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जानें लखीमपुर खीरी वाली घटना पर अब तक क्या-क्या हुआ और इस पर राजनीति माहौल

अखिलेख यादव और प्रियंका गांधी वाड्रा को लिया गया हिरासत में…


पिछले साल 26 नवंबर से शुरु हुए किसान आंदोलन को अब 10 महीने हो गए हैं। इन 10 महीनों में इस आंदोलन ने कई मार झेली हैं। कभी प्रकृति का कहर तो कभी सरकार का गुस्सा। ऐसी ही एक घटना रविवार को यूपी के लखीमपुर खीरी में देखने को मिली। जहां आठ लोगों की जान चली गई। जिसमें चार किसान और चार आम लोग हैं। क्या हुआ वहां आइये आपको विस्तार से बताते हैं।

कुछ दिन पहले लखीमपुर खीरी के सांसद और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा में विवादित बयान देते हुए धमकी भरे लहजे में कहा था कि ‘किसान सुधार जाएं’। जिसे लेकर किसान भड़के गए। रविवार को डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य एक कार्यक्रम के तहत लखीमपुर खीरी के दौरे पर थे। इस दौरान किसान सांसद के बयान के विरोध करते हुए उस सड़क पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे जिस पर डिप्टी सीएम का काफिला पार होने वाला था। इसी बीच लखीमपुर के तिकोनिया-बनबीरपुर मार्ग पर विरोध कर रहे किसानों को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने कुचल दिया। जिसके बाद हिंसा भड़क गई। जिसमें आठ लोगों की मौत हो गई चार किसान और तीन अन्य लोग और एक पत्रकार शामिल हुए। इस घटना के बाद इस पर राजनीति भी जोरो शोरों से होने लगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर ट्वीट करते हुए कहा कि ‘यह दुःखद और दुर्भाग्यपूर्ण है. जो भी इस घटना में दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त कारवाई की जाएगी।‘

हिंसा में मारे गए लोग

  1. रमन कश्यप (स्थानीय पत्रकार)
  2. दलजीत सिंह (32), किसान
  3. गुरविदंर सिंह (20), किसान
  4. लवप्रीत सिंह (20), किसान
  5. छत्र सिंह (किसान)
  6. शुभम मिश्र (बीजेपी नेता)
  7. हरिओम मिश्र (अजय मिश्रा का ड्राइवर)
  8. श्यामसुंदर (बीजेपी कार्यकर्ता)

प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी

इस घटना के तुरंत बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सोमवार तड़के ही लखनऊ से लखीमपुर खीरी पहुंच गई। जाने से पहले उन्होंने एक ट्वीट कर लिखा कि भाजपा सरकार किसानों को कुचलने की राजनीति कर ही हैकिसानों को को खत्म करने की राजनीति कर रही है। लखीमपुर पहुंचने से पहले पुलिस ने उन्हें मृतक किसानों के परिवारों से मिलने के लिए रोका। जहां उनकी पुलिस से बहस हो गई और बाद में उन्हें डिटेन कर लिया गया। जिसके बाद प्रियंका गांधी की विडियो वायरल हुई जिसमें वह उस कक्ष की सफाई करते हुए दिखाई दी। जहां उन्हें डिटेन करने के बाद रखा गया था।

अखिलेख यादव की गिरफ्तारी

रविवार को हुई घटना के बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेख यादव ने लखीमपुर खीरी जाने के घोषणा की थी। उसके बाद उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया गया था। सोमवार सुबह जैसे वह घर से निकले उन्हें पुलिस ने रोक लिया। जिसके बाद वह कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए। जहां से उन्हें हिरासत में ले लिया गया। इससे पहले उन्होंने कहा कि ‘सरकार नहीं चाहती कि कोई भी राजनेता वहां जाए। आखिर क्या छिपाना चाहती है सरकार? ‘ये सरकार किसानों पर जिस तरह का अत्याचार कर रही हैउस तरह का अत्याचार तो अंग्रेज भी नहीं करते थे। गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को इस्तीफा दे देना चाहिए। ‘साथ ही कहा कि जिन किसानों की मौत हुई है उनके परिजनों को 2 करोड़ रुपये और सरकारी नौकरी दी जाए।

राकेश टिकैत ने कराया समझौता

रविवार को हुई घटना के बाद भारतीय किसान संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत देर रात गाजीपुर बार्डर से लखीमपुर खीरी के लिए निकल गए। जहां वह तड़के उस गुरुद्वारा में पहुंचे जहां मृतक किसानों का शव रखा गया था। मृतक किसानों के परिवार वाले किसी भी सूरत में पोस्टमार्टम कराने का तैयार नहीं थे। उनकी मांग थी कि भाजपा के गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा पर मुकदमा दर्ज कर उनके बेटे को गिरफ्तार किया जाए। साथ ही केंद्रीय मंत्री इस्तीफा दें।

इसके बाद किसानों की नाराजगी के बीच सरकार किसानों को मानने की कोशिश कर रही थी। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत किशोर, आईजी जोन लखनऊ लक्ष्मी और कमिश्नर लखनऊ रंजन कुमार तिकुनिया ने गुरुद्वारे में किसानों से संपर्क किया। इस बात मे ब्रीज का काम राकेश टिकैत कर रहे हैं। जहां सरकार द्वारा मृतक किसान के आश्रितों 45 लाख रुपये और योग्यता के हिसाब से नौकरी और घायलों को दस लाख रुपया दिया जाएगा।.

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टिकैत के अलावा भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद बाइक से लखीमपुर खीरी में पहुंचे। वहीं दूसरी ओर शिवपाल यादव को भी वहां जाने से रोका गया।

अजय मिश्रा का बयान

रविवार वाली घटना पर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ने आजतक चैनल पर राकेश टिकैत के साथ बहस के दौरान अपनी बात रखते कहा कि किसानों ने पहले पथराव शुरु किया था। और आप आरोपियों को संरक्षण दे रहे हैं। जिसका जवाब देते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि आप केंद्रीय गृहमंत्री है तो आपका बेटा प्रदर्शनकरियों पर गाड़ी चढ़ा देगा? जिसके जवाब में अजय मिश्रा ने कहा कि हमारे ड्राइवर समेत कई कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई। किसान, कार को ढकेलना चाहते थे अगर उस वक्त मेरा बेटा वहां रहता तो उसे मार डालते साथ ही दावा किया हमारे पास घटना की पूरी वीडियो भी है।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

किसान आंदोलन पर दायर एक याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को रविवार को लखीमपुर खीरी में हुई घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जब ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं होती तो कोई इसकी जिम्मेदारी नहीं लेता है। इस बीच केंद्र की तरफ से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि लखीमपुर खीरी जैसी घटनाओँ को रोकने के लिए आगे कोई विरोध प्रदर्शन नहीं होना चाहिए।

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