Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rank-math domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/admin/domains/hindi.oneworldnews.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114

Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the hustle domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home/admin/domains/hindi.oneworldnews.com/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
Diabetes: जानिए कैसे प्लास्टिक बोतल बढ़ा सकता है आपकी डायबिटीज का खतरा, जानें क्या कहती हैं स्टडी?
सेहत

Diabetes: जानिए कैसे प्लास्टिक बोतल बढ़ा सकता है आपकी डायबिटीज का खतरा, जानें क्या कहती हैं स्टडी?

प्लास्टिक इन दिनों कई तरीकों से इस्तेमाल होता है। आमतौर पर इसका इस्तेमाल वॉटर बोतल की तरह किया जाता है। हालांकि Plastic Water Bottle के इस्तेमाल से होने वाले नुकसान के बारे में तो सभी जानते हैं। इसी बीच अब इसे लेकर एक ताजा स्टडी सामने आई है जिसमें यह पता चला है कि प्लास्टिक बोतल के इस्तेमाल से Diabetes का खतरा बढ़ सकता है।

Diabetes: जानें कैसे करें सुरक्षित BPA लेवल की पहचान? ऐसे कम करें डायबिटीज का खतरा


Diabetes: प्लास्टिक इन दिनों हमारी रोजमर्रा की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है। हम आमतौर पर कई तरीके से प्लास्टिक का इस्तेमाल करते हैं। खासकर बोतल के रूप में इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। लोग अक्सर पानी पीने के लिए प्लास्टिक की बोतल का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन प्लास्टिक की बोतल में पानी पीने से काफी नुकसान होता है। यह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बन सकता है। इसी बीच अब इसे लेकर एक चौंकाने वाली स्टडी सामने आई है। हाल ही में आई इस स्टडी में पता चला कि प्लास्टिक की पानी की बोतल का इस्तेमाल करने से डायबिटीज और हार्मोन डिसरप्शन का खतरा बढ़ता है। आइए विस्तार में जानते हैं क्या कहती है स्टडी

क्या कहती हैं स्टडी?

अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के एक अध्ययन से पता चला कि प्लास्टिक में इस्तेमाल होने वाला BPA इंसुलिन सेंसिटिविटी को कम करता है, जिससे संभावित रूप से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है। BPA, बिस्फेनॉल ए का शॉर्ट फॉर्म है, जो फूड और ड्रिंक्स पैकेजिंग में व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। यह नया अध्ययन बीपीए को इंसुलिन सेंसिटिविटी में कमी से जोड़ता है। इंसुलिन रेजिस्टेंस, जो लंबे समय तक हाई ब्लड शुगर का कारण बन सकता है, टाइप 2 डायबिटीज के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है।

BPA क्या है?

BPA यानी बिस्फेनॉल-ए एक इंडस्ट्रीयल केमिकल है, जिसका इस्तेमाल प्लास्टिक बनाने में किया जाता है और इसे फूड कंटेनर, बेबी बोतलें और प्लास्टिक की पानी की बोतलों सहित कई कमर्शियल प्रोडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाता है।

BPA सेफ लेवल क्या है?

यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) की साल 2014 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, रोजाना शरीर के वजन का 2.25 मिलीग्राम प्रति पाउंड यानी 5 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम से कम BPA सुरक्षित है।

कैसे करें सुरक्षित BPA लेवल की पहचान

अगर आप प्लास्टिक से बने किसी कंटेनर या बोतल में सुरक्षित BPA लेवल की पहचान करना चाहते हैं, तो इसके लिए आपको कुछ नंबर्स को ध्यान में रखना होगा। 1, 2, 4 और 5 नंबर वाले प्रोडक्ट्स सबसे सुरक्षित प्लास्टिक माना जाता है। वहीं, रीसाइक्लिंग नंबर 3, 6 या 7 वाले प्लास्टिक से जितना हो सके उतना बचना सही है। इस तरह के प्लास्टिक को रीसाइक्लिंग करना मुश्किल होता है।

Read More: Diabetes: जानिए डायबिटीज के कारण होने वालें अन्य बीमारियों के बारें में, जो आपके लिए है घातक

ऐसे कम करें डायबिटीज का खतरा

वर्तमान में, FDA की तरफ से फूड कंटेनर्स में 5 मिलीग्राम तक के लेवर पर बीपीए को सुरक्षित माना जाता है। हालांकि, यह नए अध्ययन में जोखिम भरी पाई गई राशि का 100 गुना है, जिसे देखते हुए रिसर्चर्स ने फूड और ड्रिंक्स के संपर्क में आने वाले प्रोडक्ट्स में बीपीए पर प्रतिबंध लगाने की वकालत मांग की है। अध्यययन के निष्कर्ष से पता चला कि बीपीए एक्सपोजर को कम करने से, जैसे कि स्टेनलेस स्टील या कांच की बोतलें और बीपीए फ्री कंटेनर का इस्तेमाल करने से डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है।

We’re now on WhatsApp. Click to join.

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

Back to top button