देर तक काम करना बन सकता है महिलाओं मे अवसाद का कारण
जाने क्यों हो जाती है महिलाये अवसाद का शिकार
महिलाओं में अवसाद का कारण
क्या आप जानते है लंबे समय तक काम करने से महिलाओं को अधिक अवसाद होता है जबकि पुरुषों में ऐसा नहीं होता है। हाल ही में किए गए एक नए अध्ययन में यह पाया गया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं अधिक तनाव और अवसाद से ग्रस्त रहती है और इसका कारण है उनका लम्बे समय तक काम करना। आंकड़ों के अनुसार, अगर कोई महिला एक सप्ताह में 55 घंटे से अधिक काम करती है तो वो अवसाद और तनाव की शिकार हो सकती हैं।
साल 2018 में नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में काम करने के लिए वर्किंग हॉर्स सबसे ज्यादा हैं। शहरों में लोग औसतन एक हफ्ते में 53-54 घंटे काम करते हैं और वही बात अगर हम गांवों की करें वो वहा एक सप्ताह में लगभग 46-47 घंटे काम किया जाता हैं।
आइये जानते है नेशनल सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) की रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
अधिक अवसाद ग्रस्तता वाले लक्षण दिखाई दिए।
• अध्ययन में, 55 घंटे से अधिक काम करने वाली महिलाओं में तनाव के अतिरिक्त अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी नजर आई।
• इसके विपरीत जिन पुरुषों ने 55 घंटे से अधिक लंबे समय तक काम किया, उनमे अवसाद और तनाव के लक्षण नहीं दिखाई दिए।
• इस अध्ययन में महिला और पुरुषों के बीच परिणामों में अंतर का कारण दोनों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को माना गया।
• जब महिलाएं समाज में अपनी पहचान स्थापित करने की कोशिश करती हैं और साथ ही उन्हें घर की जिम्मवारियों को भी उठाना होता है तो उन्हें अवसाद और तनाव रहता हैं।
लम्बे समय तक काम करने से एक महिला की मानसिक स्थिति में बदलाव आता है और वो अवसाद, तनाव से घिर जाती हैं इसके लिए हम आपको कुछ उपाय बताएँगे जिन्हे करने से आप अपनी पहचान स्थापित करने के साथ-साथ घर की जिम्मवारियों को भी उठा सकती हैं –
• लंबे समय तक काम के घंटे के बीच मस्तिष्क को कार्यशील रखने के लिए अपने काम के बीच छोटे -छोटे ब्रेक लेने की कोसिश करें।
• अपने काम को बोझ ना समझें और अपने काम से प्यार करें।
• जैसे ही आपको लगता है कि तनाव महसूस कर रहे है तो अपने दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताने के लिए कही घूमने जाएँ, मूवी देखें या हो सकें तो एक छोटा सा ट्रिप भी प्लान कर सकते हैं।
• रोजना उठकर अपने लिए समय निकालें और व्यायाम और मैडिटेशन करें।
• कम से कम 7 – 8 से घंटे की नींद लें, पौष्टिक और नुट्रिशयस डाइट लें।