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Dawood Ibrahim Life कहानी मोस्ट वांटेड दाऊद इब्राहिम की
विदेश

Dawood Ibrahim Life: मुंबई की स्लम से डी कंपनी का मुखिया कैसे बन गया दाऊद इब्राहिम?

Dawood Ibrahim Life: भारत के मोस्टवॉन्टेड दाऊद इब्राहिम को पाकिस्तान में उसके घर के भीतर ही जहर दे दिया गया है।

Dawood Ibrahim Life: कहानी भारत के मोस्ट वांटेड दाऊद इब्राहिम की


Dawood Ibrahim Life: पाकिस्तान से सरहद को लांघते हुए एक सनसनी खबर आ रही। इस खबर में यह दावा किया जा रहा है कि भारत के मोस्ट वांटेड दाऊद इब्राहिम को पाकिस्तान में उसके घर के भीतर ही जहर दे दिया गया  है। इस रिपोर्ट में उसके गंभीर हालत में अस्पताल में होने का जिक्र है। बता दे की 67 साल का अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम बीते करीब 30 साल से कराची में रहता है।

कौन है दाऊद इब्राहिम?

किसी जमाने में मुंबई का भाई कहा जाने वाला दाऊद इब्राहिम 1993 मुंबई धमाकों का मास्टरमाइंड है। भारत से भागकर वो पिछले तीन दशकों से पाकिस्तान में ही छुपा हुआ है। गौरतलब है कि 1993 के सीरियल ब्लास्ट में 250 से अधिक लोग मारे गए थे और हजारों लोग घायल हो गए थे। भारतीय सुरक्षा अधिकारियों की मानें तो दाऊद इब्राहिम कराची के पॉश इलाके क्लिफ्टन में रहता है, लेकिन पाकिस्तान हुकूमत इस बात से इनकार करता रहा है।

आज आपको हम दाऊद के जीवन की टाइमलाइन समझातें है। जिससे आप दाऊद के बारे में काफी कुछ जान पाएंगे….

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कब दाऊद इब्राहिम ने छोड़ा था भारत?

दाऊद इब्राहिम के भांजे अलीशाह की माने तो दाऊद इब्राहिम ने 1986 के बाद भारत छोड़ दिया था। इसके अलावा अलीशाह ने यह भी बताया था कि अब न तो मैं और न ही मेरा परिवार दाऊद के संपर्क में हैं। हां, लेकिन अलीशाह ने यह भी बताया था कि कभी-कभी यानी ईद, दीवाली या और किसी फेस्टिवल के मौकों पर दाऊद की पत्नी महजबीन दाऊद इब्राहिम से संपर्क करती है।’

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मुंबई की स्लम से डी कंपनी का मुखिया बना दाऊद?

  • मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, दाऊद इब्राहिम का 1955 में मुंबई में जन्म हुआ और मुंबई के स्लम एरिया में ही वो बड़ा हुआ। आपको ये जानकर काफी हैरानी होगी कि दाऊद के पिता एक पुलिस कांस्टेबल थे और वो कम उम्र में ही चोरी, डकैती आदि में शामिल हो गया था।
  • जब दाऊद महज 19 साल का था, तब ही उसने गैंगस्टर की दुनिया में पहला कदम रखा था। बता दे की 19 साल की उम्र में ही वो हाजी मस्तान यानी उस समय के मुंबई का सबसे बड़ा डॉन का करीबी सहयोगी बन गया था। लेकिन फिर मुंबई पुलिस ने हाजी मस्तान का शासन खत्म करने के लिए दाऊद का सहारा लिया और दाऊद को मस्तान से लड़ने के लिए कहा। उधर दाऊद ने भी मस्तान की जगह लेने के लिए उसे सीधा मुकाबला किया।
  • कहा जाता है उस वक्त यानी 1974 में दाऊद के काफी दुश्मन भी बन गए थे और कहा तो ये भी जाता है कि एक बार गैस स्टेशन पर तीन हत्यारों ने दाऊद और शब्बीर दोनों ही को घेर लिया था। जहां शब्बीर तो मारा गया, लेकिन दाऊद फरार हो गया।
  • कहतें है इसके बाद तो दाऊद और भी खतरनाक हो गया था और तीन साल की अवधि में दाऊद ने अपने भाई की हत्या में शामिल सभी तीन हत्यारों को मार डाला था। जबकि दूसरी तरफ मुंबई पुलिस ने दाऊद को मस्तान के खिलाफ कर दिया था और तब हिंसा के मामले इतने बढ़ गए कि पुलिस के लिए संभालना मुश्किल हो गया था।
  • इसके बाद दाऊद पर 1984 में हत्या का आरोप लगाया गया था। कहा जाता है कि इसी आरोप के बाद दाऊद दुबई भाग गया था। वहां जा कर दाऊद ने अपने घर में क्राइम के बड़े मास्टरमाइंड यानी छोटा राजन को को बुलाया और अपनी ‘डी कंपनी’ चलाने के लिए कहा।
  • भारत ने 1991 में जैसे ही विदेशी देशों के लिए अपना बाजार खोला तो कालाबाजारी का जमाना पुराना हो चला था।  फिर धीरे-धीरे मुंबई के डॉक पर दाऊद की खेप वाले जहाजों की संख्या भी कम हो गई। कहा जाता है कि उसी साल पुलिस और डी कंपनी के मेंबर्स में जमकर गोलाबारी हुई थी।  जिसके बाद दाऊद कभी भी सामने नहीं आया।गौरतलब है की दाऊद इब्राहिम को साल 2008 में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित किया गया।

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