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Delhi Air Pollution:पुरे दुनिया में दिल्ली बना चौथा प्रदूषित शहर, NCR में ग्रेटर नोएडा सबसे ज्यदा प्रदूषित

बदलते मौसम के साथ ही दिल्ली-एनसीआर की हवा जिस तेजी से बदल रही है उनमें आने वाले दिन दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए भारी पड़ेंगे। आपको बता दें कि पराली जलने की घटनाएं सात अक्टूबर से ही शुरू हो गई है जिससे दिल्ली और उसके आस-पास के इलाको की हवा खराब हो रही है।

Delhi Air Pollution:पराली जलने की करीब दो सौ मामले दर्ज किए गए, 15 अक्टूबर के बाद बढ़ सकती है मुश्किल


Delhi Air Pollution:पिछले कुछ सालों से वायु प्रदूषण देश की राजधानी दिल्ली सहित अन्य प्रमुख शहरों के लिए खतरा बनकर सामने आया है। तेजी से बढ़ती वाहनों की संख्या, फैक्ट्रियां, पराली और पटाखों को इसके लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार माना जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर में तो हवा इस कदर खराब है कि यहां सांस लेना तक खतरनाक हो चुका है। लोगों को आंतरिक प्रदूषण के साथ ही हरियाणा और पंजाब में जल रही पराली के जहरीले धुएं का सामना भी करना पड़ सकता है। जो न सिर्फ लोगों की सांसें फूलाएगा बल्कि बुजुर्गों और बच्चों के लिए जानलेवा भी हो सकता है।

15 अक्टूबर के बाद बढ़ सकती है मुश्किल

फिलहाल जो संकेत मिल रहे है उनमें दिल्ली- एनसीआर के लोगों की यह दिक्कतें 15 अक्टूबर के बाद बढ़ सकती है। 20 नवंबर तक खतरनाक स्थिति में रह सकती है। पराली की जहरीली हवाओं ने दिल्ली- एनसीआर में दस्तक देना शुरू कर दिया है।

पराली जलने की करीब दो सौ मामले दर्ज किए गए

इस दौरान 12 अक्टूबर को भी पराली जलने की करीब दो सौ मामले दर्ज की गई है। इतना ही नहीं, दिल्ली- एनसीआर की हवाओं में इनकी मौजूदगी भी दर्ज होने लगी है। रिपोर्ट के तहत 11 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर की हवाओं में पराली के जलने से उठने वाले धुएं ही हिस्सेदारी करीब चार प्रतिशत तक दर्ज की गई है।

सात इलाकों में एक्यूआई 300 के पार

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक मुंडका में सबसे अधिक सूचकांक दर्ज किया गया, यहां एक्यूआई 387 रहा, जो कि गंभीर श्रेणी है। वहीं, बवाना व मथुरा रोड में 378, एनएसआईटी द्वारका में 333, नरेला में 338, वजीरपुर में 326 व रोहिणी में 309 एक्यूआई दर्ज किया गया। दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का पहले चरण की बंदिशें लागू हैं। वायु प्रदूषण का संकट धीरे-धीरे गहराता जा रहा है। ऐसे में अगर दिल्ली का एक्यूआई 300 के पार जाता है तो दिल्ली में ग्रेप के चरण दो के नियम लागू हो सकते हैं।

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नसीआर में ग्रेटर नोएडा सबसे प्रदूषित

एनसीआर के मुकाबले ग्रेटर नोएडा के बाद दिल्ली में हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही। शुक्रवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 256 दर्ज किया गया। ग्रेटर नोएडा में 288, नोएडा में 250, गाजियाबाद में 218, फरीदाबाद में 218 व गुरुग्राम में 144 एक्यूआई दर्ज किया गया।

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