मनाया जाता है। रक्तदान दिवस लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है ताकि लोग खून डोनेट कर कमजोर व्यक्तियों की मदद कर सकें। इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि जिनको खून की आवश्यकता है उन्हें एक स्वस्थ व्यक्ति खून देकर एक नई जिंदगी दे सकता है। इसी अवधारणा को समाज में फैलाने के लिए रक्तदान दिवस को मनाया जाने लगा।

इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा चिन्हित किया गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठनों के यह 8 अभियानों में से एक है।

इस वर्ष विश्व रक्तदान दिवस या वर्ल्ड डोनर डे 14 जून, मंगलवार को मनाया जा रहा है।

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उद्देश्य और इतिहास

इस दिन का उद्देश्य रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाना तो है ही साथ ही रक्तदान सुरक्षित हो साथ ही आवश्यक व्यक्ति को रक्त की पूर्ति करना है जिससे किसी का जीवन बचाया जा सकता है। इसलिए कहा जाता है रक्तदान महादान।

विश्व  रक्तदान दिवस कार्ल लैंडस्टीनर के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। कार्ल लैंडस्टीनर का जन्म 14 जून 1868 को हुआ था। कार्ल ऑस्ट्रियाई जीवविज्ञानी और चिकित्सक थे। उन्होंने 1900 में ABO रक्त समूह की खोज की थी।

इस दिन का आयोजन पहली बार 2004 में विश्व स्वास्थ्य संगठन और द इंटरनेशनल फेडरेशन द्वारा किया गया था।

इस साल नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में बहुत चौंकाने वाली खबर आई है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में यह देखने को मिला है कि देश में 6 से 59 महीने तक के बच्चे तथा 15 से 50 साल तक की लड़कियों – महिलाओं की आधी से ज्यादा आबादी खून की कमी से पीड़ित है। शहरी और ग्रामीण भारत दोनों में ही बच्चों और महिलाओं दोनों में ही एनीमिया की शिकायत दर्ज की गई है।

World Blood Donor Day

देशभर में 15 – 49 वर्ष की 57 फीसदी लड़कियां – महिलाएं खून की कमी से पीड़ित हैं। 15 – 19 वर्ष 59.1 % लड़कियाँ खून की कमी से ग्रसित हैं।

अगर पुरुषों की बात करें तो 15 – 49 वर्ष की आयु के 25 प्रतिशत पुरुषों

में खून की कमी पाई गई है।

इस साल करें आप भी रक्तदान

अगर आपकी उम्र 18 साल से अधिक है तो आप ब्लड डोनेट कर सकते हैं। आपके ब्लड का एक यूनिट तीन जिंदगियां बचा सकता है। शब्बीर हुसैन भारत के सबसे बड़े रक्तदाता हैं। शब्बीर हुसैन 1980 से जरूरतमंदों को रक्तदान करते हैं। उन्होंने 40 वर्षो तक रेड क्रॉस सोसाइटी के साथ काम किया है। शब्बीर अब तक 174 पिंट खून दान कर चुके हैं।

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