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Soumya Vishwanathan : टीवी पत्रकार सौम्या विश्वनाथन केस में आया बड़ा फैसला, 15 साल बाद मिला है इंसाफ

सौम्या विश्वनाथन केस में 15 साल बाद फैसला आने के बाद उस दर्दनाक दिन को एक बार फिर से याद किया है। दरअसल जिगिशा और सौम्या की हत्या का आपस में गहरा संबंध है। दोनों ही मामले में आरोपी तीनों व्यक्ति एक ही हैं, ये उस गिरोह के सदस्य हैं, जिन्होंने सौम्या और जिगिशा पर ऑफिस से घर लौटते समय हमला करके मार दिया था। सौम्या की हत्या जिगिशा की हत्या से एक साल पहले की गई थी।

Soumya Vishwanathan :  जिगिशा घोष और सौम्या विश्वनाथन के हत्या के आरोप में सभी को मिली उम्रकैद की सजा

सौम्या विश्वनाथन केस में 15 साल बाद फैसला आने के बाद उस दर्दनाक दिन को एक बार फिर से याद किया है। दरअसल जिगिशा और सौम्या की हत्या का आपस में गहरा संबंध है। दोनों ही मामले में आरोपी तीनों व्यक्ति एक ही हैं, ये उस गिरोह के सदस्य हैं, जिन्होंने सौम्या और जिगिशा पर ऑफिस से घर लौटते समय हमला करके मार दिया था। सौम्या की हत्या जिगिशा की हत्या से एक साल पहले की गई थी।

 जिगिशा घोष की हत्या –

आईटी प्रोफेशनल जिगिशा घोष की मार्च 2009 में दिल्ली के वसंत विहार में उनके घर से कुछ ही दूरी पर किडनैप करके हत्या कर दी गई थी। उस दिन वह एक अमेरिकी प्रोजेक्ट के लिए प्रेजेंटेशन खत्म करने के बाद सुबह अपने घर वापस लौट रही थीं। पुलिस ने जिगिशा की हत्या मामले में आरोपी रवि कपूर, अमित शुक्ला और बलजीत मलिक को गिरफ्तार करने के बाद ही केस को सुलझाने में सफल हो सकी है।

जिगिशा के हत्या के ठोस सबूत –

जिगिशा की मां ने कहा कि उनकी बेटी के मर्डर के मामले में पुलिस को उसके गहने और उसका मोबाइल समेत कई ठोस सबूत मिले थे। उसने कार्ड से खरीदी गई चीजों का पता लगाया जा सकता था। आरोपियों ने उसके कार्ड से टोपी, कलाई घड़ी और जूते खरीदे थे। लेकिन मेरी बेटी हॉरिजोंटली साइन किया करती थी, जबकि रवि कपूर ने कार्ड खर्च इस्तेमाल करने के लिए वर्टिकली साइन किए थे। यह एक क्लियर सबूत था जिससे पता चला कि हत्या का संबंध डकैती से भी था।

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टीवी पत्रकार सौम्या की हत्या –

25 साल की टीवी पत्रकार सौम्या की हत्या  30 सितंबर 2008 को  दिल्ली के वसंत विहार में हुई थी।  वारदात के दिन सौम्या भी ऑफिस से घर लौट रही थीं। सौम्या का शव उनकी कार में मिला था और उनके सिर पर चोट लगी हुई थी। सौम्या का केस एक ब्लाइंड केस था। जिसमें पुलिस के पास कोई सबूत नही मिला था।

दिल्ली पुलिस को मिली कामयाबी –

दिल्ली पुलिस के सामने जब आरोपियों ने कथित तौर पर डकैती की कोशिश में सौम्या विश्वनाथन को गोली मारने की बात कबूल करी तो दिल्ली पुलिस को दोनों मामलों को कनेक्ट करने में कामयाब हो सकी। सौम्या विश्वनाथन और जिगिशा घोष का परिवार दक्षिणी दिल्ली के वसंत विहार इलाके में एक-दूसरे से कुछ ही दूरी पर रहते थे। दोनों मामलों की जांच के शुरुआती दिनों में दोनों ही परिवार एक दूसरे के संपर्क में रहते थे। लेकिन जिगिशा का मामला पहले ही खत्म हो गया, जिसमें दो दोषियों को मौत की सजा और तीसरे को 2016 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। ये करीब वह समय था जब सौम्या विश्वनाथन के मामले में सरकारी अभियोजक के बदलाव के साथ कानूनी रुकावटें आई थीं।

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