Yoga for Healthy Lungs: क्या आपको भी सांस लेने में हो रही परेशानी? रोजाना करें ये योगासन, तुरंत दिखने लगेगा फायदा
Yoga for Healthy Lungs: सांस लेने में परेशानी होने के कई कारण हो सकते हैं, जिससे छुटकारा पाने के लिए योग और एक्सरसाइज एक नेचुरल और बेहतरीन विकल्प है।
Yoga for Healthy Lungs: कपालभाति और अनुलोम-विलोम दिलाएंंगे सांस की समस्या से छुटकारा
फेफड़ों के बिना ऑक्सीजन शरीर में नहीं पहुंच सकता है। इसकी मदद से Carbon Dioxide शरीर में नहीं पहुंचता है। हमारे शरीर में मौजूद सभी कोशिकाएं ब्लड से ऑक्सीजन खींचती हैं और कार्बन डाइऑक्साइड को छोड़ती हैं। इस बात से साफ जाहिर है कि स्वस्थ शरीर के लिए फेफड़ों का स्वस्थ (Yoga for Lungs in Hindi ) होना कितना जरूरी है। ऐसे लोग जिन्हें फेफड़े की बीमारियां, जैसे- फाइब्रोसिस और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) होती है, उन्हें शरीर को ऑक्सीजन पहुंचाने में काफी तकलीफ का सामना करना पड़ता है। फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए खानपान के साथ-साथ एक्सरसाइज और योगासन का अभ्यास नियमित रूप से करना चाहिए। जानते हैं कुछ ऐसे योगासन, जिससे फेफड़ों को मजबूत किया जा सकता है।
रोजाना करें ये योगासन
कपालभाति
कपालभाति फेफड़ों की स्ट्रेंथ को बेहतर करने में उपयोगी साबित हो सकता है। इसे आप सुबह व शाम किसी भी समय कर सकते हैं। इसे करने के लिए आपको सुख आसन यानी की पैरों को फोल्ड करके बैठना होता है। इस रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और गर्दन को भी सीधा रखें। इसके बाद सांस को गति के साथ नाक से बाहर की ओर निकालें। इसके बाद सांस को लेते समय नॉर्मल तरीके से ही अंदर लें। जब आप सांस को बाहर निकालते हैं उस समय पेट को अंदर की ले जाएं। इस प्रक्रिया को आप 10 से 15 मिनट तक सकते हैं। इससे फेफड़ों में मजबूती आती है।
अनुलोम-विलोम
अनुलोम-विलोम को भी प्राणायाम का मुख्य अभ्यास कहा जाता है। इस अभ्यास से आपके फेफड़ों का कार्य बेहतर होता है और आपके शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ जाता है। जिससे इम्यून सिस्टम बूस्ट होता है और आपको संक्रमण होने की संभावना कम हो जाती है। इस योगाभ्यास को करने के लिए सबसे पहले एक दम सीधा होकर ध्यान मुद्रा में बैठ जाएं। अब बाएं हाथ से ज्ञान मुद्रा बनाकर दाएं हाथ के अंगूठे से दाईं नासिका को बंद करते हुए बाईं नासिका से सांस लें। फिर बाई नासिका बंद करते हुए दाईं नासिका से सांस छोड़ें। इस क्रिया को दोहराएं। ध्यान रखें कि इस योगाभ्यास को सही तरीके से करके ही लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
पर्स्ड लिप ब्रीथिंग
यह एक बेहद ही आसान एक्सरसाइज है। इससे करने के लिए आप नाक से सांस लेते हैं और होठों की मदद से उसे बाहर छोड़ते हैं। पल्मोनरी फाइब्रोसिस होने पर सांस लेने में होने वाली परेशानी को कम करने के लिए आप इस एक्सरसाइज को कर सकते हैं। इससे फेफड़ों की कार्यप्रणाली बेहतर होती है। इस एक्सरसाइज को करने के लिए आप जमीन पर बैठ जाएं। इसके बाद अपनी कमर को सीधा रखें। अब धीरे-धीरे करके गहरी सांस को अंदर खीचें। इस दौरान आपको पूरी पेट में भरनी है. इसके बाद मुंह को खोलते हुए होठों के जरिए सांस को धीरे-धीरे बाहर करें। इस प्रक्रिया को आप 15 से 20 मिनट तक कर सकते हैं।
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वीरभद्रासन
वीरभद्रासन एक आसान योग मुद्रा है जो फेफड़ों को पूरी तरह साफ कर खोलता है। ये स्वस्थ फेफड़ों के लिए सबसे अच्छा योगासन माना जाता है, जो फेफड़ों में श्वास के रास्ते को साफ करके सांस की समस्या से छुटकारा दिलाने में कारगर है। वीरभद्रासन के अभ्यास के लिए ताड़ासन की मुद्रा में खड़े हो जाएं। पैरों को कूल्हों की चौड़ाई पर रखकर खड़े होना और हाथों को साइड में रखें। विचारों को व्यवस्थित करते हुए गहरी और समान रूप से श्वास लें और बाईं ओर मुड़ें। सांस छोड़ते हुए दोनों पैरों की बीच लगभग 4 से 5 फीट की दूरी बनाते हुए फैलाएं। अब दाहिने पैर को 90 डिग्री पर मोड़ें और बाएं पैर को 45 डिग्री के कोण पर अंदर की ओर खींचें। अगले पैर की एड़ी के साथ पिछले पैर को अलाइन करें। बाईं एड़ी पर शरीर का वजन डालें फिर दाहिने टखने पर दाहिने घुटने को मोड़कर सांस छोड़ें। अब बाजुओं को सिर के ऊपर ले जाते हुए आसमान की ओर फैलाएं। दोनों हथेलियों को आपस में मिलाकर प्रणाम की मुद्रा बनाएं। सिर को ऊपर की ओर रखते हुए नजर आसमान में टिकाएं। इस आसन में 30 से 60 सेकंड तक रहें। अब पहली वाली स्थिति में वापस आ जाएं और पूरी प्रक्रिया को दूसरे पैर के साथ दोहराएं।
दंडासन
दंडासन के जरिए हम फेफड़ों से जुड़ी समस्या को ठीक कर सकते हैं। इस योगासन को सुबह और शाम दोनों समय करें। इसे करने के लिए दोनों पैरों को सामने एक-दूसरे से सटाकर रखें और हाथों को जमीन पर टिका दें। अब पैरों की उंगलियों को अंदर की ओर मोड़ें और तलवों से बाहर की ओर दबाव बनाएं। कंधों को आराम की मुद्रा में रखते हुए अपनी नजर को नासिकाग्र पर केंद्रित करें। अधिकतम डेढ़ मिनट तक करें। फिर सांस छोड़ते हुए सामने की ओर देखते हुए वापस आ जाएं। खाली पेट ही करें। उच्च रक्तचाप के रोगी न आजमाएं।
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