Dengue in UP: कोरोना की दूसरी लहर से नहीं सीखा सबक, अब डेंगू मरीजों की बेड की कमी के कारण मौत
Dengue in UP: डेंगू का सबसे ज्यादा असर ब्रजभूमि पर..
Dengue in UP: कोरोना से अभी लोग अच्छी तरह ऊबर ही नहीं पाएं थे कि डेंगू ने अपना कहर बरपाना शुरु कर दिया है। इसका सबसे ज्यादा असर यूपी में देखने को मिल रहा है। जहां की ब्रज भूमि पूरी तरह से इसके चपेट में आ चुकी है। पिछले एक महीने से शुरु हुए इस कहर ने चारों तरफ मातम फैला दिया है।
डेंगू से सबसे ज्यादा प्रभावित फिरोजाबाद जिला
डेंगू का सबसे ज्यादा असर फिरोजबाद जिले में देखने को मिल रहा है। 30 अगस्त को इंडिया टुडे में छपी खबर के अनुसार 12 लोगों की वायरल बुखार और डेंगू के कारण मौत हो गई। जिसमें ज्यादातर बच्चे शामिल है। ये तो सरकारी आंकडा है वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ सप्ताह में दर्जनों की संख्या में लोगों ने इससे अपनी जान गंवाई है। इंडिया टुडे की ही 6 सितंबर की खबर के अनुसार जिले में 105 लोगों को रविवार के दिन सरकारी अस्पातल में भर्ती कराया गया। जिसमें से 51 लोगों की मौत हो गई।
टाइम्स ऑफ इंडिया की 12 सितंबर की खबर के अनुसार पिछले 24 घंटे में 6 लोगों की मौत हो गई है। इसके साथ ही फिरोजाबाद जिले में पिछले एक महीने में 578 लोगों की मौत हो गई है। जिसमें ज्यादातर बच्चे हैं। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 13 सितंबर तक फिरोजाबाद में 12,000 लोगों को वायरल बुखार हो गया है। रविवार को 114 लोगों की मौत हो गई जिसमें 84 बच्चे थे।
डेंगू और मलेरिया का कहर सिर्फ पश्चिम यूपी में ही नहीं है। बल्कि इसका कहर पूर्वाचंल के अलावा दिल्ली एनसीआर में भी अपना पैर पसार रहा है। वाराणसी में सवा सौ मरीज डेंगू और 106 मलेरिया के कारण अस्पातल में भर्ती हैं जबकि 1500 संदिग्ध मरीज है। एनबीटी की खबर के अनुसार बीएचयू के पीडियाट्रिक्स विभाग के प्रमुख प्रो.सुनील राव ने उन्हें बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल मरीजों की संख्या बढ़ी है। जिसमें बच्चे ज्यादा है।
अस्पतालों के हाल
कोरोना की ही तरह ही लोगों को डेंगू, मलेरिया और वायरल बुखार के कारण अस्पताल में बेड नहीं मिल रहा है। लोग मरीज के लिए बेड खोज रहे हैं। एक बेड पर दो मरीज हैं। सरकारी अस्तपाल में लोगों को बेड नहीं मिल रहें दूसरी ओर प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने के लिए लोगों के पास पैसे नहीं है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार वीर पाल नाम के एक दिहाड़ी मजदूर ने उन्हें बताया कि पैसों के अभाव में वह अपने बच्चे का इलाज नहीं करवा पाया। वीर पाल का कहना है कि सरकारी अस्पताल में उसे बेड नहीं मिल पाया और प्राइवेट वालों ने उससे कहा कि पहले 30,00 जमा करे उसके बाद ही मरीज को भर्ती किया जाएगा। वह बताते हैं कि मैंने बहुत मिन्नतें की पर वह नहीं मानें और मुझे पैसे का इंतजाम करने का समय दे दिया, लेकिन बाद में उन्होंने इससे भी इंकार कर दिया। इसके बाद वह फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज अपने बच्चे को लेकर गए, बेड न होने के कारण वहां भी भर्ती करने से मना कर दिया गया। अंत में वह एक टैक्सी लेकर आगरा की तरफ बढ़े लेकर बच्चे में रास्ते में ही दम तोड़ दिया। डेंगू के कारण आज यूपी के कई गांव कस्बों में मातम पसरा हुआ है।
मीडिया विजिल द्वारा की गई ग्रांउड रिपोर्ट के अनुसार पश्चिमी यूपी के गांव में मातम पसरा हुआ है। लगभग हर तीसरे घर में किसी ने किसी बच्चे की मौत हुई है। मथुरा के कोह गांव में लोगों ने उन्हें बताया कि पहले बच्चों को बुखार आया तो लोगों को नॉर्मल लगा लेकिन बाद में स्थिति बिगड़ती चली गई। अस्पताल भी गांव से दूर है बहुत ज्यादा सुविधा भी नहीं है। सही समय पर इलाज न मिल पाने के कारण भी बच्चों की मौत हो रही है।
परेशानी सिर्फ बेड की ही नहीं है। लोगों को बाकी भी कई तरह की असुविधा हो रही है। एनबीटी की खबर के अनुसार सर सुंदरलाल अस्पताल में ब्लड बैंक की सिंगल डोनर प्लेटलेट्स(एसडीपी) किट खत्म होने की कारण 23 लोगों की जान खतरे में पड़ गई थी।
D2 स्ट्रेन
यूपी के कई जिलों में डेंगू का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। इसके कारण कई लोगों की जान जा चुकी है। डेंगू का D2 स्ट्रेन ने फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा जिले में कहर बरपा रहा है। ICMR के डॉक्टर बालराम भार्गव के अनुसार फिरोजाबाद में अधिकतर मौतें डेंगू के D2 स्ट्रेन के कारण हो रही है। जिसमें रक्त रिसाव के कारण जान पर बन जाती है। यह इतना खतरनाक है कि इससे इंटरनल ब्लीडिंग शुरु होती है और प्लेटलेट्स भी कम होने लगती है। जिसके कारण इंसान का शरीर कमजोर हो जाता है और मौत का खतरा बढ़ जाता है।
Majority of deaths in UP's Firozabad due to dengue fever (D2): ICMR DG Dr. Balram Bhargava during Health Ministry press conference in Delhi pic.twitter.com/fGtenNXnpI
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) September 9, 2021
ICMR ने लोगों की अपील भी की है कि वह साफ सफाई को बना कर रखें। कूलर से पानी को बाहर निकालकर उसे साफ करें। इसमें पनपने वाले मच्छरों के कारण ही डेंगू मलेरिया जैसी बीमारियां होती है। वहीं दूसरी ओर मीडिया विजिल ने भी अपनी ग्रांउड रिपोर्ट में यह दिखाया है कि जहां डेंगू का प्रकोप ज्यादा है वहां जगह-जगह पर पानी जमा है। नालियों की सफाई नहीं हुई है।
उप्र में वायरल बुखार से बच्चों समेत 100 से अधिक लोगों की मृत्यु की खबर चिंताजनक है।
क्या उप्र सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सरकार की लापरवाही के चलते हुई तबाही से कोई सबक नहीं लिया? 1/2 pic.twitter.com/szmXUQFXAA
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 3, 2021
सरकार का रुख
डेंगू के लगातार बढ़ते केस और मौतों के बीच सरकार द्वारा सख्त निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने सितंबर के पहले सप्ताह में स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सभी अधिकारियों को स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर विशेष अभियान चलाने का निर्देशन दिया गया। जिसके अनुसार डेंगू से प्रभावित सभी जगहों पर साफ सफाई कराई जा रही है। मेडिकल कैंप लगाए जा रहे हैं। ताकि लोगों को जल्दी इलाज मिल सके। लेकिन कोविड की तरह यहां भी सरकार लोगों की जान बचाने में नाकाम रही। अस्पताल में बेड की कमी प्लेटलेट्स की कमी से जूझ रहे अस्पताल लोगों की जान ले रहे हैं। अस्पतालों का हाल यह है कि यहां एक बेड पर दो मरीजों को रखा गया है। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सीएम पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया है कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हुई मौतों से कुछ सबक नहीं लिया है।
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