Ratan Tata: मानवता की मिसाल पेश करते हैं देश के सबसे बड़े उद्योगपति रतन टाटा
Highlights
- देश के जाने माने उद्योगपति रतन टाटा ने गुरुवार को एक अहम खुलासा किया है।
- असम में 7 कैंसर अस्पतालों के उद्घाटन और इतने ही नए अस्पतालों की आधारशिला रखे जाने के एक कार्यक्रम में टाटा ने खुलासा किया है कि वो अपनी जिंदगी को अब स्वास्थ्य के लिए समर्पित कर चुके हैं।
Ratan Tata: देश के जाने – माने उद्योगपति रतन टाटा ने गुरुवार को एक अहम खुलासा किया है। असम में 7 कैंसर अस्पतालों के उद्घाटन और इतने ही नए अस्पतालों की आधारशिला रखे जाने के एक कार्यक्रम में टाटा ने खुलासा किया है कि वो अपनी जिंदगी को अब स्वास्थ्य के लिए समर्पित कर चुके हैं। रतन टाटा ने कहा कि उन्होंने अपनी जिंदगी के आखिरी वर्षों को हेल्थ के लिए समर्पित कर दिया है।इसी संदर्भ में आज हम रतन टाटा के ज़िंदगी के कुछ पहलुओं के बारे में आपको बताएंगे।
रतन टाटा – Tata सन्स कंपनी फार्मर चेयरमैन रह चुके हैं। भारत सरकार ने रतन टाटा को दो बार पद्म विभूषण से सम्मानित किया है। आपको बता दें कि यह सम्मान देश के दूसरे और तीसरे सर्वोच्च नागरिक को दिया जाता है। इतना ही नहीं टाटा का बिजनेस 100 देशों में फैला हुआ है और उनकी कंपनी में करीब 6:30 लाख लोग काम करते हैं।
टाटा की सबसे खास बात यह रही है कि यह हमेशा ही जरूरतमंदो के लिए सामने आया है। रतन टाटा की अपने फायदे का 60% चैरिटी में दान करते हैं और यही वजह है कि देश का हर नागरिक रतन टाटा को इतनी इज्जत देता है। टाटा ग्रुप को इस मुकाम पर पहुंचाने में रतन टाटा का बहुत बड़ा योगदान है|
रतन टाटा की वो खास बातें जो आपको जानना चाहिए –
- वह भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी के मालिक हैं।
- वह 5 सितारा होटलों की सबसे बड़ी श्रृंखला के ओनर है।
- उनकी कंपनियां भारतीय अर्थव्यवस्था की बेस हैं।
- वह भारत के सबसे सफल बिजनेस मैन हैं।
- वह कई एयरलाइंस और निजी जेट के मालिक हैं।लेकिन उनकी सबसे खास बात यह है कि वह इकोनॉमी क्लास में यात्रा करते है।
रतन टाटा देश के जाने माने उद्योगपति हैं, वह अकेले ऐसे बिजनेसमैन हैं जो अपने कारोबार के साथ ही लोगों के प्रति मदद के लिए भी सबसे आगे रहते हैं और यही वजह है कि हर भारतीय उन्हें इतनी इज्जत की नजर से देखता है। रतन टाटा अपनी दरियादिली की वजह से भी अधिक प्रख्यात हैं। अक्सर रतन टाटा ऐसे काम करते देखे गए हैं, जब उनके काम ने लोगों के दिलों पर राज किया है। उनके बारे में वैसे तो बहुत सी बातें प्रचलित हैं लेकिन हम यहाँ कुछ एक बातों का जिक्र करने वाले हैं।
रतन टाटा निस्संदेह हमारे देश के सबसे पसंदीदा और सम्मानित व्यक्तित्वों में से एक है। वह बिजनेस विजन रखने के अलावा नेक दिल के भी हैं जो प्रसिद्ध या सफलता से कभी डायवर्ट नहीं हुए। ज़िंदगी ने उन्हें सब कुछ दिया लेकिन 82 वर्षीय बिजनेसमैन ने निश्चित रूप से हमें जीवन के महत्वपूर्ण सीख सिखाए हैं जो हमें बेहतर इंसान बनने में मदद कर सकते हैं और इसलिए भारत में एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं है जिसने उनका नाम नहीं सुना है या उनसे प्रेरित नहीं हुआ हो।
एक समय था जब भारत में वैश्वीकरण एक नई अवधारणा थी। कोई इसका मतलब तक नहीं जानता था रतन टाटा ने न केवल बड़े अधिग्रहणों में बल्कि भारत के टॉप बिजनेस लीडर्स की मानसिकता को बदलने में भी अहम भूमिका निभाई है। साल
2000 में टाटा टी द्वारा टेटली के अधिग्रहण के साथ, टाटा ने खरीदारी की होड़ में केवल 9 वर्षों में 36 कंपनियों को अपने नाम किया।
भारत में लाया कार रेवोल्युशन-
रतन टाटा ने आम लोगों की कार के सपने को साकार करने के लिए लखटकिया कार नैनो पेश की। इस सफलता को पाने में टाटा को काफी लंबा वक्त लगा और कई निराशाओं का भी सामना करना पड़ा, फिर भी उन्होंने मूल्यों एवं नैतिक मानकों को बनाए रखने की कोशिश की। रतन टाटा का कहना है कि वह इस बात को लेकर संतुष्ट रहते हैं कि जो भी उन्होंने सही समझा उसे करने का पूरा प्रयास किया। विमान उड़ाने के खासे शौकीन रतन की चाहत अब परोपकारी गतिविधियों में खुद को बनाए रखना है और यह उनके कामों में झलकता है।
रतन अपने पीछे एक ऐसी विरासत छोड़ गए हैं, जिसके कारण कारोबारी दुनिया में उनकी विशेष पहचान रही है और आगे भी रहेगी। रतन टाटा जैसा व्यक्तित्व उदाहरण है कोशिशों से सफलता को जीतने की उम्मीद की।