Anti-Covid Pills: भारत सरकार जल्द दे सकती है एंटी-कोविड पिल्स को मंजूरी, अब घर पर ही ठीक हो सकेंगे मरीज
Anti-Covid Pills: जाने क्या है एंटी-कोविड पिल्स और ये कैसा करता है काम
Anti-Covid Pills: आपको क्या लगता है क्या एक साधारण गोली कोरोना वायरस संक्रमण को जड़ से खत्म कर सकती है। अमेरिकी फार्मा दिग्गज मर्क और फाइजर ने ओरल दवाओं के असर को लेकर उत्साहजनक नतीजों की घोषणा की है, जबकि वही एक और अवसाद रोधी ने भी कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में एक नया अध्याय शुरू करने का वादा करते हुई प्रतीत हो रही है। आपको बता दें कि कुछ दिनों में एंटी-कोविड पिल्स की गोलीयों का आपातकालीन उपयोग की अनुमति दे दी जाएंगी। यह जानकारी कोविड स्ट्रैटजी ग्रुप, सीएसआईआर के अध्यक्ष डॉ राम विश्वकर्मा ने एनडीटीवी को दी।
यह Anti-Covid Pills उन लोगों के लिए फायदेमंद बताई गई है जो गंभीर रूप से कोविड -19 से प्रभावित हुए हो या फिर जिनको अस्पताल में भर्ती होने का खतरा हो। उन्होंने बताया कि एक और गोली फाइजर की पैक्सलोविड में कुछ और समय लग सकता है।उन्होंने बताया कि अभी इस समय पर दो दवाएं आने से काफी फर्क पड़ेगा और जैसे हम इस समय पर कोरोना महामारी को खत्म करने की तरफ बढ़ रहे हैं, तो ऐसे में ये हमारे लिए टीकाकरण से अधिक महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
जाने एंटी-कोविड पिल्स से कैसे होगा उपचार
जैसे की हम सभी लोग जानते है कि कोई भी बीमारी शुरू होते ही अपने लक्षण दिखने शुरू कर देती है। उसी तरह कोविड-19 के भी शुरुआती समय पर लक्षण दिखाई देने लगते है। उस समय पर रोगी को गंभीर हालत और अस्पताल में भर्ती होने से बचाने के लिए यह एंटी-कोविड पिल्स ओरल रूप से दी जाने वाली गोलियां हैं। आपको बता दें कि वैश्विक स्वास्थ्य संकट की शुरुआत के बाद से इसके उपचार के इस स्वरूप की मांग की जा रही थी। वहीं मर्क और फाइजर का कहना है कि वे कई महीनों के शोध के बाद लक्ष्य तक पहुंच है।
आपको बता दें कि मोलनुपिरवीर लेने वाले और जो लोग पैक्सलोविद लेते है वो लगभग 90 प्रतिशत तक ले चुके थे उनमें देखा गया था कि जोखिम 50 प्रतिशत तक कम हो गया। हालांकि विभिन्न अध्ययन प्रोटोकॉल के कारण इन इफीकेसी रेट्स की प्रत्यक्ष तुलना से बचा जाना चाहिए।
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जाने कितनी कीमत होगी इस एंटी-कोविड पिल्स की
आपको बता दें कि एंटी-कोविड पिल्स के लिए मर्क ने पहले ही पांच कंपनियों से कॉन्ट्रैक्ट किया हुआ है इतना ही नहीं इसके साथ ही बता दें कि जिस तरह से मर्क ने कई कंपनियों को यह लाइसेंस दिया है उसी तरह फाइजर भी ऐसा ही करेगा क्योंकि फाइजर दवाओं के वैश्विक उपयोग के लिए भारतीय क्षमता का इस्तेमाल करना चाहेगा। उन्होंने बताया कि एंटी-कोविड पिल्स की लागत अमेरिका में मर्क वैक्सीन के लिए अनुमानित 700 डॉलर से कम होगी क्योंकि अमेरिका में इसके महंगे होने के कई कारण है न कि निर्माण लागत की वजह से।
अभी अंदाजा लगाया जा रहा है कि जब भारत सरकार इस पर काम करेगी तो वे कंपनियों से थोक में दवाई खरीदेगी और निश्चित रूप से उनके पास दो तरह की व अलग-अलग मूल्य प्रणाली होगी। हो सकता है कि शुरू में इस एंटी-कोविड पिल्स की कीमत 2000 से 3000 हजार या 4000 रुपये होगा लेकिन बाद में यह कीमत 500 से 600 रुपये या 1,000 रुपये तक आ जाएगी।
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