दिल्ली

Green firecrackers Ban: सुप्रीम कोर्ट की याचिका, इस साल भी दिवाली पर नहीं जला सकते पटाखे

इस दिवाली भी दिल्ली में पठाखे पूरी तरह से बैन रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने अब ग्रीन पठाखो के निर्माण पर भी रोक लगा दी है और ये सुनिश्चित किया की दिल्ली में कहीं भी इसका निर्माण न हो रहा हो। जिस राज्य में इज़ाज़त है सिर्फ वहीं पठाखो का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस साल भी दिल्ली की दिवाली बिना पठाखो के ही मनाई जायगी।

Green firecrackers Ban: सुप्रीम कोर्ट ने इस दिवाली एक बड़ा फैसला लिया, ग्रीन क्रैकर्स को लेकर दी गई याचिका की खारिज


दिवाली पुरे भारत में मनाया जाने वाला राष्ट्रीय पर्व है। और ये त्यौहार जल्द ही आने वाला है। इसके साथ ही इस त्यौहार को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला लिया है कि दिवाली के मौके पर राजधानी दिल्ली में सभी तरह के पटाखे बैन रहेंगे। चाहे वह ग्रीन हो या सामान्य।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पटाखों पर बैन कई सालो से बरकरार रखा है। और इस साल कोर्ट ने ग्रीन पटाखों को भी मंजूरी नहीं दी है। इस बार सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखों के उत्पादन और बिक्री को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने 2018 के प्रतिबंधों को कड़ाई से लागू करने का आदेश दिया है।  इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने देश में बेरियम सामग्री का उपयोग करके पठाखे बनाने और इस्तेमाल की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है।

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सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली से पहले दिल्ली में पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है और दिल्ली सरकार को इस फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। देश में अन्य राज्यों में जहां सरकारों ने ग्रीन कैकर्स को मंजूरी दी है, वहां पठाखे उपयोग किये जा सकते है। लेकिन जिन राज्यों में इस पर पूरी तरह  प्रतिबंध है, वहां पटाखे जलाने की मंजूरी नहीं है। बेरियम युक्त और लड़िया समेत अन्य ज्वाइंट क्रैकर्स के निर्माण और बिक्री को मंजूरी नहीं है। जस्टिस एएस बोपन्ना ने सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला पढ़ते हुए कहा- “हम केवल हैप्पी दिवाली कह सकते हैं.”

सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि दिल्ली में सभी तरह के पटाखों पर बैन है – चाहे वह ग्रीन हो यो कोई सामान्य। और जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली पुलिस ने 2016 के बाद से पटाखों पर कोई स्थायी लाइसेंस जारी नहीं किया है। उन्होंने अदालत को यह भी बताया कि सभी स्थायी आतिशबाजी निर्माण लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं और पुलिस लाइसेंसधारियों के सभी परिसरों का निरीक्षण करेगी और यह सुनिश्चित करेगी की राजधानी में पटाखे ना बनाए जा रहे हों। कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा की सिर्फ पटाखे चलाने वालों को सजा देना पर्याप्त नहीं है इस मामले में अधिकारियों को इन पटाखों के स्रोत तक जाना होगा और उन्हें रोकना होगा। 

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