ISRO Joshimath Alert: क्या ISRO के इस खुलासे के बाद जोशीमठ को बचाया जा सकता है ?
ISRO Joshimath Alert : जोशीमठ के नागरिकों पर आया अबतक का सबसे बड़ा खतरा, ISRO ने किया हाई अलर्ट जारी
Highlights:-
- जोशीमठ में खतरा बढ़ता ही जा रहा है। जोशीमठ की स्थिति सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो से अधिक भयावह है।
- वैज्ञानिकों की रिपोर्ट की मानें तो जोशीमठ बड़ी तेजी से धंस रहा है। इसरो के वैज्ञानिकों के मुताबिक, 12 दिनों में जोशीमठ 5.4 सेंटीमीटर तक धंस गया है।
ISRO Joshimath Alert : जोशीमठ में खतरा बढ़ता ही जा रहा है। जोशीमठ की स्थिति सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों वीडियो से अधिक भयावह है। अब इसे लेकर इसरो यानी भारतीय स्पेस एजेंसी ने बड़ा अलर्ट जारी कर दिया है।
इसरो के अलर्ट के मुताबिक, 12 दिन में जोशीमठ 5.4 सेंटीमीटर धंस गया है। आपको बता दें ISRO ने सैटेलाइट तस्वीरें भी जारी की हैं। इसरो ने अपने बयान में कहा है कि 5.4 सेंटीमीटर जोशीमठ धंस गया है। जबकि अप्रैल-नवंबर 2022 के बीच जोशीमठ में 9 सेंटीमीटर का धसाव दर्ज किया गया था।
वैज्ञानिकों की रिपोर्ट की मानें तो जोशीमठ बड़ी तेजी से धंस रहा है। इसरो के वैज्ञानिकों के मुताबिक, 12 दिनों में जोशीमठ 5.4 सेंटीमीटर तक धंस गया है।
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जानकारी के अनुसार 27 दिसंबर 2022 और 8 जनवरी 2023 के बीच जोशीमठ में 5.4 सेंटीमीटर भूधसाव हुआ था। जनवरी की शुरुआत में भूधसाव में तेजी आई है।
आइए जानते हैं कब – कब धंसा जोशीमठ
इसरो के अलर्ट के मुताबिक, नवंबर 2022 में जोशीमठ 8.9 सेंटीमीटर धंस गया । इस धसाव की तस्वीरें
कार्टोसैट-2 S सैटेलाइट की मदद से जारी की गई हैं। भू-धसाव पर प्रारंभिक रिपोर्ट ने इसरो के वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ा दी है।
विशेषज्ञों के अनुसार, जोशीमठ में सबसे अधिक खतरा आर्मी हेलीपैड, नरसिंह मंदिर और सेंट्रल जोशीमठ में है। फिलहाल जोशीमठ की हालत बारिश, बर्फबारी , जमीन के धंसने और भूकंप के हल्के झटके ने और खराब कर दी है। जोशीमठ के निवासी प्रकृति के इस बदलाव से परेशान हो गए हैं।
आपको बता दें कि उत्तराखंड में बीती रात भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गये। रात के 2 बजकर 12 मिनट पर भूकंप के झटके लगे। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 2.9 रही। बताएं की भूकंप का केंद्र जोशीमठ से सिर्फ 250 किमी दूर था। हालांकि, वैज्ञानिक अब भी जोशीमठ में जमीन धंसने के बाद घरों-सड़कों में दिखाई देने वाली दरारों की स्टडी कर रहे हैं।
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इसरो की रिपोर्ट पर जोशीमठ के डीएम ने कहा है कि “वैज्ञानिकों की टीम इस पर अभी अध्ययन कर रही है। हम लगातार जोशीमठ को बचाने की नीति पर काम कर रहे हैं। ड्रेनेज सिस्टम जल्द सही किया जाएगा। कुछ परिवारों के स्थायी पुनर्वास के लिए भी हम विचार कर रहे हैं।“
जोशीमठ से राहत की खबर ये है कि जेपी के पास पानी का रिसाव बहुत कम हो गया है। पिछले 2-3 दिनों में दरार भी पड़ना कम हुई है। यह जोशीमठ के लिए सुखद खबर है।
भले ही जिले के डीएम ने लोगों में कहीं – न- कहीं उम्मीद जताने की कोशिश की है लेकिन अभी भी जोशीमठ के लोग डर के साये में जीने को मजबूर हैं। जोशीमठ में राहत का काम चल रहा है , कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है और यहां के नागरिक इसी उम्मीद के साथ दिन गुजार रहें हैं कि काश यह खतरा टस जाए।
लेकिन सच्चाई क्या है ये सब जानते हैं। कहते हैं उम्मीद पर दुनिया कायम है तो क्या कोई एक उम्मीद अभी भी बची है जिससे जोशीमठ बचाया जा सकता है।