सेहत

Weight Gain: अचानक से बढ़ गया है वजन? थायराइड का हो सकता है कारण, इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज

Weight Gain: Thyroid एक आम समस्या है जो इन दिनों किसी को भी अपना शिकार बना सकती है। आजकल की लाइफस्टाइल और खराब खानपान के अकसर लोग थायराइड की चपेट में आ जाते हैं।

Weight Gain: अपनी डाइट में शामिल करें ये चीजें, कंट्रोल में रहेंगी थायराइड से जुड़ी समस्याएं


अचानक से वजन बढ़ना कोई सामान्‍य बात नहीं है। इसके पीछे कुछ ठोस कारण हो सकते हैं। इंसान का शरीर जट‍िल होता है। इसमें कई द‍िक्‍कतें आती हैं, ज‍िनमें से एक है वजन बढ़ना। वजन बढ़ने के कारण मांसपेश‍ियों में दर्द, शरीर में सूजन और थकान आद‍ि समस्‍याएं बढ़ने लगती हैं। थायराइड (Thyroid Diet) आजकल एक आम समस्या बनता जा रहा है, जिसका कारण आजकल की लाइफस्टाइल और खराब खानपान है। थायराइड से जुड़ी बीमारी अक्सर महिलाओं में ज्यादा देखा जाती है। थायराइड, हमारे गर्दन के निचले हिस्से में एक ग्रंथि होती है, जो शरीर में थायराइड नाम के हार्मोन को कंट्रोल करती है। इसके कम या ज्यादा होने से शरीर में कई समस्याएं होने लगती हैं। इसकी वजह से हार्मोनल बदलाव, वजन बढ़ना, भूख न लगना, बहुत नींद आना जैसे लक्षण नजर आते हैं।

थायराइड की समस्या आयोडीन की कमी से हो सकती है। आयोडीन थायराइड ग्रंथि को अच्छे से काम करने में मदद करता है। इसकी कमी के कारण थायराइड की बीमारी का खतरा रहता है। इसलिए जरूरी है कि आप रोजाना आयोडीन को अपनी डाइट में शामिल करें। आप इन आयोडीन रिच फूड्स को अपनी डाइट में शामिल कर इसकी कमी को पूरी कर सकते हैं-

सी-वीड

समुद्री सब्जियां जैसे नोरी, केल्प आयोडीन का अच्छा स्रोत मानी जाती है। इसे आप सूप, सलाद के तौर पर रोजाना डाइट में शामिल कर सकते हैं। इसके सेवन से थायरइड ग्रंथी अच्छे से काम करेगी और आपको इससे जुड़ी बीमारी भी नहीं होगी।

मछली

मछली जैसे कोड, टूना और सैल्मन आयोडीन के अच्छे स्त्रोत माने जाते हैं। इन मछलियों के सेवन से न सिर्फ ओमेगा-3 फैटी एसिड की पूर्ति होती है, बल्कि आयोडीन की पूर्ति भी करते हैं। इसे ग्रिल या बेक करके खाया जा सकता है।

डेयरी प्रोडक्ट्स

डेयरी प्रोडक्ट जैसे दूध, दही, चीज में आयोडीन पाया जाता है। इसके अलावा नमक भी आयोडीन का अच्छा स्त्रोत हैं।

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अंडे

अंडे में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिनमें आयोडीन भी शामिल हैं। इसके अलावा अंडे में सेलेनियम और जिंक भी पाया जाता है, जो थायरइड को अच्छे से काम करने में मदद करता है। अंडों को आप उबालकर या ऑमलेट की तरह खा सकते हैं।

मेटाबॉलिज्म रेट को प्रभावित करता है थायरॉयड (thyroid effect on metabolism)

‘थायरॉयड ग्लैंड गले के निचले हिस्से में मौजूद होती है। यह तितली के आकार की ग्रंथि होती है। इससे टी-3, टी-4, टी एस एच (thyroid stimulating hormone) हॉर्मोन का सेक्रेशन होता है। इन हॉर्मोन की मात्रा यदि कम या ज्यादा हो जाती है, तो हमें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मेटाबोलिज्म रेट सहित शरीर के कई फंक्शन को भी थायरॉयड होर्मोन नियंत्रित करते हैं।’

हाईपर और हायपो थायरॉयडिस्म की होती है समस्या

थायरॉयड का अधिक निकलना या कम निकलना दोनों शरीर के लिए नुकसानदेह है। जब थायरॉयड ग्लैंड तेज गति से काम करने लगता है, तो थायरॉयड होर्मोन का सेक्रेशन अधिक हो जाता है। इसमें ग्लैंड की सक्रियता बढ़ जाती है। इसे हाईपर थायरॉयडिसम कहते हैं। जब थायरॉयड ग्लैंड धीमी गति से काम करने लगती है, तो थायरॉयड होर्मोन का सेक्रेशन कम हो जाता है। इसे हाइपोथायराइडिज्म कहा जाता है। थायरॉयड की समस्या ऑटो इम्यून डिजीज भी कहलाती है। जब थायरॉयड ग्लैंड के कामकाज में किसी प्रकार की दिक्कत होती है, तो यह समस्या होती है। इसके कारण मोटापा भी बढ़ जाता है।

मोटापा से जुड़ा है हाइपोथायराइडिज्म (thyroid and obesity)

हाइपोथायराइडिज्म की वजह से जब होर्मोन का सीकरेशन कम होने लगता है, तो शरीर का मेटाबोलिक रेट घट जाता है। इससे व्यक्ति कमजोर महसूस करने लगता है और वह आलस से भर जाता है। उसकी फिजिकल एक्टिविटी भी घट जाती है। इससे कैलोरी की खपत भी घट जाती है। यह एक्स्ट्रा फैट के रूप में शरीर में जमा होने लगता है और उसका वजन बढ़ने लगता है। यदि किसी व्यक्ति का बढ़िया लाइफस्टाइल अपनाने के बावजूद वजन बढ़ रहा है, तो उसे तुरंत थायरॉयड की जांच करानी चाहिए। थाइरोइड भी ओबेसिटी का प्रमुख कारक हो सकता है।

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ये हो सकते हैं हाइपोथायराइडिज्म के लक्षण (Hypothyroidism symptoms)

  • तनाव और अवसाद में रहना
  • चीखना-चिल्लाना, छोटी- छोटी बात पर चिड़चिड़ाना
  • पीरियड में अनियमितता
  • कब्ज, ब्लोटिंग की समस्या
  • कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, वजन बढ़ना, ये सभी प्रमुख समस्या हैं

जरूरी है थायरॉइड का समय पर उपचार (Thyroid treatment)

यदि ऊपर बताये गये लक्षणों में कोई एक लक्षण भी दिखाई देता है, तो डॉक्टर से संपर्क करें। थायरॉयड की जांच भी जरूर करा लें। जांच के आधार पर जो दवा दी जाती है, उसका सेवन जरूर करना चाहिए। यह ध्यान में जरूर रखना चाहिए कि यदि किसी महिला को थायरॉयड की समस्या है, तो वह साल में दो बार थायरॉयड की जांच जरूर कराए। यदि थायरॉयड की समस्या अधिक गंभीर होती है, तो उसे सर्जरी की भी सलाह दी जा सकती है।

अचानक वजन बढ़ने पर क्‍या करें?

  • अचानक वजन बढ़ने (weight gain) पर च‍िक‍ित्‍सकीय मदद लें, इससे पहले क‍िसी भी तरह की दवा का सेवन न करें।
  • पर्याप्‍त मात्रा में पानी का सेवन करें और नींद पूरी करें।
  • डाइट में बदलाव करने से भी अचानक वजन बढ़ सकता है, कॉर्ब्स की मात्रा कम करें और होल ग्रेन फूड्स (whole grain foods) का सेवन करें।
  • ओवरईट‍िंग के लक्षण (overeating symptoms) नजर आने पर डॉक्‍टर से सलाह लें और ड‍िहाइड्रेशन से बचें।
  • तनाव (depression) कम करें और रोजाना 15 म‍िनट कसरत से शुरुआत करें।
  • अचानक वजन बढ़ने पर परेशान न हों, आप डॉक्‍टर से संपर्क करें। शुरुआती लक्षणों के नजर आने पर वेट कंट्रोल क‍िया जा सकता है।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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