Women’s U19 T20 World Cup: देश की बेटियों ने जीता विश्व कप का खिताब, जानें इन धाकड़ बेटियों को
Women’s U19 T20 World Cup: भारत ने जीता अंडर – 19 महिला क्रिकेट टी20 विश्व कप का खिताब, किया देश का नाम रोशन
- देश की धाकड़ बेटियों ने आईसीसी अंडर – 19 महिला क्रिकेट टी20 विश्व कप का खिताब अपने नाम कर लिया है।
- विदेश की धरती पर भारत की इन बेटियों ने अपने चौके – छक्कों से इंग्लैंड को हार का स्वाद चखाया।
- आइए एक नज़र डालते हैं भारत की इन 15 बेटियों पर जो आज देश के लिए एक शान हैं।
Women’s U19 T20 World Cup: देश की बेटियों ने जीता विश्व कप का खिताब, जानें इन धाकड़ बेटियों को: देश की धाकड़ बेटियों ने आईसीसी अंडर – 19 महिला क्रिकेट टी20 विश्व कप का खिताब अपने नाम कर लिया है। विदेश की धरती पर भारत की इन बेटियों ने अपने चौके – छक्कों से इंग्लैंड को हार का स्वाद चखाया। आपको बता दें इतिहास में पहली बार भारतीय अंडर – 19 महिला क्रिकेट टीम घर विश्व कप लेकर आई है। भारतीय टीम ने फाइनल में इंग्लैंड को 7 विकेट से हराया।
भारत ने शेफाली वर्मा की कप्तानी में खिताब जीता। भारत के लिए सौम्या तिवारी, त्रिशा और अर्चना देवी ने शानदार प्रदर्शन किया। इनके अलावा सभी खिलाड़ियों ने अपने रोल दमदार तरीके से निभाए। आइए एक नज़र डालते हैं भारत की इन 15 बेटियों पर जो आज देश के लिए एक शान हैं।
1. शेफाली वर्मा- कप्तान शेफाली वर्मा ने इस पूरे टूर्नामेंट में गेंद और बल्ले से शानदार खेल दिखाया है। आपको बता दें शेफाली ने 15 साल की उम्र में ही सीनियर टीम के लिए डेब्यू किया था। शेफाली रोहतक की रहने वाली हैं। शेफाली ने अपनी शानदार कप्तानी में देश को जीत दिलाई।
2. श्वेता सेहरावत – दिल्ली की रहने वाली श्वेता सेहरावत इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाली बल्लेबाज रहीं। आपको बता दें श्वेता टाम की उप कप्तान भी हैं। टीम की उपकप्तान श्वेता ने सात मुकाबलों में 99 की अद्भुत औसत से 297 रन बनाए, जिसमें तीन अर्धशतक शामिल थे। श्वेता और शेफाली की जोड़ी ने भारत को पूरे टूर्नामेंट में शानदार शुरुआत दिलाई।
3. सौम्या तिवारी – फाइनल मुकाबले में मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज सौम्या तिवारी ने नाबाद 24 रनों की उपयोगी पारी खेली। सौम्या भोपाल की रहने वाली हैं और विराट कोहली को अपनी प्रेरणा मानती हैं। सौम्या को उनकी टीम अपनी विराट कहकर बुलाती है।
4. गोंगाडी त्रिशा- फाइनल मुकाबले में गोंगाडी त्रिशा ने उपयोगी 24 रन बनाए। त्रिशा का जन्म तेलंगाना के बद्राचलम में हुआ था गोंगाडी त्रिशा के पिता ने अपनी बेटी का क्रिकेट करियर बनाने के लिए जॉब छोड़ दी थी और हैदराबाद चले गए। त्रिशा राउंड-आर्म एक्शन के साथ लेग-स्पिन गेंदबाजी भी कर सकती हैं।
5. ऋचा घोष- विकेटकीपर बल्लेबाज ऋचा घोष ने 16 साल की उम्र में ही सीनियर टीम में अपनी जगह बना ली थी। ऋचा घोष बड़े शॉट्स खेलने में महारत हासिल है। ऋचा के नाम भारत की ओर से वूमेंस ओडीआई में सबसे तेज फिफ्टी जड़ने का रिकॉर्ड दर्ज है। सिलीगुड़ी की रहने वाली ऋचा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज में भी कुछ धमाकेदार पारियां खेली थीं।
6. हर्षिता बसु – ऋचा घोष की तरह हर्षिता बसु भी एक विकेटकीपर हैं और वह निचले क्रम में आकर तेजी से रन स्कोर करने की क्षमता भी रखती हैं। स्कूप शॉट हर्षिता बसु मैदान पर काफी एक्टिव रहती हैं और वह वह तकनीकी रूप से मजबूत हैं।
7. टिटास साधु- फाइनल में दो विकेट चटकाकर टिटास साधु प्लेयर ऑफ द मैच रहीं।टिटास साधु को भारतीय टीम का भविष्य कहा जा रहा। पश्चिम बंगाल से आने वाली टिटास साधु दिग्गज गेंदबाज झूलन गोस्वामी की तरह ही गेंद को स्विंग और बाउंस कराने की काबिलियत रखती हैं।
8. मन्नत कश्यप- बाएं हाथ की ऑलराउंडर मन्नत कश्यप का प्रदर्शन भी काफी शानदार रहा।. पटियाला में पैदा हुईं मन्नत कश्यप ने बचपन में ज्यादातर क्रिकेट लड़कों के साथ खेली।
9. अर्चना देवी- भारतीय टीम की जीत में स्पिन गेंदबाजों का अहम रोल रहा। 18 साल की अर्चना देवी ने भी इस दौरान अहम भूमिका निभाई। अर्चना देवी ने सभी सात मैचों में भाग लिया और इस दौरान उन्होंने कुल आठ विकेट हासिल किए।अर्चना की क्रिकेट की जर्नी आसान नहीं रही है। अर्चना की मां दूसरे के खेतों में मजदूरी कर चुकी हैं और अर्चना के पिता इस दुनिया में नहीं हैं।
10. पार्श्वी चोपड़ा – दाएं हाथ की लेग स्पिनर पार्श्वी चोपड़ा इस टूर्नामेंट भारत की ओर से सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज रहीं। पार्श्वी पहले स्केटिंग करना चाहती थीं लेकिन पिता के कहने पर उन्होंने क्रिकेटर बनने की ठानी।
11. सोनम यादव- फिरोजाबाद की रहने वाली सोनम यादव के पिता एक मजदूर हैं। बाएं हाथ की स्पिनर सोनम अपनी गति में मिश्रण करती हैं और उन्हें फ्लाइट से बल्लेबाजों को छकाने में महारत हासिल है।
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12. सोपदांधी यशश्री- हर्ले गाला के चोटिल होने के बाद सोपदांधी यशश्री को स्क्वॉड में शामिल किया गया था। सोपदांधी यशश्री ने इस टूर्नामेंट में सिर्फ एक खेला जो स्कॉटलैंड के खिलाफ था।सोपदांधी यशश्री दाएं हाथ की मीडियम पेसर हैं और वह घरेलू क्रिकेट में हैदराबाद का प्रतिनिधित्व करती हैं।
13. फलक नाज- फास्ट बॉलर फलक नाज का एक्शन स्किडी है और वह अपनी टीम के बाकी तेज गेंदबाजों जितनी लंबी नहीं है। फलक इस टूर्नामेंट में भी एक भी मुकाबला नहीं खेल पाईं। भारत की खिताबी जीत के बाद फलक नाज के गृहनगर प्रयागराज में जमकर जश्न मनाया गया।
14. शबनम एमडी- दाएं हाथ की तेज गेंदबाज शबनम शानदार रनअप और हाई-आर्म एक्शन के साथ गेंद फेंकती हैं। आंध्रप्रदेश के विशाखापट्टनम में पैदा हुईं शबनम नई गेंद के साथ शुरू से ही सटीक रहती हैं और गेंद को दोनों तरफ घुमाती हैं।
15. सोनिया मेंधिया- हरियाणा के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाली सोनिया मेंढिया एक ऑफ स्पिनर और दाएं हाथ की बल्लेबाज हैं। वह निचले मध्य क्रम में अच्छे स्ट्राइक-रेट के साथ बल्लेबाजी करती हैं और बीच के ओवरों में अपनी गेंदबाजी से रन गति पर अंकुश लगाने की काबिलियत रखती हैं।