Inspirational Women In India: भारत की 10 ऐसी महिलाएं जिस पर देश करता है गर्व
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Inspirational Women In India: Inspirational Women In India: आइये जानते हैं कौन है ये भारतीय महिलाएं जिससे पुरा देश ले रहा प्रेरणा
Highlight
- बेटियां बेटों से किसी मामले में कम नहीं है। खेल, सिनेमा, राजनीति या फिर उद्योग जगत हर क्षेत्र में आपको कोई न कोई नाम मिल जाएगा, जो हमारी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।
- इन साहसी महिलाओं ने दुनिया को दिखा दिया है कि अगर वे ठान लें तो किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकती हैं चाहे वह विज्ञान, खेल, व्यवसाय, सिनेमा, साहित्य, कला, नागरिक सेवाएं या पुलिस सेवा हो या अन्य कोई क्षेत्र जहाँ पुरुषों का वर्चस्व रहा है।
Inspirational Women In India: आज के इस दौर में शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र है जिसमें महिलाओं ने अपना शानदार परचम ना लहराया हो। हर साल भारत की आत्मविश्वासी और अदम्य महिलाएं विविध क्षेत्रों में शानदार सफलता अर्जित कर रही हैं। वे अपनी अद्भुत उपलब्धियो से देश को भी गौरवान्वित करती हैं।
इन साहसी महिलाओं ने दुनिया को दिखा दिया है कि अगर वे ठान लें तो किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकती हैं चाहे वह विज्ञान, खेल, व्यवसाय, सिनेमा, साहित्य, कला, नागरिक सेवाएं या पुलिस सेवा हो या अन्य कोई क्षेत्र जहाँ पुरुषों का वर्चस्व रहा है। इन्होंने अन्य भारतीय महिला के लिए मार्ग भी प्रशस्त किया है और लाखों लोगो को प्रेरित किया है।
वास्तविकता भी यही है कि बेटियां बेटों से किसी मामले में कम नहीं है। खेल, सिनेमा, राजनीति या फिर उद्योग जगत हर क्षेत्र में आपको कोई न कोई नाम मिल जाएगा, जो हमारी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। फिर चाहे वह कल्पना चावला हो, मैरी कॉम हो, किरण बेदी, या फिर मशहूर अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा। तो आइए आज भारत की उन प्रेरणादायक और शक्तिशाली बेटियों से मिलवाते हैं, जिन पर सिर्फ उनके मां-बाप ही नहीं, बल्कि पूरा हिंदुस्तान गर्व करता है-
मैरी कॉम: मणिपुर की रहने मैरी कॉम एक भारतीय महिला मुक्केबाज़ हैं। वह एकमात्र भारतीय महिला हैं, जो पांच बार की विश्व एमेच्योर मुक्केबाजी चैंपियन हैं। इसके अलावा विश्व चैंपियनशिप में लगातार छह पदक जीतने का रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज है। अपने खेल के लिए वह साल 2003 में अर्जुन पुरस्कार और साल 2006 में पद्मश्री से सम्मानित की जा चुकी हैं। 2009 में वो भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गाँधी खेल रत्न पुरस्कार के लिए भी चुनीं गईं।
कल्पना चावला: कल्पना चावला अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला थी। अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने अंतरिक्ष में 31 दिन, 14 घंटे और 54 मिनट बिताए। उन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा कांग्रेस के अंतरिक्ष पदक से सम्मानित किया गया था।
किरण बेदी: किरण बेदी 1972 में भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुईं। किरण बेदी भारतीय पुलिस सेवा में शामिल होने वाली पहली भारतीय महिला थीं। यूं तो अपने कार्यों के लिए वह हमेशा सुर्खियों में रही। मगर, लाइमलाइट वह तब आईं, जब उन्होंने इंदिरा गांधी के वाहन को रोक लिया था। सरकारी सेवा के लिए 1994 में उन्हें रेमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
बछेंद्री पाल: बछेंद्री पाल (जन्म 24 मई 1954), माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला है। सन 1984 में इन्होंने माउंट एवरेस्ट फतह किया था। वे एवरेस्ट की ऊंचाई को छूने वाली दुनिया की पाँचवीं महिला पर्वतारोही हैं। वर्तमान में वे इस्पात कंपनी टाटा स्टील में कार्यरत हैं, जहां वह चुने हुए लोगो को रोमांचक अभियानों का प्रशिक्षण देती हैं।
सावित्रीबाई फुले: सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले (3 जनवरी 1831 – 10 मार्च 1897) भारत की प्रथम महिला शिक्षिका, समाज सुधारिका एवं मराठी कवयित्री थीं। उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए। वे प्रथम महिला शिक्षिका थीं। उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है। 1852 में उन्होंने बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की।
मिताली मधुमिता मिताली 2010 में काबुल में भारतीय दूतावास पर आतंकवादी हमले के दौरान अनुकरणीय साहस दिखाने के लिए सेना का पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला सैन्य अधिकारी है।
सिन्धुताई सपकाल: सिन्धुताई सपकाल अनाथ बच्चों के लिए समाजकार्य करनेवाली मराठी समाज कार्यकर्ता है। उन्होने अपने जीवन मे अनेक समस्याओं के बावजूद अनाथ बच्चों को सम्भालने का कार्य किया है।
साइना नेहवाल: साइना नेहवाल का जन्म 17 मार्च 1990 को हैदराबाद, तेलंगाना में हुआ। साइना नेहवाल भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। पिछले ओलंपिक खेलों की कांस्य पदक विजेता साइना को रियो ओलंपिक में 5वीं वरीयता प्राप्त हुई है।
इन्दिरा गांधी: इन्दिरा प्रियदर्शिनी गाँधी (19 नवंबर 1917-31 अक्टूबर 1984) वर्ष 1966 से 1977 तक लगातार 3 पारी के लिए भारत गणराज्य की प्रधानमन्त्री रहीं और उसके बाद चौथी पारी में 1980 से लेकर 1984 में उनकी राजनैतिक हत्या तक भारत की प्रधानमंत्री रहीं। वे भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं।
रानी लक्ष्मी बाई: रानी लक्ष्मीबाई (जन्म: 19 नवम्बर 1828 – मृत्यु: 18 जून 1858) मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी और 1857 की राज्यक्रांति की द्वितीय शहीद वीरांगना थीं। उन्होंने सिर्फ़ 29 साल की उम्र में अंग्रेज़ साम्राज्य की सेना से युद्ध किया और रणभूमि में वीरगति को प्राप्त हुईं।