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जाने योग कोरोना के माइल्ड इंफेक्शन को दूर करने में कैसे है बेहद फायदेमंद

कोरोना के माइल्ड इंफेक्शन को दूर करने के लिए ये 3 योगासन है बेहद फायदेमंद


हर साल हमारे देश में 21 जून को अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इस मौके पर हर कोई सुबह उठकर योग करता है। योग को और उसके महत्व को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए साल 2015 में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत की गई थी। इस साल सातवां अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। आज के समय में हम में से ज्यादातर लोगों की जिंदगी में योग एक अहम हिस्सा बन चुका है। जैसा की हम सभी लोग जानते है कि आज के समय में हमारा लाइफस्टाइल काफी ज्यादा भागदौड़ भरा हो गया है। इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हमे खुद को स्वस्थ बनाए रखने के लिए हम सभी लोगों को योग की आवश्कता पड़ती है। अभी चल रहे कोरोना काल में तो योग का महत्व पहले से और भी ज्यादा बढ़ गया है। कोरोना से ठीक होने के बाद भी योग ने लोगों को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

एसिडिटी के लिए बेहद फायदेमंद है ये योगासन

कोरोना के माइल्ड इंफेक्शन को दूर करने में योग है बेहद फायदेमंद

क्या आपको पता है कोरोना के माइल्ड इंफेक्शन को दूर करने में योग बेहद फायदेमंद है सिर्फ हमने ही नहीं बल्कि मेडिकल एक्सपर्ट्स ने भी इस बात को माना है कि योग के द्वारा माइल्ड इनफेक्शन कॉम्प्लिकेशंस और पोस्ट इनफेक्शन कॉम्पेक्सिटी को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इतना ही नहीं इसके साथ ही साथ नार्मल डे में भी योग इम्युनिटी बढ़ाने के साथ ही कोरोना से बचाव में भी हमारी मदद करता है। इसलिए उन योग व एक्सरसाइज टेक्नीक्स के बारे में जाने जो इंफेक्शन फेज, पोस्ट इंफेक्शन कॉम्प्लीकेशन फेज में शरीर को क्योर करने में हमारी मदद करते है।

अनुलोम-विलोम: आपको बता दे कि अनुलोम विलोम करते हुए नाक के एक नथुने से सांस छोड़ते हैं और फिर जिससे सांस छोड़ी है उसी से वापस सांस लेते है। अगर आप अनुलोम विलोम करना चाहते है तो इसके लिए सबसे पहले आपको अपनी सुविधानुसार पद्मासन, सिद्धासन, स्वस्तिकासन अथवा सुखासन में बैठना होगा। उसके बाद आपको अपने हाथ के अंगूठे से नासिका के दाएं छिद्र को बंद करना होगा। उसके बाद नासिका के बाएं छिद्र से 4 तक की गिनती में सांस भरें और उसके बाद दूसरे नासिका के छिद्र से छोड़ दे। आपको लगातार कुछ समय तक यह करते रहना है।

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कपालभाति: अगर आप रोजाना कपालभाति करते है तो इससे आपके फेफड़ों की क्षमता में सुधार आएगा। साथ ही साथ यह आपके सांस लेने के रास्ते से बलगम को साफ करता है और आपको राहत देता है। इसके लिए आपको सबसे पहले आराम से बैठना होगा उसके बाद अपनी कमर को सीधा और आँखे बंद करनी होगा। उसके बाद आपको अपनी हथेलियों को अपने घुटनों पर रखना होगा और नाक के द्वारा तेजी से सांस लेनी और छोड़नी होगी।

Respiratory System

साई से आपको मिलती है राहत: आपको बता दे कि यह प्राणायाम का ही हिस्सा है। इसलिए यह ब्रीदिंग टेक्नीक कई मामलों में कारगर है। यह आपके शरीर में ऑक्सीजन के फ्लो को बढ़ाता है साथ ही साथ आपके शरीर को हल्का महसूस करने में मदद करता है। इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले आपको नाक के अंदर सांस भरनी है। उसके बाद आपको ज्यादा से ज्यादा सांस को अंदर लेने के बाद सांस छोड़ते हुए पाउट बनाना होगा। उसके बाद आपको अपने लिप्स को सिकोड़ कर एक चोंच जैसा बनाना होगा। उसके बाद आपको थोड़ी सी हा की आवाज के साथ सांस को बाहर छोड़ना होगा।

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