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Journalist Siddique Kappan: पत्रकार सिद्दीकी कप्पन हुए जेल से रिहा, हाथरस कांड में हिंसा भड़काने का था आरोप

Journalist Siddique Kappan: 28 महीने बाद सिद्दीकी कप्पन को मिली जमानत, इन धाराओं में हुई थी गिरफ्तारी

Highlight

  • जेल में बंद पत्रकार सिद्दीकी कप्पन 2 फरबरी को जेल से रिहा  हो गए।
  • कप्पन पर हाथरस मामले में हिंसा भड़काने की साजिश रचने के आरोप है।

Journalist Siddique Kappan: लखनऊ जिला जेल में बंद पत्रकार सिद्दीकी कप्पन कल यानी बृहस्पतिवार को जेल से रिहा हो गए। कप्पन ने बताया वह 28 माह से जेल में बंद था। फिलहाल न्याय की जीत हुई और हाईकोर्ट से मुझे जमानत मिली। जिला जेल के जेलर राजेन्द्र सिंह के मुताबिक सिद्दीकी कप्पन को कानूनी औपचारिकताएं पूरी कर के उसे रिहा कर दिया गया। बुधवार रात करीब आठ बजे कप्पन का रिहाई का आदेश जेल पहुंचा था।

आपको बता दें सिद्दीकी कप्पन पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए), राजद्रोह (124-ए), धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना (153-ए), धार्मिक भावनाओं (295-ए) की धारा 17 और 18 और आईटी अधिनियम की धारा 65, 72 और 75 की के तहत मामला दर्ज किया गया था। बता दें  पिछले साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी, मगर ईडी की ओर से मनी लॉन्ड्रिंग के केस की वजह से वह बाहर नहीं आ पाए थे।

वहीं जस्टिस दिनेश कुमार सिंह ने अपने फैसले में कहा कि मनी लांड्रिंग के इस मामले में केवल पांच हजार रुपये का ट्रांजिक्शन मिला। ये रकम कप्पन ने सह आरोपी अतीकुर रहमान के खाता में ट्रांसफर की थी। कोर्ट का कहना था कि लेन-देन की रकम एक करोड़ से कम है लिहाजा उसकी जमानत मंजूर की जाती है। कोर्ट का ये भी मानना था कि उन्हें नहीं लगता कि कप्पन भविष्य में इस तरह का काम फिर से करेगा।

कप्पन की जमानत संबंधी दो बंध पत्र (श्योरिटीज) बुधवार को लखनऊ की अदालत में जमा कर दिया गया, जिससे उनकी जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया और 2 फरवरी को (बुधवार) उनकी रिहाई हुई। मंगलवार को विशेष अदालत धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) में जज के नहीं होने के कारण एक-एक लाख रुपये के दो बंध पत्र जमा नहीं हो सके थे।

आपको बता दें केरल के मलप्पुरम निवासी सिद्दीकी कप्पन को  मथुरा पुलिस ने 5 अक्तूबर 2020 को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। कप्पन पर हाथरस मामले में हिंसा भड़काने की साजिश रचने के आरोप है। दिसम्बर 2021 को मथुरा जेल से लखनऊ जिला जेल में शिफ्ट किया। तब से कप्पन लखनऊ जेल मे बंद था।

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हालांकि, पिछले साल सितंबर में उन्हें आतंकी मामले में और दिसंबर में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिल गई थी। हैरानी की बात है सिद्दीकी कप्पन को जमानत देने में फिर भी काफी समय लग गया। पुलिस ने दावा किया कि सिद्दीकी कप्पन और उसके साथ गिरफ्तार किए गए अन्य लोग प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसकी छात्र शाखा कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया के सदस्य हैं। हालांकि, कप्पन ने आतंकी गतिविधियों या वित्तपोषण में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है।

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